प्रेगनेंसी के दौरान सबसे ज्यादा मुश्किल महिला को यह समझने में आती है की महिला को क्या खाना चाहिए और क्या पीना चाहिए। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला जो भी खाती है या पीती है उसका असर केवल गर्भवती महिला की सेहत पर ही नहीं पड़ता है बल्कि उससे गर्भ में पल रहा शिशु भी प्रभावित होता है।
ऐसे में यदि महिला कुछ ऐसी चीज खा लेती है या पी लेती है जो महिला को नहीं खानी चाहिए या पीनी चाहिए, साथ ही महिला किसी चीज का सेवन जरुरत से ज्यादा कर लेती है तो उसका असर बुरा गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ता है। आज इस आर्टिकल में हम प्रेगनेंसी के दौरान चाय के सेवन के बारे में बात करने जा रहे हैं।
गर्भावस्था में चाय का सेवन करें या नहीं?
प्रेगनेंसी एक ऐसा समय होता है जब महिला को कई बार अपनी पसंदीदा चीजों के सेवन को छोड़ना पड़ता है। क्योंकि गर्भावस्था में सही खान पान माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। ऐसे ही प्रेगनेंसी के दौरान यदि महिला चाय का सेवन करना चाहती है तो महिला कर सकती है। लेकिन महिला को चाय का सेवन बहुत ही कम मात्रा में करना चाहिए।
जैसे की महिला यदि पहले दिन में तीन चार बार चाय पी लेती थी तो अब महिला को एक या दो बार ही चाय पीनी चाहिए और वो भी कम मात्रा में पीनी चाहिए। क्योंकि चाय में कैफीन की मात्रा अधिक होती है और कैफीन गर्भ में पल रहे शिशु के विकास को नुकसान पहुंचा सकता है। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको एक कप चाय से आपके गर्भ में पल रहे शिशु को कितना नुकसान पहुँच सकता है उसके बारे में बताने जा रहे हैं।
प्रेगनेंसी में चाय पीने से शिशु को होने वाले नुकसान
गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के दौरान यदि चाय का ज्यादा सेवन करती है तो इससे गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत को नुकसान पहुँचने का खतरा रहता है। जैसे की:
पेट सम्बंधित समस्या हो सकती है
चाय का सेवन अधिक करने के कारण गर्भवती महिला को कब्ज़, दस्त, पेट में गैस, डायरिया की समस्या होने का खतरा रहता है। और प्रेगनेंसी के दौरान यदि डायरिया यानी उल्टी दस्त की समस्या अधिक हो जाये तो इसके कारण न तो गर्भ में शिशु को अच्छे से पोषण मिलता है जिससे शिशु के विकास में कमी आती है, साथ ही दस्त की समस्या अधिक होने के कारण गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है।
भूख में कमी
चाय का सेवन ज्यादा करने के कारण गर्भवती महिला की भूख में कमी आती है। और भूख कम लगने के कारण महिला अच्छे से अपनी डाइट नहीं लेती है जिसके कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। और शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण महिला की शारीरिक परेशानियां बढ़ने के साथ शिशु के विकास में कमी आने का भी खतरा होता है। जिसकी वजह से जन्म के समय शिशु के वजन में कमी जैसी समस्या देखने को मिल सकती है।
कैफीन का प्रभाव
चाय में कैफीन की अधिकता होती है और कैफीन का शरीर में जरुरत से ज्यादा होना महिला की दिक्कतों को बढ़ा सकता है। साथ ही जरुरत से ज्यादा कैफीन का सेवन करने के कारण गर्भ में पल रहे शिशु के विकास पर भी बुरा असर डालता है। जिसके कारण शिशु के शारीरिक व् मानसिक विकास में कमी आने का खतरा रहता है।
तो यह है प्रेगनेंसी के दौरान चाय पीने के कारण गर्भ में पल रहे शिशु हो होने वाली दिक्कतें, ऐसे में प्रेग्नेंट महिला चाय का सेवन करते समय ध्यान रखना चाहिए की महिला ज्यादा चाय नहीं पीएं, खाली पेट चाय नहीं पीएं, काली या तेज अदरक डालकर चाय नहीं पीएं, आदि। क्योंकि इन सभी कारणों की वजह से महिला और शिशु दोनों को दिक्कत होने का खतरा रहता है।