प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को बहुत से बदलाव का अनुभव करना पड़ता है, यह बदलाव मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से देखने को मिलते है। और शारीरिक रूप में आने वाले बदलाव में से एक गर्भवती महिला का वजन बढ़ना होता है। प्रेगनेंसी के समय महिला का वजन बढ़ना बहुत अच्छी बात होती है। लेकिन यदि महिला का वजन जरुरत से ज्यादा बढ़ता है, तो यह गर्भवती महिला के साथ गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। इसीलिए प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली परेशानियों से बचने के लिए और शिशु को स्वस्थ रखने के लिए महिला के वजन का नियंत्रित रहना बहुत जरुरी होता है।
और वजन को नियंत्रित रखने के लिए डाइट करना या बहुत अधिक व्यायाम करना गर्भ में शिशु को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसीलिए वजन को नियंत्रित रखने के लिए पानी का भरपूर सेवन करना चाहिए, छोटे छोटे मील लेने चाहिए, थोड़ा बहुत योगा व् व्यायाम करना चाहिए, नींद भरपूर लेनी चाहिए, आदि। ऐसा करने से वजन को कण्ट्रोल करने में मदद मिलती है। और यदि आपका वजन प्रेगनेंसी के दौरान बहुत ज्यादा बढ़ता है तो इसके लिए एक बार डॉक्टर से भी बात करनी चाहिए। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के दौरान अधिक वजन बढ़ने के क्या नुकसान होते है।
गर्भपात का खतरा
प्रेगनेंसी के दौरान वजन अधिक होने के कारण महिला के गर्भपात होने के चांस दुगुना हो जाता है। ऐसे में महिला के लिए शिशु के बेहतर विकास के लिए वजन को प्रेगनेंसी की शुरुआत से ही नियंत्रित रखना बहुत जरुरी होता है।
आलस बढ़ जाता है
अधिक मोटापा महिला के शरीर में ऊर्जा की कमी कर देता है, जिसके कारण महिला एक्टिव रहने की बजाय आलस करने लगती है। और अधिक आलस भी बॉडी के लिए नुकसानदायक होता है साथ ही शरीर में बीमारियों को आमंत्रित कर सकता है।
प्री एक्लेम्पसिया
गर्भवती महिला का वजन अधिक बढ़ने के कारण प्री एक्लेम्पसिया जैसी समस्या हो सकती है। जिसके कारण महिला का ब्लड प्रैशर भी कण्ट्रोल में नहीं रहता है। और ब्लड प्रैशर का बढ़ना गर्भवती महिला के साथ गर्भ में पल रहे शिशु को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रेगनेंसी में बढ़ती है परेशानी
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण बहुत सी शारीरिक परेशानियां जैसे की थकान, कमजोरी, सूजन, बॉडी में दर्द आदि हो सकती है। और प्रेगनेंसी के समय यदि महिला का वजन यदि अधिक बढ़ता है तो इसके कारण इन परेशानियों का सामना अधिक बढ़ सकता है।
अल्ट्रासॉउन्ड के दौरान होती है परेशानी
अधिक वजन होने के कारण कई बार अल्ट्रासॉउन्ड के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती है, और शिशु को यदि कोई रोग है तो उसके बारे में भी पता करने में परेशानी का अनुभव हो सकता है।
डिलीवरी के दौरान परेशानी
प्रसव का समय किसी भी महिला के लिए बहुत ही परेशानी भरा होता है, ऐसे में वजन अधिक होने के कारण डिलीवरी के दौरान परेशानी का अनुभव और भी ज्यादा हो सकता है।
सिजेरियन डिलीवरी होने के चांस
अधिक वजन होने के कारण महिला के नोर्मल डिलीवरी होने के चांस बहुत ही कम होते हैं। ऐसे में महिला के सिजेरियन डिलीवरी होने के चांस बहुत ज्यादा होते है।
तो यह हैं प्रेगनेंसी के दौरान अधिक वजन बढ़ने के नुकसान, इसीलिए प्रेग्नेंट महिला को स्वस्थ रहने के लिए और गर्भ में पल रहे शिशु को स्वस्थ रखने के लिए और उसके बेहतर विकास के लिए वजन को नियंत्रित रखना चाहिए।