प्रेगनेंसी में घी का सेवन, गर्भावस्था में घी खाने के फायदे, प्रेगनेंसी में कब करें घी का सेवन, घी का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान कितना करें, प्रेगनेंसी के दौरान अधिक घी खाने के नुकसान, प्रेगनेंसी के दौरान घी क्यों खाना चाहिए
प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के आहार का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है क्योंकि जो भी गर्भवती महिला खाती है उसका असर उसके शिशु पर भी पड़ता है जिससे उसे पोषण मिलता है। आज हम आपको प्रेगनेंसी में घी खाने से जुडी कुछ बातों को बताने जा रहें है। घी का सेवन करने से स्वास्थ्य सम्बन्धी बहुत से फायदे होते हैं, लेकिन ऐसा तभी होता है जब आप इसे उचित मात्रा में लेते हैं अधिक घी के सेवन से आपको मोटापे जैसी समस्या से परेशान होना पड़ सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान घी के सेवन को अच्छा माना जाता है लेकिन इसका अधिक सेवन गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान भी पहुंचा सकता है। पहले दादी नानी घी खाने की खूब सलाह देती थी, लेकिन आज कल लोग डॉक्टर्स की राय के अनुसार चलते हैं और डॉक्टर उनकी शारीरिक फिटनेस के अनुसार उन्हें खाने पीने की सलाह देते हैं।
प्रेगनेंसी में घी का सेवन
प्रेगनेंसी के दौरान विशेष रूप से आठवें महीने के आखिर से लेकर डिलीवरी के बाद तक घी खाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि इससे सर्विक्स में चिकनाहट उत्पन्न होती है जिससे डिलीवरी के समय परेशानी नहीं होती है। साथ ही डिलीवरी के बाद महिला के शरीर में आई कमजोरी को दूर करने के लिए इसके सेवन की सलाह दी जाती है। इसके अलावा यदि महिला का शरीर कमजोर है तो प्रेगनेंसी के दौरान महिला को फिट रहने के लिए और शिशु के बेहतर विकास के लिए घी खाने के लिए कहा जाता है लेकिन उचित मात्रा में। इसके अलावा जिन महिलाओं का वजन सही होता है उन्हें प्रेगनेंसी के आखिरी महीनो में घी खाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि यदि वो घी का सेवन करती है तो इससे शिशु और महिला दोनों का वजन तेजी से बढ़ता है जिससे मोटापा होने के कारण महिला को प्रसव के समय बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
गर्भावस्था में घी खाने के फायदे
घी में सैचुरेटेड फैट, ओमेगा 9 फैटी एसिड, ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन, खनिज, एंटी-ऑक्सीडेंट आदि भरपूर मात्रा में होते हैं। जो बॉडी को फिट रखने के लिए बहुत जरुरी होते हैं खासकर प्रेगनेंसी के दौरान महिला को फिट रहने की बहुत जरुरत होती है।
- गर्भ में पल रहे शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करता है।
- मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाता है।
- पाचन क्रिया में सुधार लाने के साथ कब्ज़ जैसी समस्या से भी प्रेगनेंसी के दौरान निजात दिलाता है।
- घी का सेवन करने से सर्विक्स में चिकनाहट बनी रहती है जिससे डिलीवरी के समय आने वाली परेशानी से निजात पाने में मदद मिलती है।
- घी का सेवन करने से डिलीवरी के बाद आने वाली कमजोरी की समस्या और दर्द आदि से राहत पाने में मदद मिलती है।
- प्रसव के दौरान होने वाले दर्द की समस्या से निजात दिलाने में भी घी का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
प्रेगनेंसी में कब करें घी का सेवन
जो महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर होती है उन्हें थोड़ा बहुत घी का सेवन कर लेना चाहिए। लेकिन वैसे घी का खाने की सलाह आठवें महीने के आखिर से लेकर प्रसव होने तक दी जाती है, और नौवें महीने में घी की मात्रा को बढ़ाने की सलाह दी जाती है। और उसके बाद घी का सेवन आपकी डिलीवरी पर निर्भर करता है यदि आपकी नार्मल डिलीवरी होती है तो आप घी का सेवन कर सकती हैं। लेकिन यदि सिजेरियन डिलीवरी होती है तो थोड़े दिन तक घी न खाने की सलाह दी जाती है।
घी का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान कितना और कैसे करें
प्रेगनेंसी के समय जितना हो सके आपको घी का सेवन तरल चीजे जैसे दूध में डालकर, सब्जी में डाल कर, दालों में डाल कर करना चाहिए। क्योंकि बॉडी तरल पदार्थो को बहुत जल्दी अवशोषित करता है जिससे आपको फायदा मिलता है। और आप एक गिलास दूध या सब्ज़ी में एक या दो चम्मच घी को पिघलाकर उसका सेवन कर सकती है।
प्रेगनेंसी के दौरान अधिक घी खाने के नुकसान
यदि आप प्रेगनेंसी के दौरान आवश्यकता से अधिक घी का सेवन करते हैं तो इससे आपके शरीर में मोटापा बढ़ता है, साथ ही शिशु का वजन भी बहुत ज्यादा होने लगता है। जिससे गर्भवती महिला के साथ शिशु को भी परेशानी हो सकती है खासकर डिलीवरी के समय आपको बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। और मोटापा बढ़ने के कारण मेटाबोलिज्म रेट भी कम होने लगता है।
तो यह हैं प्रेगनेंसी में घी खाने से जुडी कुछ बातें ऐसे में आपको घी का सेवन कब और कितना करना चाहिए और कौन से महीने में करना चाहिए, इस बात का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि प्रेगनेंसी के दौरान घी खाने के आपको फायदे मिले नाकि नुकसान हो।