गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु का विकास पूरी तरह से अपनी माँ पर ही निर्भर करता है। क्योंकि महिला जैसा खाती है वैसा ही शिशु को पोषण मिलता है, महिला जो करती है उसका प्रभाव शिशु के विकास को प्रभावित करता है, महिला जैसा सोचती है उसका प्रभाव बच्चे के मानसिक विकास पर पड़ता है, आदि। ऐसे में गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास अच्छे से हो और शिशु को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हो।
इसके लिए प्रेग्नेंट महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की महिला अपना अच्छे से ध्यान रखें और ऐसा कोई भी काम नहीं करें जिससे शिशु का विकास प्रभावित हो। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे काम बताने जा रहे हैं जो गर्भवती महिला को नहीं करने चाहिए उसके बारे में बताने जा रहे हैं क्योंकि उन कामों को करने से गर्भ में शिशु के बीमार होने का या शिशु के विकास से सम्बंधित समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है।
ज्यादा शोर से बचें
प्रेगनेंसी के दौरान जैसे जैसे बच्चे के अंग विकसित होते हैं वैसे वैसे धीरे धीरे वो अपना काम करना भी शुरू कर देते हैं। ऐसे में गर्भवती महिला को ज्यादा शोर में न रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे बच्चे की सुनने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। और बच्चे की सुनने की क्षमता सही नहीं होती है जिससे आपका होने वाला बच्चा बहरा होता है।
ज्यादा मीठा न खाएं
गर्भावस्था के समय महिला को मीठे का सेवन सिमित मात्रा में करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि जरुरत से ज्यादा मीठा खाने के कारण प्रेग्नेंट महिला को जेस्टेशनल शुगर होने का खतरा होता है। और इसका असर गर्भ में भी बच्चे पर भी पड़ना शुरू हो जाता है जिससे आपके होने वाले शिशु को शुगर की समस्या हो सकती है।
गलत आहार का गलत प्रभाव
पोषक तत्वों से भरपूर आहार जितना प्रेगनेंसी के दौरान फायदेमंद होता है उतना ही गलत आहार का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान नुकसानदायक होता है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की महिला गलती से भी गलत आहार जैसे की जंक फ़ूड, स्ट्रीट फ़ूड, ऐसी किसी जगह से लाया गया आहार जो की साफ़ नहीं हो, आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसके कारण महिला को पेट सम्बन्धी परेशानी तो होती ही है साथ ही इससे शिशु को भी अपने विकास के लिए पोषक तत्व नहीं मिलते जिससे शिशु के वजन में कमी, शिशु को संक्रमण आदि होने के चांस बढ़ जाते हैं।
डिब्बाबंद आहार
यदि आप प्रेग्नेंट हैं और डिब्बाबंद आहार का सेवन करती है तो यह गलती बिल्कुल भी नहीं करें। क्योंकि डिब्बाबंद आहार में बाईस्फेनोल ए (बीपीए) होता है जो गर्भ में पल रहे शिशु के संपर्क में आता है तो इससे बच्चे का विकास रुक जाता है। और इसका असर आपको बाद में महसूस होता है।
तनाव
गर्भावस्था के दौरान महिला को बिल्कुल भी तनाव नहीं लेना चाहिए। क्योंकि प्रेग्नेंट महिला के तनाव लेने का असर शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है। और गर्भ में शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास बहुत धीमा हो जाता है और इसका असर आपको डिलीवरी के बाद शिशु पर देखने को मिलता है।
ठण्ड से बचाव
आप प्रेग्नेंट हैं और सर्दियों का मौसम चल रहा है तो इस बता का ध्यान रखें की आप ठण्ड से बची रहें और ठंडी चीजों का सेवन नहीं करें। क्योंकि इससे प्रेग्नेंट महिला को ठण्ड लगने का खतरा होता है और निमोनिया हो सकता है। साथ ही इसका असर गर्भ में शिशु पर भी पड़ता है और गर्भ में ही शिशु निमोनिया से पीड़ित हो सकता है।
नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करें
गर्भावस्था के दौरान महिला को किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे की अल्कोहल, धूम्रपान आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से गर्भ में शिशु का विकास प्रभावित होता है जिससे शिशु का वजन नहीं बढ़ना, शिशु क्क मानसिक विकास अच्छे से नहीं होना जैसी परेशानियाना हो सकती है।
कैफीन
कैफीन युक्त पदार्थ जैसे की चाय, कॉफ़ी, चॉकलेट, आदि का सेवन करने से भी प्रेग्नेंट महिला को बचना चाहिए। क्योंकि कैफीन युक्त पदार्थ भी गर्भ में शिशु के विकास पर बुरा असर डालते हैं और शिशु की ग्रोथ अच्छे से नहीं होने देते हैं।
बहुत ज्यादा एक्ससरसाइज
गर्भावस्था के दौरान महिला को जरुरत से ज्यादा व्यायाम भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि जरुरत से ज्यादा करने के कारण गर्भ में शिशु परेशान होता है साथ ही गर्भ गिरने जैसी समस्या का सामना आपको करना पड़ सकता है।
तो यह हैं कुछ चीजें जो प्रेग्नेंट महिला को नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इन कामों को करने से आपके होने वाले बच्चे का शारीरिक व् मानसिक विकास प्रभावित होता है और गर्भ में ही बच्चे के बीमार होने और उसके विकास के रुकने जैसी समस्या हो जाती है।
Do not forget this even in pregnancy, otherwise the child will be ill before birth