गर्भावस्था के दौरान फ्रूट्स का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। क्योंकि फलों में पोषक तत्व व् पानी का भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। जो गर्भवती महिला को स्वस्थ रखने के साथ गर्भ में बच्चे के बेहतर शारीरिक व् मानसिक विकास में भी मदद करता हैं। साथ ही फलों में मौजूद फोलेट गर्भ में शिशु को जन्म के समय होने वाली बिमारियों से भी सुरक्षित रखने में मदद करता है। इसके अलावा फलों में मौजूद अन्य पोषक तत्व भी माँ व् बच्चे के लिए फायदेमंद होते हैं।
प्रेग्नेंट महिला अनार, सेब, केले, कीवी, संतरा, आम, तरबूज, अमरुद, आदि फलों का सेवन गर्भावस्था के पूरे नौ महीने तक कर सकती है। क्योंकि हर एक फल के अलग अलग फायदे होते हैं जो माँ व् बच्चे को मिलते हैं। लेकिन फलों का सेवन यदि समय पर और सही मात्रा में किया जाये तभी इससे आपको फायदा मिलता है। तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी के दौरान कब और कितनी मात्रा में करें फलों का सेवन।
प्रेगनेंसी में फलों का सेवन कब करना चाहिए
- प्रेगनेंसी के दौरान महिला नाश्ते में खाने के साथ थोड़े फलों को भी शामिल कर सकती है।
- यदि आपका पराठें खाने या अन्य कोई चीज खाने के मन नहीं है तो आप नाश्ते में भरपूर फलों का सेवन करें क्योंकि फलों का सेवन भी बेहतरीन नाश्ता होता है।
- यदि महिला में नाश्ते में फलों का सेवन नहीं करती है तो नाश्ते में डेढ़ से दो घंटे के बाद महिला किसी न किसी फल का सेवन कर सकती है।
- लेकिन ध्यान रखें की सुबह के समय फलों का सेवन भरपूर मात्रा में में करें क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अतिरिक्त कैलोरी की जरुरत होती है और फलों में कैलोरीज़ मौजूद होती है जो प्रेग्नेंट महिला को एनर्जी से भरपूर रखने में मदद करती है।
- दोपहर के खाने के एक घंटे बाद या शाम के समय भी महिला स्नैक्स के रूप में फलों का सेवन कर सकती है।
- इसके अलावा ऐसा नहीं है की फिक्स टाइम पर ही गर्भवती महिला को फल खाना चाहिए बल्कि जब भी महिला को भूख लगे तो महिला फल खा सकती है।
प्रेग्नेंट महिला कितनी मात्रा में करें फलों का सेवन
गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान फलों का सेवन उतनी मात्रा में ही करना चाहिए जितना महिला आसानी से हज़म कर सकें और जितने फल महिला की खाने की इच्छा है उतने फल खाएं। यदि महिला का कुछ और खाने का मन नहीं है तो फलों का सेवन समय समय पर करें।। और यदि महिला की फल खाने की इच्छा नहीं है तो महिला घर में ताजे फलों का रस निकालकर उनका सेवन कर सकती है। इसके अलावा महिला को सभी फलों को मिलाकर एक साथ सेवन नहीं करना चाहिए। यदि महिला को सेब का सेवन करना है तो महिला एक या दो का सेवन करें।
और उसके बाद जब महिला दूसरी बार फल खाएं तो फल को बदल दें, जैसे की पहले सेब खाया था तो अब एक अनार का सेवन करें। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान पाचन क्रिया धीमी होती है जिसके कारण सभी फलों का साथ में सेवन करने से महिला को पेट सम्बन्धी परेशानी होने का खतरा रहता है। ऐसे में महिला एक बार में एक ही फल का सेवन करें ताकि महिला सभी फलों का लुत्फ़ उठाने के साथ बेहतरीन फायदे भी ले सके। जिससे प्रेगनेंसी के दौरान माँ व् बच्चे को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।
प्रेगनेंसी के दौरान फलों का सेवन करते समय महिला को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए
- गर्भवती महिला को बिना धुले फलों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- बहुत देर तक कटे पड़े रखे फलों का सेवन प्रेग्नेंट महिला को नहीं करना चाहिए।
- गले सड़े फलों का सेवन भी प्रेग्नेंट महिला को नहीं करना चाहिए।
- यदि महिला दूध पी रही है तो महिला को फल नहीं खाने चाहिए, फलों को खाने और दूध पीने में कम से कम आधे घंटे का गैप होना चाहिए।
- प्रेग्नेंट महिला को मौसमी फलों का सेवन ही करना चाहिए।
- फलों को लेते समय ध्यान रखें की वह कच्चे या इंजेक्शन से पके हुए न हो।
- उन फलों का सेवन बिल्कुल न करें जिनका सेवन प्रेगनेंसी में करने की मनाही होती है जैसे की कच्चा पपीता, अधिक मात्रा में अंगूर, अनानास, आदि।
तो यह हैं प्रेगनेंसी के दौरान फलों का सेवन करने से जुड़े कुछ टिप्स, यदि आप भी प्रेगनेंसी के दौरान फलों का सेवन कर रही है तो आपको भी फलों के फायदे के लिए इन सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए।