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प्रेगनेंसी का समय किसी भी महिला के लिए बहुत की खूबसूरत और खास होता है। लेकिन जितना खास यह पल होता है कई बार महिला को उतनी ही जटिलताओं का सामना भी करना पड़ता है। यानी प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में तेजी से हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण महिला को बहुत सी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। और ऐसा कोई जरुरी नहीं होता है की हर महिला को प्रेगनेंसी के दौरान एक जैसी समस्या हो। बल्कि यह हर महिला के हार्मोनल बदलाव पर निर्भर करता है, इसके आलावा इस दौरान महिला को दर्द से लेकर, सूजन तक की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के दौरान कौन कौन सी परेशानियां होती है।
प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली समस्याएँ
गर्भावस्था किसी भी महिला के साथ उसके परिवार के लोगो के लिए एक खुशनुमा लम्हा होता है। और पूरे नौ महीने हर कोई आने वाले शिशु को लेकर कोई न कोई सपना बुनता है, लेकिन इस दौरान हो सकता है महिला को बहुत सी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में प्रेगनेंसी के समय महिला को अपना दुगुना ध्यान देना चाहिए ताकि गर्भवती महिला के साथ शिशु को भी स्वस्थ रहने में मदद मिल सके। तो आइए अब जानते हैं की प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली समस्याएँ कौन सी हैं।
उल्टी आना व् मॉर्निंग सिकनेस
प्रेगनेंसी के शुरुआत में मॉर्निंग सिकनेस व् उल्टी की समस्या होना आम बात होती है कुछ महिलाओं को यह समस्या पहली तिमाही में रहती है। तो कुछ महिलाएं पूरे नौ महीने इस समस्या से परेशान रहने के बाद डिलीवरी के बाद भी इससे परेशान रहती हैं। उल्टियां अधिक होने की समस्या होने पर एक बार डॉक्टर से बात करनी चाहिए क्योंकि उल्टी करने से पैर पर अधिक दबाव पड़ता है जिसके कारण गर्भ में पल रहे शिशु को परेशानी हो सकती है।
जल्दी थकान महसूस करना
जैसे की महिला को पता चलता है की वो प्रेग्नेंट है उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता है लेकिन इस दौरान बॉडी में तेजी से हार्मोनल बदलाव आते हैं, शुरुआत में वजन कम भी हो सकता है। और उसके बाद भी शरीर में हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं और महिला का वजन बढ़ने लगता है। ऐसे बॉडी में हो रहे तेजी से परिवर्तन के कारण महिला को कमजोरी व् थकान होने की समस्या होना आम बात होती है। और ऐसे में महिला को अपना और अच्छे से ख्याल रखना चाहिए थकान होने पर आराम करना चाहिए और बॉडी पर ज्यादा जोर नहीं डालना चाहिए।
पेट में दर्द व् ऐंठन
कई महिलाओं को पेट में दर्द व् ऐंठन की समस्या भी होती है। कभी कभार थोड़ा बहुत दर्द होना आम बात होती है लेकिन यदि महिला को तेजी से दर्द हो और बार बार यह समस्या हो तो इसे इग्नोर न करते हुए डॉक्टर से राय लेनी चाहिए और इसके कारण का पता करना चाहिए।
कब्ज़ की समस्या
कब्ज़ की समस्या प्रेगनेंसी में अधिकतर महिलाओं में देखने को मिलती है, और कब्ज़ की परेशानी होने के कारण महिला परेशान भी रहती है इसके लिए महिला को चाहिए की वो एक बार डॉक्टर से सम्पर्क करे और अपने खान पान को सही रखें।
सूजन की परेशानी
यदि किसी महिला में आयरन की कमी होती है या प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में वजन बढ़ने के कारण ब्लड फ्लो होने में दिक्कत होने लगती है तो ऐसे में महिला के पैरों में सूजन की समस्या देखने को मिलती है। और ऐसे में यदि सूजन की समस्या अधिक हो तो इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए। साथ ही महिला की बॉडी में ब्लड फ्लो बेहतर तरीके से हो इसके लिए महिला को करवट लेकर सोना चाहिए क्योंकि यदि महिला सीधा सोती है तो इससे पैरों तक ब्लड फ्लो अच्छे से नहीं हो पाता है।
