प्रेगनेंसी से जुड़े मिथ, गर्भावस्था महिला के लिए बहुत ही ख़ुशी का समय होता है। और इस समय हर कोई आपकी जरूरतों का अच्छे से ध्यान रखता है और आपकी केयर भी करता है। साथ ही आपको प्रेगनेंसी से जुडी सलाह भी देता है। खासकर जब आप पहली बार माँ बन रही होती है। अब ऐसा नहीं है की हर कोई आपको एक जैसी राय दे। क्योंकि प्रेगनेंसी में हर महिला का अनुभव थोड़ा अलग हो सकता है। क्योंकि आपके शरीर और उनके शरीर में फ़र्क़ होता है। ऐसे में आपको दी जाने वाली कुछ सलाह तो बहुत ज्यादा अच्छी होती है। तो कुछ मिथ भी होते हैं और लोगो की यह आदत भी होती है। की आपको यदि कोई आपको किसी चीज के बारे में सलाह देता है। तो आप भी उस सलाह को आगे देते हैं।
गर्भावस्था से जुड़े मिथ
यदि आप गर्भवती है तो ऐसे में हर कोई आपको स्वस्थ रहने के लिए सलाह दे सकता है। लेकिन उन सलाह में से कौन सी सलाह केवल एक मिथ होती है। आइये आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताने जा रहें हैं प्रेगनेंसी से जुड़े मिथ।
पपीता न खाएं
- प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादातर गर्भवती महिला को यही सलाह दी जाती है की वो पपीता का सेवन न करें।
- क्योंकि ऐसा करने से महिला का गर्भपात हो सकता है।
- लेकिन सच तो यह है की महिला को कच्चा या अधपका पपीता नहीं खाना चाहिए।
- क्योंकि इसमें लेटेक्स की मात्रा मौजूद होती है जो गर्भपात का कारण बन सकती है।
- परन्तु सच तो यह है की महिला पके हुए पपीते का थोड़ा बहुत सेवन कर सकती है।
- क्योंकि जैसे ही पपीता पकता है उसमे लेटेक्स की मात्रा कम हो जाती है।
- जिससे महिला या शिशु को नुकसान नहीं पहुँचता है।
- और महिला को प्रेगनेंसी में पाचन क्रिया से जुडी समस्याओं से निजात मिल सकता है।
दो लोगो के नाम का खाएं
- आपने सुना होगा की प्रेग्नेंट महिला को खाना खाते समय हर कोई यही सलाह देता है की महिला को दो लोगो के नाम का खाना चाहिए।
- क्योंकि अब महिला अकेली नहीं है बल्कि शिशु भी उसके साथ है।
- लेकिन सच यह है की महिला को प्रेगनेंसी के दौरान गलत खान पान नहीं करना चाहिए।
- खाने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए, खाने में ज्यादा गैप नहीं रखना चाहिए, पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए।
- ताकि महिला को प्रेगनेंसी के दौरान जरुरी कैलोरी भोजन के माध्यम से मिल सके और महिला व् शिशु स्वस्थ रह सकें।
- और यह सोचिये की यदि गर्भवती महिला अपने आहार को दुगुना कर देगी तो इससे महिला का वजन बहुत अधिक बढ़ सकता है।
- जिससे प्रेगनेंसी के साथ डिलीवरी में भी महिला की समस्या बढ़ सकती है।
- इसीलिए जरुरत के अनुसार और पोषक तत्वों से भरपूर आहार का गर्भवती महिला सेवन करें न की बहुत ज्यादा आहार का सेवन करे।
बच्चा गोरा या काला
- जब आप गर्भवती थी तो आपको बहुत से लोगो ने कहा होगा की नारियल, केसर आदि खाओ इससे शिशु गोरा होता है।
- और कुछ ऐसी चीजों को न खाने की सलाह दी होगी जिससे बच्चा काला होता है।
- लेकिन सच तो यह है की ऐसा कुछ नहीं होता है।
- क्योंकि गर्भ में शिशु का रंग जीन्स पर निर्धारित होता है।
- और कोई भी चीज खाने से बच्चे के रंग पर असर पड़ेगा यह केवल एक मिथ है।
