गर्भावस्था के दौरान जहां महिला अपनी जिंदगी में शामिल होने वाले नन्हे मेहमान के आने से खुश होती है वहीँ प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण महिला को तरह तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। और इन परेशानियों में केवल शारीरिक समस्याएँ ही शामिल नहीं हैं बल्कि प्रेगनेंसी के दौरान महिला स्किन में आने वाले परिवर्तन के कारण भी परेशान हो सकती है। तो लीजिये आज हम आपको प्रेगनेंसी में स्किन से जुडी ऐसी ही एक समस्या से बचाव के लिए कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं। और वो समस्या है स्ट्रेच मार्क्स, गर्भवती महिला को स्ट्रेच मार्क्स जांघो, हिप्स, पेट, स्तन आदि पर हो सकते हैं और सबसे ज्यादा यह परेशानी पेट पर देखने को मिलती है। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण पेट की स्किन में खिंचाव होने के कारण ऐसा हो सकता है।
गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेच मार्क्स से बचाव के लिए यह करें
यदि आप प्रेग्नेंट हैं और चाहती हैं की गर्भवस्था के दौरान आपको स्किन से जुडी समस्या यानी की स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से बचाव करने में मदद मिल सके। तो इसके लिए प्रेगनेंसी के तीसरे से नौवें महीने तक नियमित आपको कुछ टिप्स का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। क्योंकि यह उपाय आपको स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से बचाव करने में मदद करते हैं। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के दौरान स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से बचाव के लिए महिला को क्या क्या करना चाहिए।
संतुलित आहार
सबसे पहले तो महिला को ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए विटामिन सी, विटामिन इ, ओमेगा 3 फैटी एसिड, भरपूर मात्रा में शामिल हो। क्योंकि यह सभी पोषक तत्व स्किन के लचीलेपन को बरकरार रखने में मदद करते हैं जिससे स्किन पर होने वाले निशान की समस्या से गर्भवती महिला को बचे रहने में मदद मिलती है।
पानी
स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से बचाव के लिए गर्भवती महिला को बॉडी को हाइड्रेट रखना चाहिए, क्योंकि जितना गर्भवती महिला की बॉडी हाइड्रेट रहती है। उतना ही स्किन के रूखेपन को दूर करने में मदद मिलती है और स्किन जितनी कोमल और लचीली होती है उतना ही स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से प्रेगनेंसी के दौरान महिला को बचे रहने में मदद मिलती है।
नारियल, बादाम, विटामिन इ का तेल
प्रेगनेंसी के तीसरे महीने से नौवें महीने तक नियमित रूप से यदि महिला अपने पेट पर नारियल का तेल लगाती है। तो ऐसा करने से भी प्रेग्नेंट महिला को स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है। नारियल तेल के आलावा गर्भवती महिला बादाम या विटामिन इ के तेल को भी पेट पर लगा सकती है इससे भी महिला को इस परेशानी से बचे रहने में मदद मिलती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें की केवल हाथों से पेट पर तेल को लगाना है मालिश नहीं करनी है, क्योंकि पेट पर मालिश गर्भवती महिला के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
निम्बू का रस
निम्बू का रस भी इस समस्या से बचाव के लिए फायदेमंद हो सकता है, इस उपाय को करने के लिए निम्बू के रस को पेट पर रुई की मदद से लगाए। और इसे जब तक लगे रहने दे जब तक की आपकी स्किन इसे अच्छे से सोख न लें, उसके बाद साफ पानी से इसे साफ़ कर दें। ऐसा प्रेगनेंसी के तीसरे से नौवें महीने तक नियमित करें, आपको इसका असर जरूर दिखाई देगा।
आलू का रस
प्रेगनेंसी के तीसरे से नौवें महीने तक नियमित महिला यदि आलू का रस पेट पर लगाती है तो ऐसा करने से भी प्रेग्नेंट महिला को स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से बचाव करने में मदद मिलती है।
कॉफ़ी और एलोवेरा
एलोवेरा जैल में कॉफ़ी और एलोवेरा जैल को मिक्स करके पेस्ट तैयार करें, अब इस पेस्ट को अपने पेट पर लगाएं और सूखने के बाद इसे पानी से साफ़ कर दें। ऐसा हफ्ते में दो से तीन बार करें ऐसा करने से भी प्रेग्नेंट महिला को स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।
अंडे का सफ़ेद हिस्सा
यदि आप अंडा इस्तेमाल कर लेती है और उसकी स्मेल से आपको प्रेगनेंसी के दौरान कोई परेशानी नहीं है तो आप अंडे के सफ़ेद हिस्से को भी पेट पर लगा सकती है। ऐसा करने से भी प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।
तो यह हैं कुछ खास टिप्स जिनका इस्तेमाल यदि प्रेग्नेंट महिला प्रेगनेंसी के तीसरे से नौवें महीने तक नियमित रूप से करती है तो ऐसा करने से गर्भवती महिला को स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।