प्रेगनेंसी के दौरान हाई बीपी से बचने के टिप्स, गर्भवती महिला को हाई बीपी से बचने के टिप्स, प्रेगनेंसी में हाई बीपी को ऐसे करे कण्ट्रोल, हाई बीपी को कण्ट्रोल करने के टिप्स, Tips to control high blood pressure during Pregnancy
प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, ऐसे में किसी भी समस्या का ज्यादा बढ़ना गर्भवती महिला के साथ शिशु के लिए भी समस्या खड़ी कर सकता है। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान हाई बीपी की समस्या हो जाती है और इसका बढ़ना गर्भवती महिला के साथ गर्भ में पल रहे शिशु को भी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में इससे बचने के लिए गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए, तो लीजिये आज हम आपको प्रेगनेंसी के दौरान हाई बीपी से बचने के कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं।
वजन रखें नियंत्रित
गर्भावस्था के दौरान महिला के वजन का बढ़ना आम बात होती है, लेकिन यदि वजन ज्यादा तेजी से बढे तो यह परेशानी का कारण बन सकता है। ऐसे में गर्भवती महिला को अपने वजन पर कण्ट्रोल करना चाहिए। इसके लिए डाइट नहीं करनी चाहिए, बल्कि अपने खान पान को समय से लेना चाहिए, भरपूर आराम करना चाहिए, आदि।
नमक का सेवन अधिक न करे
यदि आपको पहले से ही हाई बीपी की समस्या है या प्रेगनेंसी के दौरान आपका बीपी हाई रहने लग गया है तो आपको खाने में नमक का सेवन कम करना चाहिए। क्योंकि नमक का अधिक सेवन आपकी परेशानी को बढ़ा सकता है, यदि आप चाहे तो नोर्मल नमक की बजाय सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
तेलीय व् मसालेदार आहार
मक्खन, घी, ज्यादा तेज मसाले, मसालेदार आहार, तेल, जंक फ़ूड, बाहर का खाना, डिब्बाबंद प्रोडक्ट्स आदि से परहेज करना चाहिए। क्योंकि इनके सेवन से भी आपको हाई बीपी की समस्या से परेशान होना पड़ सकता है। ऐसे में इस समस्या से बचाव के लिए प्रेगनेंसी के दौरान इनसे भी परहेज करना चाहिए।
व्यायाम करें
हल्का फुल्का व्यायाम भी प्रेगनेंसी के दौरान करने से आपको फायदा मिलता है। इससे आपकी रक्तचाप को सामान्य रहने में मदद मिलती है, साथ ही बॉडी में ब्लड फ्लो बेहतर तरीके से होता है, और आपको वजन बढ़ने जैसी समस्या से छुटकारा मिलने के साथ रिलैक्स महसूस करने में मदद मिलती है, व्यायाम नहीं तो वॉक नियमित जरूर करनी चाहिए।
नशे का सेवन न करें
प्रेगनेंसी के दौरान धूम्रपान, शराब व् अन्य किसी भी तरह का सेवन बहुत नुकसानदायक होता है। इसके सेवन से न केवल महिला को हाई बीपी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है बल्कि इससे शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास पर भी बुरा असर पड़ता है।
भरपूर आराम लें
प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा भाग दौड़ भी आपको हाई बीपी से ग्रसित कर सकती है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान भरपूर आराम करें, किसी काम को करने में थकान का अनुभव हो तो पहले आराम करें बाद में काम करें, साथ ही नींद भरपूर लें, इससे प्रेगनेंसी के दौरान आपको हाई बीपी की समस्या से बचाव करने में मदद मिलती है।
खान पान का ध्यान रखें
गर्भवती महिला यदि अपने खान पान का बेहतर तरीके से ध्यान रखती है, तो प्रेगनेंसी के समय गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के साथ शिशु के बेहतर विकास में भी मदद मिलती है। साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली बहुत सी परेशानियों से निजात पाने में मदद मिलती है। ऐसे में महिला हरी सब्जियों, फलों, दालों, पेय पदार्थ आदि का भरपूर सेवन करना चाहिए, ऐसा करने से महिला को हाई बीपी की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।
तनाव न लें
प्रेग्नेंट महिला का तनाव लेना भी प्रेगनेंसी के दौरान मुश्किलों को बढ़ा सकता है। ऐसे में गर्भवती महिला को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए, की प्रेगनेंसी के दौरान जितना हो सके महिला खुश रहने की कोशिश करे, और तनाव से राहत पाने के सबसे आसान तरीका होता है की प्रेगनेंसी के दौरान दिन में थोड़ा समय निकाल कर आप मधुर संगीत सुने।
योगासन व् मैडिटेशन
हाई बीपी की समस्या से प्रेगनेंसी के दौरान निजात पाने के लिए योगासन व् मैडिटेशन भी एक बेहतरीन उपाय है। योगा व् मैडिटेशन करने से हाई बीपी से आराम के साथ आपको तनाव जैसी समस्या से भी राहत मिलती है, जिससे आपको प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
पोटैशियम व् मैग्नीशियम से भरपूर आहार
प्रेग्नेंसी के दौरान हाई बीपी की समस्या से बचने के लिए महिला को पोटैशियम व् मैग्नीशियम से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए जैसे की केला, खजूर, आदि। इससे भी आपके ब्लड प्रैशर को नोर्मल रहने में मदद मिलती है।
तो यह हैं कुछ खास टिप्स जिनका इस्तेमाल करने से गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान हाई बीपी की समस्या से बचाव करने में मदद मिलती है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान कभी भी आपको हाई बीपी की परेशानी हो तो इसे अनदेखा न करते हुए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। और घर में या आस पास क्लिनिक आदि में जाकर बीपी जरूर चेक करवाना चाहिए, और यादो डॉक्टर इसके लिए कोई दवाई बताता है तो नियमित रूप से उसका सेवन करना चाहिए।