गर्भावस्था के दौरान महिला बहुत से नए नए अनुभव करती है लेकिन इन नए अनुभव को महसूस करने के लिए महिला को बहुत सी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। कुछ परेशानियां तो ऐसी होती है जिनका सामना महिला ने पहले कभी भी नहीं किया होता है। परन्तु इतनी परेशानियों के बाद भी गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के दौरान अपना अच्छे से ध्यान रखने की कोशिश करती है।
ताकि प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली परेशानियां कम हो सके और गर्भ में बच्चे का विकास अच्छे से हो सके। तो आज इस आर्टिकल में हम आपसे प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली साँस फूलने की समस्या के बारे में बात करने जा रहे हैं। जिससे बहुत सी गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान परेशान हो सकती है।
गर्भावस्था में सांस लेने में दिक्कत होने या सांस फूलने के कारण
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को सांस लेने में होने वाली दिक्कत या सांस फूलने की समस्या होने का कोई एक कारण नहीं होता है। बल्कि ऐसे कई कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से गर्भवती महिला को इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। तो आइये अब जानते हैं की वो कारण कौन से हैं।
ब्लड फ्लो
गर्भावस्था के दौरान बॉडी में ब्लड फ्लो पहले के मुकाबले अधिक तेजी से होता है क्योंकि पूरे शरीर के साथ गर्भनाल के माध्यम से बच्चे तक भी ब्लड फ्लो होता है। ऐसे में दिल का काम बढ़ जाता है जिस वजह से प्रेग्नेंट महिला को सांस लेने में थोड़ी परेशानी का अनुभव हो सकता है।
गर्भ में शिशु की पोजीशन
जैसे जैसे गर्भ में शिशु का विकास बढ़ता है वैसे वैसे गर्भ में शिशु घूमने लगता है और शिशु के बढ़ते विकास के साथ शरीर के अंदरूनी अंगों पर दबाव बढ़ सकता है। जिसके कारण प्रेग्नेंट महिला को सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
खून की कमी
प्रेगनेंसी के दौरान यदि गर्भवती महिला के शरीर में खून की कमी होती है तो इस कारण भी महिला को सांस लेने दिक्कत या सांस फूलने जैसी परेशानी होती है।
खर्राटे
गर्भवती महिला आम महिलाओं के मुकाबले अधिक खर्राटे ले सकती है। और जो गर्भवती महिला अधिक खर्राटे लेती है। उन्हें भी प्रेगनेंसी के दौरान यह परेशानी होने का खतरा होता है।
बहुत ज्यादा शारीरिक श्रम
गर्भवती महिला को केवल उतना ही काम करने की सलाह दी जाती है जितना की महिला कर सकती है। जरुरत से ज्यादा काम करने के कारण महिला को थकान, कमजोरी, सांस फूलने जैसी परेशानियां होती है।
सीढ़ियां चढ़ना
प्रेगनेंसी के दौरान जितना हो सके महिला को सीढियाँ न चढ़ने की सलाह दी जाती है। लेकिन यदि महिला सीढ़ियां चढ़ती है और ज्यादा सीढ़ियां चढ़ने के साथ तेजी से सीढ़ियां चढ़ती है। तो इस कारण भी महिला को सांस फूलने की समस्या होती है।
गलत पहनावा
प्रेग्नेंट महिला को प्रेगनेंसी के दौरान खुले और आरामदायक कपडे पहनने की सलाह दी जाती है ताकि महिला को रिलैक्स महसूस हो सकें। लेकिन यदि प्रेग्नेंट महिला ज्यादा टाइट कपडे पहनती है जिसके कारण महिला को पसीना, घुटन महसूस होना जैसी परेशानियां होती है और घुटन महसूस होने की वजह से महिला को सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है।
वजन
गर्भावस्था के दौरान महिला का वजन लगातार बढ़ता है और वजन बढ़ने के कारण जब भी महिला थोड़ी देर चलती है, एक ही जगह बैठी रहती है तो इस कारण महिला की सांस फूलने लग सकती है।
अस्थमा
सांस लेने में दिक्कत व् सांस फूलने की समस्या उन गर्भवती महलाओं को अधिक हो सकती है जो महिलाएं अस्थमा की मरीज़ होती है।
प्रेगनेंसी के दौरान सांस फूलने की समस्या से बचने के उपाय
- महिला को लम्बी लम्बी सांस लेने की आदत डालनी चाहिए ऐसा करने से महिला को सांस लेने में होने वाली परेशानी से बचे रहने में मदद मिलती है।
- रोजाना योगासन करना चाहिए।
- सीढ़ियां चढ़ने से बचना चाहिए।
- ज्यादा तेजी से नहीं चलना चाहिए।
- यदि तबियत ठीक नहीं है या किसी काम को करने में दिक्कत महसूस हो रही है तो आराम करना चाहिए।
- आरामदायक कपडे पहनने चाहिए।
- ज्यादा भागादौड़ी करने से बचना चाहिए।
- गर्भावस्था के दौरान अपने वजन को नियंत्रित रखना चाहिए न तो आपका वजन जरुरत से ज्यादा होना चाहिए और न ही कम होना चाहिए।
सांस फूलने की समस्या होने पर डॉक्टर से कब मिलें
- यदि सांस फूलने के साथ सिर दर्द, चक्कर, बेहोशी जैसी परेशानी हो।
- सोते समय सांस लेने में कोई दिक्कत हो।
- बहुत ज्यादा सांस लेने में दिक्कत हो रही हो।
तो यह हैं प्रेगनेंसी में सांस लेने से जुड़े कुछ टिप्स, यदि आप भी गर्भवती है तो आपको भी प्रेगनेंसी के दौरान इन सभी चीजों की जानकारी होनी चाहिए। ताकि आपको प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली दिक्कतों से बचे रहने में मदद मिल सके।