हिन्दू धर्म में व्रत व् उपवास को किसी पर्व से कम नहीं माना जाता है और लोग व्रत पूरी श्रद्धा व् विश्वास के साथ रखते हैं। और उनका मानना होता है की व्रत करने से भगवान् की असीम कृपा परिवार के लोगो पर बनी रहती है। साथ ही पूरा साल व्रत का सिलसिला चलता रहता है जैसे की कुछ लोग सोमवार के व्रत रखते हैं, शुक्रवार, गुरुवार के व्रत रखते हैं इसके अलावा करवाचौथ, अहोई अष्टमी, गणेश चतुर्थी, जितिया व्रत, पूर्णिमा व्रत, नवरात्रि व्रत, एकादशी आदि और भी बहुत से व्रत होते हैं।
ऐसा नहीं है की सभी लोग एक जैसे ही व्रत करते हैं जो जिस व्रत में श्रद्धा रखते हैं या जिनके यहां जिस व्रत की मान्यता अधिक होती है वो वहीँ व्रत करते हैं। साथ ही कई महिलाएं घर में सुख समृद्धि बनी रहे इसके लिए भी व्रत करते रहते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी के दौरान व्रत रखना चाहिए या नहीं और यदि महिला व्रत रखती है तो महिला को किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
गर्भावस्था में व्रत करें या नहीं?
प्रेगनेंसी एक ऐसी अवस्था होती है जहां महिला अकेली नहीं होती है बल्कि गर्भ में पल रहा शिशु भी अपने विकास के लिए अपनी माँ पर निर्भर करता है। इसीलिए ऐसा कहा भी जाता है की प्रेगनेंसी के दौरान महिला जो भी करती है उसका सीधा असर शिशु पर पड़ता है। ऐसे में महिला को इस बात का ध्यान रखना जरुरी होता है की महिला ऐसा कोई भी काम नहीं करे जिससे महिला या शिशु की सेहत पर किसी भी तरह का बुरा असर पड़े।
और जब बात व्रत की आती है तो सबसे पहले महिला को अपना स्वास्थ्य देखना चाहिए की महिला व्रत कर सकती है या नहीं, दूसरा महिला को एक बार डॉक्टर से राय जरूर लेनी चाहिए, तीसरा यदि महिला की प्रेगनेंसी में किसी भी तरह की कम्प्लीकेशन है या महिला को शारीरिक परेशानियां अधिक होती है तो महिला को व्रत नहीं करना चाहिए और आखिर में महिला को ऐसा कोई भी व्रत नहीं करना चाहिए जिसमे महिला को पूरा दिन भूखा रहना पड़े, प्यासा रहना पड़े या केवल मीठी चीजों का सेवन ही करना हो।
साथ ही यदि डॉक्टर आपको यदि डॉक्टर व्रत करने के लिए कह देते हैं तो प्रेग्नेंट महिला व्रत कर सकती है, लेकिन व्रत के दौरान भी महिला को अपने खान पान, आराम करना आदि का अच्छे से ध्यान रखने की जरुरत होती है ताकि महिला और शिशु को किसी तरह की स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी नहीं हो। इसके अलावा व्रत तो आप कभी भी रख सकती है ऐसे में जितना हो सके प्रेगनेंसी के दौरान महिला को सबसे पहले अपने और शिशु की सेहत पर ध्यान देना चाहिए।
ध्यान रखें:
गर्भवती महिला व्रत रखते समय इस बात का ध्यान रखें की व्रत रखने के बाद यदि महिला को सिर दर्द, चक्कर, पेट में दर्द जैसी दिक्कतें होती है तो महिला व्रत को तुरंत छोड़ दें। क्योंकि यदि तबियत खराब होने पर भी व्रत को रखने से महिला की सेहत और खराब हो सकती है।
तो यदि आप भी माँ बनने वाली हैं तो व्रत रखते समय ऊपर बताएं टिप्स का ध्यान रखते हुए आप व्रत कर सकती है। लेकिन ध्यान रखें की अपनी सेहत का ध्यान पहले रखें बाद में व्रत रखें। इसके अलावा व्रत के दौरान भी अपना अच्छे से ध्यान रखें।
Fasting during Pregnancy