बार बार यूरिन आना
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को बार बार यूरिन पास करने की इच्छा होती है इसका कारण बॉडी में हो रहे हार्मोनल बदलाव के साथ शिशु के पेट पर पड़ने वाला वजन भी होता है। जिसके कारण मूत्राशय पर दबाव पड़ता है और बार बार यूरिन पास करने की इच्छा होती है।
स्वाद बदलना
गर्भावस्था के दौरान महिला के स्वाद में भी फर्क आता है कई बार महिला को अधिक भूख लगती है तो कई बार कुछ खाने का मन नहीं करता है। और कुछ महिलाओं का इस समय में मीठा खाने का मन करता है तो कुछ खट्टा खाना पसंद करती हैं, लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी भी होती है जिनके मुँह का स्वाद कड़वा होने के कारण वो खाने से परहेज करने लगती हैं।
स्पॉटिंग की समस्या
कई बार महिला को प्रेगनेंसी के बीच बीच में खून के थक्के निकलने की समस्या भी हो जाती है, शुरुआत दिनों में ऐसा होना गर्भपात की निशानी हो सकता है। लेकिन यदि आपको दो महीने के बाद ऐसा हो तो इसे इग्नोर न करते हुए जितना जल्दी हो सके आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि प्रेगनेंसी के बीच में ऐसा होना हानिकारक हो सकता है।
कमर में दर्द
यह समस्या महिलाओं को तीसरी तिमाही से लेकर आखिरी महीने तक हो सकती है क्योंकि जैसे जैसे गर्भ में शिशु का वजन बढ़ता है तो कमर पर जोर पड़ता है। जिसके कारण महिलाओं को कमर में दर्द जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
गर्भावस्था में ध्यान देने योग्य अन्य बातें
- महिला को सबसे पहले एक अच्छे डॉक्टर का चुनाव करना चाहिए।
- आहार के प्रति लापरवाही नहीं करनी चाहिए और थोड़े थोड़े समय बाद खाते रहना चाहिए। और ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जिसमे भरपूर मात्रा में पोषक तत्व हो ताकि गर्भवती महिला को एनर्जी से भरपूर रहने में मदद मिल सके।
- खुश रहने की कोशिश करें और अकेले न रहें।
- किसी भी परेशानी के होने पर इग्नोर न करते हुए जल्दी से जल्दी डॉक्टर से संपर्क करें।
- आयरन का भरपूर सेवन करें ताकि डिलीवरी के समय किसी भी तरह की परेशानी न हो।
- तेजी से किसी भी काम को न करें, और काम करते समय बीच बीच में रेस्ट करते रहना चाहिए।
- मूड को फ्रैश रखने के लिए वॉक करें संगीत सुनें, किताबे पड़े इससे बच्चे पर भी अच्छा असर पड़ता है।
- पेट पर दबाव न डालें और कोर भी ऐसा काम न करें जिसमे अधिक झुकना पड़े, ऐसा करने से आपको परेशानी का अनुभव करना पड़ सकता है।
- समय समय पर डॉक्टर से जांच कवाते रहें ताकि गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।
- प्रेगनेंसी के दौरान यदि आप सम्बन्ध बनाते हैं तो इसके लिए एक बार डॉक्टर से राय जरूर लेनी चाहिए।
- नार्मल डिलीवरी हो इसके लिए आखिरी महीने में महिलाएं बहुत ज्यादा काम करना शुरू कर देती हैं ऐसा न करें, क्योंकि इससे आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप चाहती है की नार्मल डिलीवरी हो तो इसके लिए अपनी फिटनेस और अपने आहार का अच्छे से ध्यान रखें।
तो यह हैं कुछ परेशानियां जो महिला को प्रेगनेंसी के दौरान होती है। ऐसे में महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। और साथ ही कोई भी समस्या हो थोड़ी या ज्यादा उसे अनदेखा न करते हुए डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। और साथ ही अपने खान पान और फिटनेस आदि का भी अच्छे से ख्याल रखना ताकि गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु का विकास बेहतर तरीके से हो सके।