प्रेगनेंसी के समय महिला को अपने ऊपर दुगुना ध्यान देने की जरुरत होती है, क्योंकि महिला द्वारा की गई कोई भी लापरवाही सीधा उसके शिशु पर बुरा असर डाल सकती है, ऐसे में शिशु और महिला दोनों स्वस्थ रहे इसके लिए महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए, लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण कई बार महिलाओ को बहुत सी परेशानियां उत्त्पन्न हो जाती है, जैसे की पेट में दर्द होना, पेडू में दर्द होना, कमर में दर्द होना, सर चकराना और दर्द महसूस होना, कमजोरी, थकान, अवसाद, उल्टियां, गैस एसिडिटी होना आदि और ऐसा भी जरुरी नहीं होता है की हर महिला को प्रेगनेंसी के दौरान ये परेशानियां होती है।
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यह हर महिला के हार्मोनल बदलाव पर निर्भर करता है, लेकिन जिन महिलाओ को यह समस्या हो जाती है, तो इससे निजात पाने के लिए महिलाएं पेनकिलर खाने के लिए सोचती हैं, जो की बिलकुल भी अच्छा नहीं होता है, क्योंकि स्ट्रांग केमिकल वाली दवाइयाँ, गर्भनाल के रास्ते खून में मिलकर शिशु के ब्लड में भी घुल जाती है, जिसके कारण शिशु मानसिक रूप से प्रभावित हो सकता है, प्रेगनेंसी में छोटी मोटी समस्या होना आम बात है लेकिन इसके निवारण के लिए अपने मन से कुछ भी करना आपके लिए और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए खासकर परेशानी का विषय बन सकता है,।
इसीलिए प्रेगनेंसी के समय यदि आपको बुखार है पेट में दर्द है या कोई भी समस्या है पहले तो इसके बारे में अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए फिर उनके द्वारा दी गई दवाइयों का सेवन आप कर सकती है, क्योंकि एक शोध में यह साफ़ हुआ है जो महिलाएं प्रेगनेंसी में पेन किलर का सेवन अधिक करती हैं उन्हें जन्म के समय विकार और शिशु के ुपत मानसिक रूप से बुरा प्रभाव पड़ सकता है, इसीलिए कुछ भी करने से पहले आपको डॉक्टर की राय जरूर लेनी चाहिए तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी में पेनकिलर लेने से महिला को और शिशु को क्या नुकसान हो सकते है।
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जन्म के समय विकार उत्त्पन्न हो सकता है:-
यदि महिला अपनी प्रेगनेंसी में सधिक पेनकिलर का सेवन करती है तो इसके कारण डिलीवरी के समय महिला को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है,और यदि आप चाहती हैं की आपको ऐसी कोई परेशानी न हो तो यदि आपको कुछ भी समस्या है तो पहले अपने डॉक्टर से शेयर करें।
शिशु मानसिक रूप से प्रभावित हो सकता है:-
जिन पेनकिलर्स का महिला सेवन करती है, यदि उनमे केमिकल अधिक होता है तो वह गर्भनाल के रास्ते रक्त में घुलकर शिशु तक पहुँच जाता है, जिसके कारण शिशु के मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण शिशु मानसिक रूप से अस्वस्थ पैदा हो सकता है।
तो इसीलिए प्रेगनेंसी में पेनकिलर्स को नहीं लेना चाहिए ताकि इससे शिशु और महिला दोनों को ही स्वस्थ रहने में मदद मिल सकें, हार्मोनल बदलाव के कारण छोटी छोटी परेशानियां लगी रहती हैं, लेकिन यदि आपको असहज मेहसूस हो तो खुद कुछ करने से पहले तुरंत अपने डॉक्टर से राय लें।