गर्भावस्था महिला के लिए बहुत ही नाजुक समय होता है। और इस दौरान केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि यदि महिला शारीरिक रूप से तो अपना ध्यान रखती है लेकिन मानसिक रूप से परेशान रहती है तो इसके कारण भी महिला और बच्चे पर नकारात्मक असर पड़ता है। साथ ही महिला क्या कर रही है, किस माहौल में रह रही है, किस तरह की बातें कर रही है या महिला कैसा सोच रही है इसका असर भी प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला व् बच्चे पर पड़ता है।
ऐसे में महिला यदि खुश रहती है अच्छा सोचती है तो इसका सकारात्मक प्रभाव बच्चे पर पड़ता है। लेकिन यदि महिला गलत सोचती है है गलत बातें करती है तो इसका नकारात्मक असर बच्चे पर पड़ता है। तो आज इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसी ही बातों के बारे में बात करने जा रहे हैं जो गर्भवती महिला को नहीं करनी चाहिए। ताकि बच्चे के विकास में किसी भी तरह की कमी न आए।
दूसरों की प्रेगनेंसी में हुई नकारात्मक बातें
हर एक महिला की प्रेगनेंसी अलग अलग होती है और ऐसा बिल्कुल नहीं होता है की जैसा एक प्रेग्नेंट महिला के साथ हो वैसा ही दूसरी प्रेग्नेंट महिला के साथ हो। ऐसे में यदि आपसे कोई अपनी प्रेगनेंसी के अच्छे एक्सपीरियंस शेयर करता है तो अच्छी बात है। लेकिन यदि कोई नेगेटिव बातें शेयर करता है जैसे की प्रेगनेंसी में कितनी दिक्कत हुई थी, तो आपको उनके बारे में बिल्कुल भी बात नहीं करनी चाहिए। क्योंकि यह सभी बातें प्रेगनेंसी के दौरान आपके तनाव का कारण बनती है जिससे केवल आप ही नहीं आपका बच्चा भी परेशान होता है।
अबॉरशन के बारे में
गर्भावस्था के दौरान महिला को गर्भपात के बारे में बिल्कुल भी बातें नहीं करनी चाहिए। क्योंकि यह सभी बातें महिला के दिमाग पर हावी हो सकती है जिसके कारण प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स बढ़ सकती है। और इन बातों के बारे में सोचने से शुरूआती दिनों में गर्भपात होने का खतरा भी बढ़ जाता है। प्रेग्नेंट महिला को प्रेगनेंसी के दौरान केवल बच्चे के विकास को बेहतर करने की बातें ही करनी चाहिए।
डिलीवरी को लेकर नेगेटिव बातें
डिलीवरी का समय पास आने पर महिला को डर महसूस होना बहुत ही आम बात होती है। और इस डर का कारण महिला के दिमाग में चल रही बातें होती है। जैसे की महिला की डिलीवरी किस तरह से होगी, बच्चे को कोई दिक्कत तो नहीं होगी, आदि। ऐसे में महिला को डिलीवरी में क्या क्या दिक्कतें आएँगी इससे जुडी बातों के बारे में न तो सोचना चाहिए और न ही यह बातें करनी चाहिए।
जन्म के बाद शिशु को होने वाली दिक्कतों पर चर्चा
प्रेग्नेंट महिला को जन्म के बाद शिशु को होने वाली दिक्कतों को लेकर भी बातें नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इन सभी बातों से आपके बच्चे के विकास पर गलत असर पड़ता है और आपके बच्चे को परेशानी होने का खतरा रहता है। ऐसे में बच्चे को कोई दिक्कत न हो इसके लिए गर्भवती महिला अपना अच्छे से ध्यान रखे और केवल अपने शिशु के विकास के बारे में अच्छा सोचें।
किस तरह की बातें करें प्रेगनेंसी में?
गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान अपने आप को फिट कैसे रखा जाये, किस तरह प्रेगनेंसी में आने वाली परेशानियों को कम करें, गर्भ में बच्चे का विकास कैसे बेहतर हो, प्रेगनेंसी के दौरान आपके दिल दिमाग में क्या चल रहा है केवल इन्ही के बारे में बातें करनी चाहिए। ताकि माँ व् बच्चे दोनों पर किसी भी तरह का नकारात्मक असर नहीं पड़े।
तो यह हैं कुछ बातें जो प्रेग्नेंट महिला को नहीं करनी चाहिए यदि प्रेग्नेंट महिला इन सभी बातों का ध्यान रखती है तो ऐसा करने से माँ व् बच्चे दोनों को ही प्रेगनेंसी के दौरान मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। और यदि आप भी माँ बनने वाली है तो आप भी केवल अच्छा ही सोचें और खुश रहें ताकि आपके बच्चे को भी गर्भ में खुश रहने में मदद मिल सके।
What should a woman not talk during pregnancy