जैसे ही पता चलता है की महिला गर्भवती है उसी समय से ही डॉक्टर से मिलने का सिलसिला शुरू हो जाता है। ताकि प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली परेशानियों से बचने के साथ गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके। और महिला की शारीरिक स्थिति को जानने के लिए और गर्भ में शिशु के विकास को देखने के लिए बहुत सी जांच यानी टेस्ट करवाने जरुरी होते हैं। और इन टेस्ट को करवाने में देरी या लापरवाही नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इन टेस्ट को करवाने से यदि कोई समस्या है तो उसका पता चल जाता है।
जैसे की गर्भाशय ठीक है या नहीं, गर्भपात की कोई आशंका तो नहीं है, किसी तरह का इन्फेक्शन तो नहीं है, गर्भ में शिशु की स्थिति, आदि। और यदि कोई समस्या होती भी है तो समय रहते उसे ठीक करने में मदद मिलती है। ताकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला की सेहत या शिशु के विकास में कोई कमी न आये। साथ ही कुछ महिलाएं उम्र ज्यादा होने पर प्रेगनेंसी प्लान करती है ऐसे में उन्हें ज्यादा जांच करवाने की जरुरत भी पड़ सकती है। तो लीजिये आज हम आपको कुछ ऐसे टेस्ट के बारे में बताने जा रहे हैं, जो प्रेगनेंसी के दौरान करवाने जरुरी होते हैं ताकि गर्भवती महिला और शिशु को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।
ब्लड टेस्ट
ब्लड टेस्ट करवाने से ब्लड ग्रुप, Rh यानी रीसस फैक्टर, हीमोग्लोबिन, ग्लूकोस लेवल, गेस्टेशनल डाइबिटीज़ आदि की जांच की जाती है। क्योंकि जो महिलाएं अधिक उम्र में माँ बनने का फैसला लेती है, उन्हें यह परेशानी होने के चांस ज्यादा होते हैं। ऐसे में यदि यह समस्या होती है तो समय से इसका इलाज करने में मदद मिलती है।
ब्लड प्रैशर
प्रेगनेंसी के समय प्रेग्नेंट महिला का एक बार ब्लड प्रैशर चेक नहीं करते हैं, बल्कि समय समय पर ब्लड प्रैशर को चेक करने की डॉक्टर सलाह देते है। क्योंकि इससे पता चल जाता है की गर्भवती महिला को हाइपरटेंशन तो नहीं है। और यदि गर्भवती महिला को हाई ब्लड प्रैशर की समस्या होती है, तो यह प्रीक्लेम्पसिया का लक्षण हो सकता ही, साथ ही हाई ब्लड प्रैशर होने के कारण केवल गर्भवती महिला को ही नहीं बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु को भी समस्या हो सकती है। ज्यादा उम्र होने पर माँ बनने वाली महिलाओं को यह समस्या होने के चांस ज्यादा होते हैं।
यूरिन टेस्ट
गर्भवती महिलाओं को यूरिन इन्फेक्शन की समस्या का होना आम बात होती है, और यूरिन टेस्ट के माध्यम से बॉडी में प्रोटीन, एल्ब्यूमिन, आदि की जाँच की जाती है। और यदि यूरिन में प्रोटीन की मात्रा अधिक आती है तो यह प्रीक्लेम्पसिया का संकेत हो सकता है।
अल्ट्रासॉउन्ड
अल्ट्रासॉउन्ड प्रेगनेंसी के दौरान होने वाला एक बहुत ही अहम टेस्ट होता है, क्योंकि इस टेस्ट के करने से पता चल जाता है की गर्भ में शिशु का विकास बेहतर तरीके से हो रहा है या नहीं, या शिशु के शारीरिक विकास में किसी तरह की कोई कमी तो नहीं है। यह टेस्ट हर महिला की प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली परिस्थिति के अनुसार बताते हैं की अल्ट्रासॉउन्ड कितनी बार करवाना है।
एनीमिया
एनीमिया प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली एक ऐसी समस्या है जिसमे शरीर में खून की कमी हो जाती है और नया खून नहीं बनता। यह टेस्ट डॉक्टर प्रेगनेंसी के शुरुआती समय में ही करवाने की सलाह देते हैं। और इसकी समय पर जांच करवा लेनी चाहिए। क्योंकि यदि गर्भवती महिला को यह समस्या होती है तो इसके कारण गर्भ में पल रहा शिशु भी प्रभावित हो सकता है।
शुगर टेस्ट
प्रेगनेंसी हॉर्मोन्स के असंतुलन के कारण कई बार बॉडी में इन्सुलिन का बनना कम हो जाता है, जिसके कारण गर्भवती महिला को शुगर होने के चांस भी बढ़ जाते हैं। और इसकी सही जानकारी के लिए यूरिन टेस्ट के माध्यम से पता लगाया जाता है की बॉडी में कितना इन्सुलिन बन रहा है, ऐसे में सही समय पर शुगर टेस्ट करवाना चाहिए।
यौन संचारित रोगो के लिए टेस्ट
गर्भावस्था के शुरूआती समय में ही यौन संचारित रोगो की जांच करवाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि यदि गर्भवती महिला या उनका पार्टनर इस रोग से ग्रसित होता है तो इसके शिशु को होने के चांस भी बढ़ जाते हैं।जो की शिशु के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है ऐसे में इस जांच में देरी न करते हुए समय से यह टेस्ट करवाना चाहिए।
क्रोनिक विल्ली सैंपलिंग टेस्ट
इस टेस्ट को करने से गर्भ में पल रहे शिशु में होने वाली जेनेटिक गड़बड़ियों के साथ जन्मजात दोषों की जांच की जाती है। इसमें प्लेसेंटा से सेल्स निकाल कर, जाँच की जाती है, और यदि इस टेस्ट में किसी तरह की कोई समस्या आती है तो आप डॉक्टर से इसके बारे में राय ले सकते हैं।
एमिनोसेंटसिस टेस्ट
प्रेगनेंसी के दौरान इस जाँच के लिए भी डॉक्टर कह सकते है, इस टेस्ट में एमनियोटिक फ्लूड की मदद से, डाउन सिंड्रोम की जाँच की जाती हैं।
प्लेटलेट्स जांच
गर्भवती महिला के शरीर में यदि प्लेटलेट्स की संख्या कम होती है तो डॉक्टर इसका इलाज करते हैं। क्योंकि यह बॉडी में ब्लड से जुडी समस्याओं के समाधान के लिए बहुत जरुरी होता है, ऐसे में प्लेटलेट्स का टेस्ट भी गर्भवती महिला के लिए जरुरी होता है।
तो यह हैं कुछ टेस्ट जो गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान करवाने की सलाह दी जाती है, इसके अलावा और भी टेस्ट महिला को करवाने के लिए कहा जा सकता है। यह पूरी तरह से गर्भवती महिला की स्थिति पर निर्भर करता है, साथ ही महिला को यह सभी टेस्ट समय से करवाने चाहिए, ताकि गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु को हर तरह की परेशानी से बचाव करने में मदद मिलती है।