माँ बनना हर महिला के जीवन का सबसे सुखद अहसास होता है और इस सुखद अहसास को महसूस करने में कोई दिक्कत न हो। इसके लिए महिला को प्रेगनेंसी के दौरान अपना अच्छे से ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। खासकर प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने महिला के लिए बहुत अहम होते हैं। क्योंकि इस दौरान महिला के शरीर में तेजी से हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण महिला की शारीरिक परेशानियां बढ़ जाती है।
वहीँ भ्रूण के गर्भाशय में प्रत्यारोपण से लेकर बच्चे के शुरूआती विकास की प्रक्रिया भी पहली तिमाही में होती है। ऐसे में थोड़ी सी चूक गर्भवती महिला के लिए बहुत बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है। बहुत से कपल्स प्रेगनेंसी में सम्बन्ध बनाना सही है या नहीं, इस बारे में जानना चाहते हैं तो आइये इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से बताते हैं।
प्रेगनेंसी में सम्बन्ध बनाएं या नहीं
गर्भावस्था महिला के लिए बहुत ही नाजुक समय होता है लेकिन ऐसा भी नहीं होता है की महिला को इस समय कोई बीमारी हो जाती है जिसमे महिला को हर काम करने की मनाही होती है। बल्कि प्रेगनेंसी के दौरान यदि महिला स्वस्थ रहती है, अपना अच्छे से ध्यान रखती है तो इससे प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली परेशानियों से महिला को बचे रहने में मदद मिलती है।
ऐसे में स्वस्थ प्रेगनेंसी में सम्बन्ध बनाने की बिल्कुल भी मनाही नहीं होती है। लेकिन कुछ काम ऐसे होते हैं जो प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में गर्भवती महिला को बिल्कुल नहीं करने चाहिए। जिनमे से एक होता है सम्बन्ध बनाना, क्योंकि प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में थोड़ी सी गलती बड़ी परेशानी खड़ी कर देती है इसीलिए प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में सम्बन्ध न बनाने की सलाह दी जाती है।
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में सम्बन्ध बनाने से होने वाले नुकसान
गर्भावस्था की पहली तिमाही में गर्भवती महिला को अपने पार्टनर के साथ सम्बन्ध बनाने से बचना चाहिए। क्योंकि इसके कारण प्रेग्नेंट महिला व् बच्चे को दिक्कत हो सकती है। जैसे की:
ब्लीडिंग की समस्या
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है की प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में सम्बन्ध बनाते ही आपका गर्भपात हो जायेगा। बल्कि प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में सम्बन्ध तेजी से बनाया जाएँ, पेट पर अधिक दबाव पड़ जाए, गलत तरीके से सम्बन्ध बनाया जायें, तो इसके कारण गर्भाशय पर चोट लगने का खतरा रहता है। जिसकी वजह से ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है और ब्लीडिंग यदि जरुरत से ज्यादा हो तो गर्भपात भी हो सकता है। और प्रेग्नेंट महिला को ऐसी कोई दिक्कत न हो इसके लिए प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में सम्बन्ध न बनाने की सलाह दी जाती है।
पेट में दर्द
प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में हार्मोनल बदलाव होने के कारण शारीरिक परेशानियां बढ़ जाती है। और शुरुआत में गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण पेट के आस पास की मांसपेशियों में खिंचाव भी बढ़ जाता है। ऐसे में सम्बन्ध बनाने के कारण महिला को पेट में दर्द जैसी परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है।
इन्फेक्शन
यदि आपका पार्टनर आपसे पहली तिमाही में सम्बन्ध बनाता है और उसे या आपको किसी भी तरह का इन्फेक्शन होता है। तो ऐसे में सम्बन्ध बनाने से महिला को इन्फेक्शन की समस्या बढ़ सकती है जिसका असर गर्भ में बच्चे पर भी पड़ सकता है।
तनाव
गर्भवती महिला का यदि सम्बन्ध बनाने का मन नहीं है, गर्भावस्था के दौरान महिला शारीरिक परेशानियों से बहुत ज्यादा परेशान हैं, और ऐसे में यदि उनका पार्टनर उनसे सम्बन्ध बनाने के लिए कहता है तो इसके कारण प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में महिला तनाव से ग्रसित हो सकती है। और तनाव के कारण प्रेगनेंसी के दौरान महिला की कॉम्प्लीकेशन्स बढ़ सकती हैं।
तो यह हैं कुछ परेशानियां जो पहली तिमाही में सम्बन्ध बनाने से प्रेग्नेंट महिला को हो सकती है। ऐसे में इन परेशानियों से बचने के लिए जितना हो सके सम्बन्ध बनाने से बचना चाहिए। इसके अलावा जिन महिलाओं का पहले गर्भपात हो चूका हो, जिन्हे पहली प्रेगनेंसी में ज्यादा दिक्कतें आई हो, जिन महिलाओं ने बहुत मुश्किल से गर्भधारण किया है, तो उन महिलाओं को गलती से भी सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए।