प्रेगनेंसी में ब्लड प्रैशर की समस्या हो तो क्या करें

गर्भावस्था में ब्लड प्रैशर

प्रेगनेंसी के दौरान महिला बहुत से शारीरिक बदलाव से गुजरती है, और बॉडी में हो रहे इन्ही बदलाव के कारण महिला को बहुत सी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है जैसे की उल्टियां होना, बॉडी में दर्द, मॉर्निंग सिकनेस, एलर्जी, मूड स्विंग्स, ब्लड प्रैशर से जुडी समस्या आदि। प्रेगनेंसी के दौरान महिला का ब्लड प्रैशर या तो कम होने की समस्या हो सकती है या ज्यादा होने की समस्या हो सकती है और दोनों ही तरह से ब्लड प्रैशर की समस्या होना गर्भवती महिला के साथ गर्भ में शिशु को भी नुकसान पहुंचा सकती है। रक्तचाप का सामान्य स्तर 120/80 mmhg होता है, और ब्लड प्रैशर का 140/90 mmhg होना या इससे भी अधिक होना ब्लड प्रैशर बढ़ने की समस्या के कारण होता है जबकि 90/50 mmhg ब्लड प्रैशर का होना कम रक्तचाप होने के कारण होता है। यदि गर्भवती महिला अपनी अच्छे से केयर करती है और समझदारी से काम लेती है तो इससे प्रेग्नेंट महिला को स्वस्थ रहने और गर्भ में शिशु के बेहतर विकास में मदद मिलती है।

रक्तचाप बढ़ने या घटने के लक्षण

  • कमजोरी व् थकावट महसूस होना।
  • सिर में दर्द, चक्कर आदि की समस्या होना।
  • अचानक से खड़े होने या बैठने पर अजीब सा महसूस होना, जैसे की चक्कर या कमजोरी का अनुभव होना।
  • धुंधला दिखाई देना।
  • ब्लड प्रैशर कम होने पर ठण्ड लगना जबकि अधिक होने पर बॉडी से पसीना निकलना।
  • बार बार पानी पीने की इच्छा होना, आदि।

प्रेगनेंसी में ब्लड प्रैशर की समस्या होने पर क्या करें

प्रेग्नेंट महिला को समय समय पर बी पी चेक करवाने की सलाह दी जाती है ऐसे में यदि गर्भवती महिला का ब्लड प्रैशर सामान्य से कम या ज्यादा हो तो महिला को अपनी ज्यादा अच्छे तरीके से केयर करनी चाहिए ताकि प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रैशर के कारण होने वाली समस्या से निजात पाने में मदद मिल सके। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेग्नेंट महिला को ब्लड प्रैशर से जुडी समस्या को दूर करने के लिए क्या करना चाहिए।

नमक

गर्भवती महिला को यदि ब्लड प्रैशर के बढ़ने की समस्या होती है तो महिला को अपने आहार में नमक की मात्रा कम लेनी चाहिए जबकि ब्लड प्रैशर कम होने पर नमक को पानी में मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है। ऐसे में महिला को ब्लड प्रैशर से जुडी परेशानी को दूर करने के लिए अपने आहार में नमक को पर्याप्त मात्रा में शामिल करना चाहिए।

तनाव

तनाव के कारण भी ब्लड प्रैशर से जुडी परेशानी हो सकती है साथ ही तनाव के कारण गर्भवती महिला को स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या होने के साथ शिशु के विकास से जुडी परेशानी भी हो सकती है। ऐसे में प्रेगनेंसी में ब्लड प्रैशर की समस्या से बचे रहने के लिए तनाव नहीं लेना चाहिए, और तनाव से बचने के लिए अपने आप को खुश रखना चाहिए, संगीत सुनना चाहिए, मैडिटेशन करें आदि।

तरल पदार्थ

रक्तचाप के बढ़ने की समस्या हो या घटने की दोनों में ही गर्भवती महिला को पर्याप्त मात्रा में पानी या अन्य तरल पदार्थो का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए। क्योंकि जितना महिला के शरीर में तरल पदार्थ की मात्रा पूरी होती है उतना ही रक्तचाप को कण्ट्रोल करने में मदद मिलती है। साथ ही कम रक्तचाप वालों को पानी, जूस या अन्य तरल पदार्थो में थोड़ा नमक डालकर इसका सेवन करना चाहिए।

कॉफ़ी

कॉफ़ी का सेवन करने से कम ब्लड प्रैशर वाली महिलाओं के रक्तचाप को सामान्य करने में मदद मिलता है जबकि हाई बी पी वाली महिलाओं को इससे परहेज करना चाहिए। साथ ही एक या दो कप से ज्यादा प्रेग्नेंट महिला को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

मुरब्बा

आंवले या सेब का मुरब्बा यदि गर्भवती महिला रोजाना खाती है तो इससे भी बॉडी में रक्तचाप को सामान्य बनाए रखने में मदद मिलती है।

लहसुन

लहसुन को भी गर्भवती महिला को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए इसका सेवन करने से धमनियों की थकान को कम करने में मदद मिलती है। जिससे हदय दर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है जिससे ब्लड प्रैशर को सामान्य रखने में फायदा होता है।

बेहतर खान पान

सही समय से खाना, खाने में भरपूर मात्रा में पोषक तत्वों को शामिल करना, हरी सब्जियों का सेवन भरपूर मात्रा में करना, आदि का ख्याल अपने खान पान में यदि गर्भवती महिला अच्छे तरीके से रखती है और भरपूर मात्रा में इसका सेवन करती है। तो इससे गर्भवती महिला को फिट रहने में मदद मिलने के साथ ब्लड प्रैशर को भी सामान्य रखने में मदद मिलती है।

व्यायाम

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को व्यायाम अधिक न करने की सलाह दी जाती है लेकिन महिला को थोड़ी देर वॉक या हल्का व्यायाम जरूर करना चाहिए। क्योंकि इससे गर्भवती महिला को एक्टिव रहने के साथ बॉडी में ब्लड फ्लो को बेहतर तरीके से होने में मदद मिलती है जिससे ब्लड प्रैशर व् अन्य शारीरिक परेशानियों से प्रेगनेंसी के दौरान बचे रहने में मदद मिलती है।

तो यह हैं कुछ खास टिप्स जिनका ध्यान प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को ब्लड प्रैशर को कण्ट्रोल करने के लिए रखना चाहिए। साथ ही महिला को समय समय पर अपना बी पी चेक करवाते रहना चाहिए, जिससे ब्लड प्रैशर के कारण गर्भवती महिला को कोई परेशानी न हो और शिशु के विकास में भी किसी तरह की रुकावट न आये।

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