प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु का विकास पूरी तरह से महिला पर ही निर्भर करता है। इसीलिए प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। यदि महिला अपने स्वास्थ्य का अच्छे से ध्यान रखती है तो इससे महिला को फिट रहने और गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर विकास में मदद मिलती है।
इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान महिला को बहुत सी शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे की उल्टियां होना, पेट दर्द, पीठ दर्द, बॉडी पेन, जी मिचलाना, मूड स्विंग्स होना, आदि। और इन सभी परेशानियों का होना प्रेगनेंसी के दौरान आम बात होती है। लेकिन कई बार कुछ महिलाओं के शरीर का तापमान प्रेगनेंसी के दौरान बढ़ जाता है यानी की महिला को फीवर महसूस होता है।
ऐसे में महिला को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए की महिला फीवर से निजात पाने के लिए किसी भी दवाई का सेवन नहीं करें। और इसके लिए डॉक्टर से राय लें क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान बिना डॉक्टरी परामर्श के दवाई का सेवन करने से शिशु को नुकसान पहुँच सकता है।
इसके अलावा बुखार का इलाज जल्द से जल्द करना चाहिए क्योंकि यदि महिला का बुखार ज्यादा बढ़ जाता है या महिला को किसी संक्रमण के कारण बुखार होता है तो इसका बुरा असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ सकता है। और शिशु को समस्या होने खतरा होता है। तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी में बुखार हो जाने पर शिशु को कौन सी समस्या होने का खतरा रहता है।
गर्भपात
गर्भवती महिला के शरीर का तापमान यदि बढ़ जाता है या महिला को संक्रमण के कारण बुखार होता है। तो इसकी वजह से गर्भ में शिशु के विकास पर नकारात्मक असर पड़ता है। जिसकी वजह से गर्भपात होने का खतरा होता है।
समय से पहले डिलीवरी
यदि महिला को बुखार अधिक होता है तो इसकी वजह से महिला की डिलीवरी समय से पहले होने का खतरा रहता है। और समय से पहले डिलीवरी होने के कारण शिशु के वजन में कमी, शिशु को जन्म दोष होने का खतरा रहता है।
शिशु के विकास में कमी
यदि प्रेग्नेंट महिला को बुखार होता है और गर्भवती महिला उसका समय से इलाज नहीं करती है या यह बुखार किसी संक्रमण के कारण होता है तो इसके कारण शिशु के विकास में कमी आने का खतरा होता है। क्योंकि संक्रमण के वायरस शिशु तक पहुंचकर शिशु के शारीरिक के साथ मानसिक विकास में बाधा डाल सकते हैं।
तो यह हैं कुछ समस्याएँ जो गर्भवती महिला को बुखार होने पर गर्भ में पल रहे शिशु को हो सकती है। ऐसे में महिला को साफ़ सफाई का, अपने खान पान का व् अन्य बातों का प्रेगनेंसी के दौरान ध्यान रखना चाहिए। ताकि महिला को संक्रमण व् बिमारियों से बचे रहने में मदद मिल सके और शिशु के विकास में किसी भी तरह का खतरा नहीं आये।