प्रेगनेंसी में सावधानियां, प्रेगनेंसी महिलाओं के लिए एक ऐसी शारीरिक अवस्था हैं। जहां महिला को अपनी दुगुनी केयर करने की सलाह दी जाती है। ताकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला स्वस्थ रहें और एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सके। गर्भवती महिला को अपनी बेहतर देखभाल करने की सलाह इसीलिए दी जाती है। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में बहुत से बदलाव होते हैं। साथ ही बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण महिला को शारीरिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।

और इन सभी दिक्कतों के कारण महिला की सेहत और शिशु के विकास पर कोई बुरा असर न पड़े। इसीलिए महिला को अपनी दुगुनी केयर की सलाह दी जाती है। वैसे तो प्रेगनेंसी के पूरे नौ महीने ही महिला के लिए नाजुक समय होता है। लेकिन प्रेगनेंसी के तीसरे, छठे व् नौवें महीने में महिला को ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेग्नेंट महिला को इन महीनों में किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।

प्रेगनेंसी का तीसरा महीना

गर्भावस्था का तीसरा महीना महिला के लिए बहुत अहम होता है। क्योंकि इस दौरान महिला के शरीर में तेजी से हार्मोनल बदलाव हो रहें होते हैं। जिसके कारण महिला को बहुत से शारीरिक बदलाव व् शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन साथ ही इस समय शिशु का विकास भी शुरू हो चूका होता है। ऐसे में महिला द्वारा बरती गई थोड़ी सी लापरवाही शिशु व् महिला दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकती है। साथ ही इस दौरान गर्भपात होने का खतरा भी अधिक होता है। ऐसे में महिला को सावधानी बरतने के साथ अपना ख्याल अच्छे से रखना जरुरी होता है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में कौन कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए।

गर्भावस्था के तीसरे महीने में बरतें यह सावधानियां

  • डॉक्टर से जांच जरूर करवाएं।
  • जंक फ़ूड, डिब्बाबंद आहार, कच्चे अंडे, नॉन वेज, सी फ़ूड, पपीता, अनानास, कटहल, आदि का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • ज्यादा गर्म तासीर की चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए, गलती से भी डाइट नहीं करनी चाहिए।
  • भरपूर आराम करें।
  • व्यायाम नहीं करना चाहिए।
  • यात्रा करने से बचें।
  • भागादौड़ी, भारी सामान उठाना व् सरकाना, पैरों के बाल बैठकर काम करना, झुककर काम करना, आदि से बचना चाहिए।
  • तनाव नहीं लेना चाहिए खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए।
  • कैफीन व् अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए व् उस जगह पर भी नहीं जाना चाहिए जहां कोई नशा कर रहा हो।
  • किसी तरह की दवाई का डॉक्टर से बिना पूछे सेवन नहीं करना चाहिए।
  • यदि कोई शारीरिक समस्या है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
  • सम्बन्ध बनाने से बचना चाहिए।

गर्भावस्था का छठा महीना

प्रेगनेंसी के तीसरे, छठे व् नौवें महीने में बरतें  यह सावधानियां
प्रेगनेंसी के तीसरे, छठे व् नौवें महीने में बरतें यह सावधानियां

प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही का आखिरी महीना भी बहुत अहम होता है। क्योंकि इस समय महिला का वजन भी तेजी से बढ़ रहा होता है। और पेट के बाहर निकलने के कारण महिला को थोड़ी बहुत परेशानी का अनुभव भी हो सकता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें की इस महीने शिशु के अंगों की आकृतियां बन चुकी होती है। बस अब उनका विकास तेजी से हो रहा होता है। ऐसे में शिशु के विकास में किसी भी तरह की दिक्कत न हो और आपको समय पूर्व प्रसव जैसे खतरे से बचें रहने में मदद मिल सके। इसके लिए अपना बेहतर तरीके से ध्यान रखें व् कुछ सावधानियां जरूर बरतें।

गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के छठे महीने में बरतें यह सावधानियां

  • तनाव न लें।
  • उठने, बैठने, लेटने की मुद्रा का ध्यान रखें।
  • हल्का फुल्का व्यायाम जरूर करें।
  • तरल पदार्थों को भरपूर मात्रा में लें।
  • आहार में अधिक से अधिक पोषक तत्वों को शामिल करें जैसे की हरी सब्ज़ी, अंडे, नॉन वेज, साबुत अनाज, फलों आदि का भरपूर सेवन करें।
  • पेट के बल किसी भी काम को न करें, झुककर कोई काम न करें।
  • सीढ़ियां न चढ़े।
  • भीड़भाड़, शोर व् प्रदूषण वाली जगह पर न जाएँ।
  • किसी भी शारीरिक दिक्कत को अनदेखा न करते हुए तुरंत डॉक्टर से राय लें।
  • अकेले न रहें।
  • केमिकल व् अन्य नशीले पदार्थों के संपर्क में आने बचें।
  • घर में पालतू जानवर का काम न करें।

प्रेगनेंसी का नौवां महीना

यह गर्भावस्था का वो महीना होता है जब गर्भवती महिला का इंतज़ार लगभग खत्म होने वाला होता है। क्योंकि अब तक जिस शिशु के आने के महिला सपने देख रही होती है। अब वो बहुत जल्दी महिला की गोद में आने वाला होता है। लेकिन ख़ुशी के साथ इस दौरान अपनी सेहत को भी महिला को अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि वजन बढ़ने के कारण व् डिलीवरी का समय पास आने पर भी महिला की शारीरिक परेशानियां बढ़ सकती है। और महिला द्वारा बरती गई लापरवाही महिला के साथ शिशु को भी रिस्क में डाल सकती है। ऐसे में महिला व् शिशु दोनों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो। इससे बचने के लिए नौवें महीने में महिला को बहुत सी सावधानियां बरतनी चाहिए।

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में बरतें यह सावधानियां

  • गर्भावस्था के नौवें महीने में तनाव बिल्कुल नहीं लेना चाहिए क्यों यह आपकी मुश्किलों को बहुत अधिक बढ़ा सकता है।
  • महिला को अपने उठने, बैठने, लेटने, खड़े होने, अपने खान पान सभी चीजों का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।
  • गर्भ में शिशु की हलचल का ध्यान रखना चाहिए, और कभी आपको ऐसा महसूस हो की शिशु की हलचल नहीं हो रही है। तो डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए।
  • डिलीवरी को लेकर ज्यादा सोचना नहीं चाहिए, क्योंकि डिलीवरी आपके अनुसार नहीं होगी।
  • नोर्मल प्रसव के लिए शरीर पर ज्यादा जोर नहीं डालना चाहिए।
  • प्रसव का कोई भी लक्षण बॉडी में महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
  • पेट के बल किसी भी काम को नहीं करना चाहिए।
  • नशे, केमिकल, भीड़भाड़, शोर, प्रदूषण, जानवरों के काम आदि से बचाव रखना चाहिए।
  • डिलीवरी बैग तैयार कर लें, ताकि हॉस्पिटल जाने का समय आने पर आपको किसी तरह की दिक़्कत न हो।
  • इस दौरान बिल्कुल भी अकेली न रहें, किसी का किसी को अपने साथ हमेशा रखें।
  • डॉक्टर के संपर्क में रहें।
  • यदि डिलीवरी के लिए दी गई तिथि के बाद भी आपको लेबर पेन नहीं शुरू होता है तो डॉक्टर से बात करें।

तो यह है कुछ सावधानियां जो गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के तीसरे, छठे व् नौवें महीने में बरतनी चाहिए। ताकि गर्भवती महिला और शिशु दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।

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