प्रेगनेंसी में क्या पीना चाहिए, गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला क्या खा रही हैं केवल इसी चीज का ही ध्यान नहीं रखना चाहिए। बल्कि प्रेग्नेंट महिला को क्या पीना चाहिए और क्या नहीं पीना चाहिए इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान बॉडी का हाइड्रेट रहना बहुत जरुरी होता है। इससे प्रेग्नेंट महिला को ऊर्जा से भरपूर रहने में मदद मिलती है। साथ ही गर्भ में शिशु के बेहतर विकास के लिए भी प्रेग्नेंट महिला का हाइड्रेट रहना जरुरी होता है। तो आइये आज हम इस आर्टिकल में आपको बताने जा रहे हैं की गर्भवती महिला को क्या पीना चाहिए और क्या नहीं पीना चाहिए। ताकि गर्भवती महिला व् शिशु को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके और किसी भी तरह की स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी न हो।
प्रेगनेंसी में क्या पीना चाहिए
- गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान किन किन पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- जो प्रेगनेंसी के दौरान जरुरी होने के साथ पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
- तो आइये अब जानते हैं की प्रेग्नेंट महिला को क्या क्या पीना चाहिए।
पानी
- गर्भावस्था के दौरान एक दिन में कम से कम आठ से दस गिलास पानी का सेवन गर्भवती महिला को जरूर करना चाहिए।
- क्योंकि इससे गर्भवती महिला को एनर्जी से भरपूर रहने में मदद मिलती है।
- साथ ही इससे एमनियोटिक फ्लूड जिसमे गर्भ में शिशु होता है।
- उसकी मात्रा को सही रखने में मदद मिलती है।
- इसके अलावा गर्भवती महिला को पानी का भरपूर सेवन करने से प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली बहुत सी परेशानियों से बचे रहने में भी मदद मिलती है।
प्रेगनेंसी में क्या नहीं पीना चाहिए, जूस
- गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान फलों का सेवन करने के साथ फलों के रस का सेवन भी भरपूर मात्रा में करना चाहिए।
- क्योंकि फलों के रस पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं।
- साथ ही यह बॉडी में पानी की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं।
- लेकिन ध्यान रखें की घर में बने हुए ताजे फलों के रस का ही सेवन करें।
- मार्किट से लाए डिब्बाबंद जूस का सेवन न करें।
नारियल पानी
- प्रेगनेंसी महिला को नारियल पानी का सेवन भी जरूर करना चाहिए।
- क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व गर्भवती महिला व् शिशु को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
- साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस, कब्ज़, जी मिचलाना, उल्टी जैसी परेशानियों से प्रेगनेंसी के दौरान बचे रहने में मदद मिलती है।
निम्बू पानी
- गर्भवती महिला चाहे तो निम्बू पानी का सेवन भी कर सकती है।
- क्योंकि इससे गर्भवती महिला को हाइड्रेट रहने में मदद मिलती है।
- साथ ही निम्बू पानी का सेवन करने से गर्भवती महिला को उल्टी, जी मिचलाने जैसी परेशानी से राहत पाने में भी मदद मिलती है।
प्रेगनेंसी में क्या नहीं पीना चाहिए
कुछ ऐसे पेय पदार्थ भी है जिनका सेवन प्रेग्नेंट महिला को या तो सिमित मात्रा में करना चाहिए। या तो बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। तो आइये अब जानते हैं की प्रेग्नेंट महिला को क्या क्या नहीं पीना चाहिए।
उबला हुआ पानी
- प्रेग्नेंट महिला कभी कभी गुनगुना पानी पीने की इच्छा हो तो महिला पी सकती है।
- लेकिन गर्भवती महिला को बहुत ज्यादा तेज चाय से उबले हुए पानी का सेवन नहीं करना चाहिए।
- क्योंकि बहुत ज्यादा गर्म पानी का सेवन करने से गर्भवती महिला के शरीर के तापमान में फ़र्क़ आ सकता है।
- जिसके कारण महिला को परेशानी हो सकती है।
- साथ ही प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में शरीर के तापमान में फ़र्क़ आने के कारण भ्रूण पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
अधिक मात्रा में कैफीन
- कैफीन युक्त पेय पदार्थ जैसे की चाय कॉफ़ी का सेवन भी प्रेग्नेंट महिला को अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।
- क्योंकि कैफीन का अधिक सेवन गर्भवती महिला के साथ शिशु को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
- आप चाहे तो दिन में एक से दो कप चाय या फिर एक दिन में एक कप कॉफ़ी का सेवन कर सकते हैं।
कोल्ड ड्रिंक
- कोल्ड ड्रिंक का सेवन भी प्रेग्नेंट महिला को नहीं करना चाहिए।
- क्योंकि कोल्ड ड्रिंक को बनाने के लिए केमिकल्स व् उसे मीठा करने के लिए भी केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है।
- जो गर्भ में शिशु के विकास में रूकावट पैदा कर सकते हैं।
- इसीलिए कोल्ड ड्रिंक का सेवन करने से गर्भवती महिला को बचना चाहिए।
अल्कोहल
- नशीले पदार्थ जैसे की अल्कोहल आदि का सेवन भी गर्भवती महिला को नहीं करना चाहिए।
- क्योंकि इनके कारण गर्भवती महिला को दिक्कतें ही नहीं बढ़ती हैं।
- बल्कि इनका बुरा प्रभाव गर्भनाल के माध्यम से शिशु तक भी पहुँच सकता है।
- जिसके कारण गर्भ में पल रहे शिशु के शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास को भी नुकसान पहुँच सकता है।
तो यह हैं कुछ पेय पदार्थ जो प्रेगनेंसी के दौरान महिला को पीने चाहिए और नहीं पीने चाहिए। क्या आप भी प्रेग्नेंट हैं? यदि हाँ तो इन टिप्स का अच्छे से ध्यान रखें। ताकि प्रेगनेंसी के दौरान आपको स्वस्थ रहने के साथ शिशु के बेहतर विकास में भी मदद मिल सके।