- इसके अलावा यह भी मिथ है की गर्भवती महिला के कमरे में सूंदर शिशु की तस्वीर लगाने से शिशु उसके जैसा होता है।
पीठ के बल न सोएं
- ऐसा अक्सर कहा जाता है की प्रेगनेंसी में पीठ के बल सोने से शिशु तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुँचती है।
- इसीलिए महिला को बाईं और करवट लेकर सोने की सलाह दी जाती है।
- लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं बल्कि महिला पेट बल न सोएं बाकी जिस पोजीशन में महिला आराम से सोना चाहती है सो सकती है।
- हाँ यदि महिला को है ब्लड प्रैशर, किडनी से जुडी समस्या हो, शिशु के विकास में कमी हो।
- तो बाई और करवट लेकर सोना महिला व् शिशु के लिए फायदेमंद हो सकता है।
प्रेगनेंसी से जुड़े मिथ की व्यायाम करने से होगा नुकसान
- प्रेग्नेंट महिला को सभी किसी भी तरह का व्यायाम न करने की सलाह देते हैं।
- क्योंकि उनका मानना होता है की व्यायाम करने से शिशु को नुकसान हो सकता है।
- लेकिन सच तो यह है की पहली तिमाही में रिस्क होने के कारण व्यायाम न करने की सलाह दी जाती है।
- लेकिन दूसरी और तीसरी तिमाही में प्रेग्नेंट महिला व्यायाम कर सकती है।
- इसके लिए डॉक्टर से परामर्श, किसी जिम ट्रेनर की राय आप ले सकती है।
- की प्रेगनेंसी के दौरान कौन सा व्यायाम बेहतर होता है।
- क्योंकि व्यायाम करने से किसी तरह का नुकसान नहीं होता है बल्कि महिला की बॉडी को फिट रहने में मदद मिलती है।
प्रेगनेंसी से जुड़े मिथ की न करें हवाई यात्रा
- गर्भवती महिला को हवाई यात्रा नहीं करनी चाहिए यह एक मिथ है।
- क्योंकि प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में महिला हवाई यात्रा कर सकती है।
- और इसके लिए आप एक बार डॉक्टर से राय ले सकती है यदि डॉक्टर आपको कह देता है की आप जा सकती है, तो इसमें कोई परेशानी नहीं होती है।
सम्बन्ध
- गर्भवती महिला को सम्बन्ध नहीं बनाने चाहिए इससे गर्भवती महिला की सेहत व् भ्रूण के विकास पर बुरा असर पड़ सकता है।
- ऐसा जो भी कहते हैं यह गलत है, क्योंकि प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में आपकी पार्टनर यदि स्वस्थ है।
- तो डॉक्टर से राय के बाद आप सम्बन्ध बना सकते हैं।
- लेकिन सम्बन्ध बनाते समय आपको बस इन ध्यान रखना है।
- की आप सुरक्षा व् साफ़ सफाई का पूरा ध्यान रखें ताकि इन्फेक्शन का खतरा न हो।
ग्रहण से शिशु को नुकसान होता है
- ज्यादातर बुर्जुग महिलाओं के मुँह से यही बात सुनने को मिलती है।
- की गर्भवती महिला को ग्रहण में कोई काम नहीं करना चाहिए।
- केवल बैठे रहना चाहिए क्योंकि किसी भी तरह का काम करने से शिशु के विकलांग होने का खतरा होता है।
- लेकिन इस बात में कोई सच्चाई है इसका आज तक पता नहीं चला है।
- क्योंकि ग्रहण लगना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।
- लेकिन यह सच है की ग्रहण को गर्भवती महिला को नंगी आँखों से नहीं देखना चाहिए।
तो ये हैं प्रेगनेंसी से जुड़े मिथ जो गर्भवती महिला को राय की तरह बताएं जाते हैं। ऐसे में गर्भवती महिला को इन पर विश्वास करने की जगह इनके असली कारण का पता करना चाहिए। ताकि आपको और शिशु दोनों को प्रेगनेंसी में स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।