गर्भावस्था के दौरान प्रेग्नेंट महिला को अपने आहार का बेहतर तरीके से ध्यान रखने के साथ भरपूर मात्रा में पानी पीने की सलाह भी दी जाती है। एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में कम से कम आठ गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है। तो प्रेगनेंसी के दौरान तो महिला को आठ से बारह गिलास तक पानी पीना चाहिए। क्योंकि पानी पीने से प्रेग्नेंट महिला को प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली बहुत सी परेशानियों को कम करने में मदद मिलती है।
साथ ही इससे गर्भवती महिला को ऊर्जा से भरपूर रहने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा प्रेग्नेंट महिला का भरपूर मात्रा में पानी पीना गर्भस्थ शिशु के लिए भी फायदेमंद होता है। क्योंकि इससे गर्भ में शिशु जिस एमनियोटिक फ्लूड में होता है उसकी मात्रा को सही रहने में मदद मिलती है। लेकिन जो महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान पानी पीने में आनाकानी करती हैं। उन्हें इसके कारण नुकसान भी हो सकता है।
प्रेगनेंसी में कम पानी पीने के नुकसान
क्या आप भी गर्भवती हैं और प्रेगनेंसी के दौरान पानी पीने में आनाकानी कर रही हैं? यदि हाँ तो आइये आज हम आपको कुछ ऐसे हानिकारक प्रभाव के बारे में बात करने जा रहे हैं। जो प्रेग्नेंट महिला व भ्रूण पर गर्भवती महिला के पानी का कम सेवन करने के कारण हो सकते हैं। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के दौरान कम पानी पीने से कौन कौन से नुकसान हो सकते हैं।
पेट से जुडी समस्या
- पानी का भरपूर सेवन करने से पाचन क्रिया को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलती है।
- लेकिन यदि प्रेग्नेंट महिला पानी का भरपूर सेवन नहीं करती है तो इसके कारण पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है।
- जिसके कारण प्रेग्नेंट महिला को कब्ज़ जैसी परेशानी का सामना अधिक करना पड़ सकता है।
- ऐसे में कब्ज़ की समस्या का अधिक होने से प्रेग्नेंट महिला को बवासीर जैसी परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है।
सूजन
- पानी का भरपूर सेवन करने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकलने में मदद मिलती है।
- साथ ही इससे बॉडी में ब्लड फ्लो को भी अच्छे से होने में मदद मिलती है।
- लेकिन पानी की कमी के कारण प्रेग्नेंट महिला के शरीर में खून का प्रवाह अच्छे से नहीं हो पाता है जिसके कारण प्रेग्नेंट महिला को सूजन जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
गर्भावस्था में कम पानी पीने से हो सकता है बॉडी में दर्द
- जो महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान पानी का सेवन कम करती है ऐसी महिलाओं को प्रेगनेंसी में दौरान बॉडी पार्ट्स में दर्द की समस्या अधिक रहती है।
- जबकि पानी का भरपूर सेवन करने से बॉडी को रिलैक्स रहने में मदद मिलती है।
- जिससे बॉडी में दर्द से निजात मिलने के साथ प्रेग्नेंट महिला को ऊर्जा से भरपूर रहने में मदद मिलती है।
दूध उत्पादन में कमी
- गर्भ में पल रहे शिशु के जन्म लेने से पहले ही ब्रेस्ट मिल्क बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
- लेकिन यदि प्रेग्नेंट महिला पानी का भरपूर सेवन नहीं करती है तो इसके कारण दूध उत्पादन में कमी आ सकती है।
- जिसके कारण जन्म के बाद शिशु के विकास सम्बन्धी समस्या होने के खतरा रहता है।
- क्योंकि माँ का दूध शिशु को पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है।
शरीर का तापमान
- पानी की कमी शरीर में होने के कारण प्रेग्नेंट महिला के शरीर के तापमान में फ़र्क़ आ सकता है।
- जिसके कारण प्रेग्नेंट महिला के शरीर का तापमान हमेशा बढ़ा रहता है।
गर्भावस्था में कम पानी पीने से आ सकता है यूरिन के रंग में बदलाव
- पानी की कमी के कारण प्रेग्नेंट महिला के यूरिन का रंग अधिक पीला हो सकता है।
- और बॉडी में विषैले पदार्थों के जमाव के कारण महिला को यूरिन इन्फेक्शन की समस्या भी हो सकती है।
समय पूर्व प्रसव
- डिहाइड्रेशन की समस्या होने के कारण गर्भाशय में संकुचन होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
- जिसकी वजह से प्रेग्नेंट महिला के समय पूर्व प्रसव होने का खतरा रहता है।
शिशु को हो सकता है नुकसान
- गर्भ में पल रहा शिशु एमनियोटिक फ्लूड में रहता है।
- पानी का भरपूर सेवन करने से गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लूड की मात्रा को सही रखने में मदद मिलती है।
- लेकिन पानी का कम सेवन करने से एमनियोटिक फ्लूड में कमी आ सकती है।
- साथ ही इससे गर्भ में पल रहे शिशु की स्किन को अच्छे से पोषण नहीं मिल पाता है जिसके कारण त्वचा में सिकुड़न भी आ सकती है।
- इसके अलावा शिशु को तंत्रिका तंत्र से जुडी समस्या व जन्म दोष होने का भी खतरा बढ़ जाता है।
तो यह हैं कुछ हानिकारक प्रभाव जो प्रेग्नेंट महिला और भ्रूण को प्रेगनेंसी के दौरान कम पानी पीने से हो सकते हैं। तो ऐसे में इन परेशानियों से बचाव के लिए प्रेग्नेंट महिला को पानी का भरपूर सेवन करना चाहिए। साथ ही पानी के अलावा नारियल पानी, फलों के रस आदि भी भरपूर सेवन करना चाहिए।