प्रेगनेंसी में देरी से सोना
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को छोटी से छोटी बात का अच्छे से ध्यान रखना पड़ता है, चाहे वो खाने को लेकर हो या सोने को लेकर हो। क्योंकि महिला प्रेगनेंसी के दौरान जितना बेहतर तरीके से अपना ध्यान रखती है उतना ही प्रेग्नेंट महिला को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है साथ ही गर्भ में शिशु के विकास को भी बेहतर तरीके से होने के चांस बढ़ते हैं। लेकिन आज कल मोबाइल, टी वी या अन्य किसी काम के चक्कर में देर से सोना तो जैसे लाइफ का हिस्सा बन चूका है, लेकिन प्रेग्नेंट महिला को इस लापरवाही को करने से बचना चाहिए। क्योंकि पूरे दिन में जहां आठ घंटे की नींद महिला के लिए जरुरी है, उतना ही जरूरी महिला का समय पर सोना भी है। क्योंकि यदि महिला रात को देरी से सोती है और सुबह नींद पूरी करके देरी से उठती है तो भी प्रेगनेंसी के दौरान महिला की परेशानियां बढ़ सकती है।
प्रेगनेंसी में देर से सोने के नुकसान
गर्भवती महिला के लिए पूरी नींद लेने के साथ -साथ समय पर सोना भी बहुत जरुरी है क्योंकि यदि महिला समय पर नहीं सोती है तो इसके कारण गर्भवती महिला का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। और गर्भवती महिला की परेशानी का बढ़ना शिशु पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेग्नेंट महिला को देर से सोने के क्या- क्या नुकसान हो सकते हैं।
इम्यून सिस्टम
गर्भवती महिला के इम्यून सिस्टम का मजबूत होना प्रेग्नेंट महिला और शिशु दोनों को संक्रमण से सुरक्षित रखने में मदद करता है। लेकिन गर्भवती महिला के देरी से सोने के कारण इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने वाली बॉडी में मौजूद सफ़ेद रक्त कणिकाओं पर बुरा असर पड़ता है। जिसके कारण इम्यून सिस्टम की मजबूती में कमी आ सकती है। इसीलिए गर्भवती महिला को इम्यून सिस्टम की मजबूती को बरकरार रखने के लिए समय पर जरूर सोना चाहिए। ताकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला और शिशु दोनों को संक्रमण से सुरक्षित रहने में मदद मिल सके।
शुगर
बहुत सी गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान गेस्टेशनल शुगर की समस्या से प्रभावित हो सकती हैं। और इसका एक कारण गर्भवती महिला का देर से सोना भी हो सकता है। क्योंकि देर तक जागने के कारण बॉडी में हार्मोनल असंतुलन की समस्या हो सकती है जिसके कारण ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ने का खतरा हो सकता है, और प्रेगनेंसी के दौरान महिला को इस समस्या से परेशान होने पड़ सकता है।
वजन
गर्भावस्था के दौरान महिला का वजन बढ़ना आम बात होती है, लेकिन जरुरत से ज्यादा वजन का बढ़ना परेशानी का कारण हो सकता है। और यदि प्रेग्नेंट महिला रात को देरी से सोती है और सुबह देर तक सोती है तो इससे मेटाबोलिज्म रेट बुरी तरह प्रभावित होता है। जिसके कारण गर्भवती महिला को जरुरत से ज्यादा वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।
मूड स्विंग्स
प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण मूड स्विंग्स का होना आम बात होती है। लेकिन देर से सोने के कारण यह समस्या ज्यादा हो सकती है, जिसके कारण गर्भवती महिला को बहुत अधिक गुस्सा आने व् चिचिड़ापन महसूस होने जैसी समस्या हो सकती है। और प्रेगनेंसी के दौरान अधिक गुस्से का आना भी परेशानी खड़ी कर सकता है।
ब्लड प्रैशर
ब्लड प्रैशर घटने या बढ़ने की समस्या का प्रेगनेंसी के दौरान होना गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के साथ गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है। और देर से सोने के कारण भी शरीर की क्रियाओं पर बुरा असर पड़ता है जिसके कारण गर्भवती महिला को हाई ब्लड प्रैशर जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। और ब्लड प्रैशर बढ़ने के कारण दिल सम्बंधित समस्या भी गर्भवती महिला को हो सकती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान महिला को ऐसी परेशानी न हो इसके लिए भरपूर नींद लेने के साथ समय से भी सोना चाहिए, रात को सोने में देरी नहीं करनी चाहिए।
थकावट, कमजोरी, आलस
रात को देरी से सोने के कारण सुबह देर तक नींद आती है और यदि नींद पूरी न हो या आप देर तक सोएं तो इसके कारण बॉडी बहुत थका हुआ महसूस कर सकती है जिसके कारण आलस आना आम बात होती है। साथ ही इसके कारण बॉडी में कमजोरी महसूस भी हो सकती है, जिसके कारण बॉडी के दर्द महसूस होना, सिर दर्द होना आदि आम बात होती है। और आपकी यह आदत न केवल आपकी नींद खराब करती है बल्कि इसके कारण आप पूरा दिन शारीरिक रूप से परेशानी का अनुभव कर सकते हैं।
तनाव
गर्भवती महिला का तनाव लेना यानी मानसिक रूप से परेशान होना न केवल गर्भवती महिला के लिए प्रेगनेंसी की मुश्किलों को बढ़ाता है। बल्कि इसके कारण गर्भ में पल रहे शिशु के मानसिक व् शारीरिक विकास पर भी बुरा असर पड़ता है। और रात को देरी से सोने के कारण गर्भवती महिला को यह परेशानी हो सकती है ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान तनाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को समय पर सोने के साथ अपनी नींद को पूरा लेना चाहिए, ताकि इसके कारण कोई परेशानी न हो।
तो यह हैं कुछ दिक्कतें जो गर्भवती महिला को रात को देरी से सोने के कारण हो सकती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान इन परेशानियों से बचने के लिए और गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के साथ गर्भ में शिशु के बेहतर विकास के लिए समय पर सोना चाहिए।