फलों का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान बहुत फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि फलों में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। जो प्रेग्नेंट महिला व् होने वाले शिशु को स्वस्थ रहने में मदद करते हैं। लेकिन फलों का असली फायदा तभी मिलता है जब आप फलों का सेवन सही समय पर करते हैं।
अब आप सोच रहे होंगे की फलों का सेवन करने का भी कोई समय होता है। तो इसका जवाब है हाँ, फलों का सेवन करने का फायदा तब तक नहीं मिलता है जब तक सही तरीके और सही समय पर फलों का सेवन न किया जाएँ। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम फलों से जुड़े कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं।
किस समय फल खाना है सबसे ज्यादा फायदेमंद?
फलों को खाने का सबसे सही समय होता है सुबह का समय। और खाली पेट फलों का सेवन बहुत फायदेमंद होता है बस ध्यान रखें की खट्टे फलों का सेवन खाली पेट नहीं करें। फलों में कैलोरी उच्च मात्रा में मौजूद होती है ऐसे में फलों का सेवन सुबह के समय करने से महिला को पूरा दिन ऊर्जा से भरपूर रहने में मदद मिलती है। साथ ही फलों को पचाने में भी कोई दिक्कत नहीं होती है। ऐसे में यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो दोपहर बारह बजे से पहले जितना आपकी इच्छा हो उतना फल खाएं लेकिन ध्यान रखें की जितनी भूख और जितना खाया जाये उतना ही फल खाएं।
फलों का सेवन किस समय करने से होता है नुकसान
प्रेग्नेंट महिला फलों का सेवन तो भरपूर करती है लेकिन गलत चीज के साथ और गलत समय पर यदि फलों का सेवन करती है तो इसके कारण महिला को दिक्कत हो सकती है। जैसे की:
खाने के बाद या पहले
जब आप अपना आहार लेती है और उसके तुरंत पहले या बाद में फलों का सेवन करती है तो इसके कारण आपको पाचन तंत्र से जुडी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि आप जो डाइट ले रही है उसमे कैलोरी की मात्रा मौजूद होती है साथ ही फलों में भी कैलोरी उच्च मात्रा में मौजूद होती है। ऐसे में बॉडी में कैलोरी की मात्रा ज्यादा बढ़ने के कारण भोजन और फलों को पचाने में दिक्कत होती है जिसकी वजह से पाचन क्रिया से जुडी परेशानियों जैसे की कब्ज़, गैस, सीने में जलन आदि का सामना करना पड़ता है।
दूध दही के साथ
फलों के साथ दूध दही का सेवन करने से भी पेट में गैस, उल्टी, दस्त जैसी परेशानी होती है। क्योंकि फल और दूध एक साथ लेने से इन्हे हज़म करने में दिक्कत होती है।
खाली पेट खट्टे फल
खाली पेट फलों का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है लेकिन खट्टे फलों जैसे की संतरा, निम्बू, आंवला, मौसम्बी, आदि का सेवन खाली पेट करने से बचना चाहिए। क्योंकि इनके सेवन से पेट में गैस, खट्टे डकार, पेट फूलना, जैसी परेशानियां हो जाती है।
बिना मौसम के फल
गर्भवती महिला को बिना मौसम के फलों का सेवन भी नहीं करना चाहिए क्योंकि ज्यादातर ऐसे फलों को बेमौसम पकाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। जो गर्भवती महिला को बच्चे के लिए नुकसानदायक होते हैं।
गले सड़े फल
कई बार घर में रखे हुए फल थोड़े थोड़े खराब हो जाते हैं और आप सोचते हैं की साइड में से काटकर उनका सेवन कर लेते हैं। लेकिन प्रेग्नेंट महिला को उन फलों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसे में फलों में बिल्कुल भी पौष्टिकता नहीं होती है साथ ही सेहत सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कटे पड़े फल
यदि ऐसे फल रखें हैं जो की आपने बहुत देर से काट रखें हैं और उन्हें ढककर भी नहीं रखा है तो ऐसे फलों का सेवन भी गर्भवती महिला को नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे फलों पर बैक्टेरिया मौजूद होते हैं जो संक्रमण के खतरे को बढ़ा देते हैं।
रात के समय फल
फलों में फ्रुक्टोज़ भरपूर होता है ऐसे में रात में फलों का सेवन करने से इन्हे पचाने में दिक्कत होती है। इसीलिए गर्भवती महिला को रात के समय भी फलों का सेवन नहीं करना चाहिए।
प्रेगनेंसी में फलों का सेवन करते समय किन बातों का ध्यान रखें
- फलों को अच्छे से धोने के बाद ही खाने के लिए प्रयोग में लाएं।
- बिना मौसम के फलों का सेवन करने से बचें।
- जिन फलों को खाने से आपको एलर्जी है उन फलों का सेवन न करें।
- तरबूज, खरबूजे जैसे फलों में पानी की अधिकता होती है ऐसे में इन फलों का सेवन करने के बाद पानी का सेवन नहीं करें।
- दूध दही या खाने के बाद या पहले फलों का सेवन करने से कम बचे यदि खाने का मन हो तो आधे से एक घंटे पहले या बाद में फलों का सेवन करें।
तो यह हैं वो जरुरी टिप्स जिनका ध्यान गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी में फलों का सेवन करने से पहले रखना चाहिए। ताकि महिला को फलों का सेवन करने के केवल बेहतरीन फायदे मिलें। और किसी भी तरह का नुकसान न हो।
Things to know while eating fruits in pregnancy