यदि किसी भी महिला से पूछा जाए की उसकी जिंदगी का सबसे अनोखा अनुभव कौन सा होता है तो ज्यादातर महिलाएं प्रेगनेंसी को ही बताती है। क्योंकि प्रेगनेंसी के समय महिला अपने गर्भ में एक नन्ही जान को रखती है और पूरे नौ महीने तक उसका गर्भ में पालन पोषण करने में बाद उसे जन्म देती है। प्रेगनेंसी के दौरान महिला को बहुत सी जटिलताओं का सामना भी करना पड़ता है। जैसे की कई महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान उल्टी, बॉडी पेन, सूजन, ब्लड प्रेशर, से लेकर लेबर पेन तक का दर्द सहना पड़ता है। लेकिन डिलीवरी के बाद आपको इन सब परेशानियों से निजात मिल जाता है।
लेकिन क्या आप जानते है की प्रेगनेंसी का भी एक सही समय होता है, एक उम्र होती है। ऐसे में आपको प्रेगनेंसी से जुडी बहुत सी बातों का पता होना चाहिए क्योंकि कई बार प्रेगनेंसी भी रिस्की हो सकती है। अब आप ऐसा सोच रहें होंगे की हम ऐसा क्यों कह रहे है? क्योंकि कुछ महिलाएं तीस की उम्र के बाद प्रेग्नेंट होने का फैसला लेती है, तो कुछ महिलाएं बहुत कम उम्र में ही माँ बन जाती है, कुछ शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार नहीं होती है, तो कुछ किसी बिमारी से पीड़ित होती हैं, आदि। ऐसे में प्रेगनेंसी रिस्की हो सकती है। तो आइये विस्तार से जानते है प्रेगनेंसी कब और क्यों रिस्की होती है।
प्रेगनेंसी रिस्की कब होती है:-
प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए बहुत बहुत की खास लम्हा होता है लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान आपको बहुत सी सावधानियां बरतनी पड़ती है। साथ ही प्रेगनेंसी के लिए सही समय और आपकी शारीरिक और मानसिक फिटनेस भी बहुत जरुरी होती है। तो आइये जानते हैं की प्रेगनेंसी आपके लिए कब रिस्की हो सकती है।
ज्यादा उम्र होने पर:-
कुछ महिलाएं तीस या उससे ऊपर की उम्र होने के बाद गर्भवती होने का फैसला करती है। लेकिन ज्यादा उम्र होने के बाद अंडाशय में अंडे बनने कम हो जाते है साथ ही प्रेगनेंसी भी कम होने की सम्भावना होने लगती है। लेकिन यदि आप प्रेग्नेंट हो जाते हैं तो ऐसे में आपको बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, साथ ही अपना बहुत अधिक ख्याल रखना पड़ता है। और इस समय में थोड़ी सी लापरवाही गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों को ही नुकसान पहुंचा सकती है। इसीलिए कहा जाता है की अधिक उम्र में माँ बनना रिस्की होता है।
कम उम्र में माँ बनना भी होता है रिस्की:-
कई बार जल्दी शादी होने के कारण प्रेगनेंसी भी जल्दी ही हो जाती है, लेकिन उस समय आपका शरीर प्रेगनेंसी की जटिलताओं को सहने के लिए तैयार नहीं होता है। जिसके कारण गर्भपात का खतरा बहुत ज्यादा होता है, साथ ही यह महिला की सेहत के लिए भी बहुत हानिकारक होता है। ऐसे में कई बार गर्भ में पल रहे शिशु के विकास पर भी असर पड़ता है। इसीलिए माँ बनने की सही उम्र बाइस साल के बाद होती है तो उससे पहले माँ बनने के लिए आपको अच्छे से फिट होना चाहिए।
किसी बिमारी के कारण:-
यदि कोई महिला किसी शारीरिक परेशानी से जूझ रही है और इस दौरान वो प्रेग्नेंट हो जाती है। तो ऐसे में यह महिला के लिए हानिकारक होता है साथ ही महिला की बिमारी का दुष्प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत पर भी पड़ता है। और महिला को प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे की शुगर की बिमारी वाली महिला यदि प्रेग्नेंट होती है तो उसे इन्सुलिन के इंजेक्शन लगवाने पड़ते है। और उसकी डिलीवरी में भी परेशानी आ सकती है। इसके अलावा यदि महिला किसी और बिमारी से भी पीड़ित हो तो प्रेगनेंसी के दौरान कई तरह के रिस्क होते है, ऐसे में आपको डॉक्टर की सलाह लेते रहना चाहिए।
सिजेरियन डिलीवरी होने के बाद:-
सिजेरियन डिलीवरी होने के बाद महिला को अच्छे से फिर होने में कम से कम छह महीने का समय लगता है। और उसके कम से कम डेढ़ से दो साल तक महिला को प्रेगनेंसी नहीं करनी चाहिए। और इसके लिए ध्यान रखना चाहिए लेकिन यदि महिला सिजेरियन डिलीवरी के बाद एक साल बाद या उससे पहले ही दुबारा प्रेग्नेंट हो जाती है। तो ऐसे में उसे बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। और यह महिला के लिए रिस्की हो सकता है इसीलिए महिला को सिजेरियन डिलीवरी के बाद प्रेगनेंसी का फैसला बहुत ही सोच समझ कर लेना चाहिए। इसके अलावा नार्मल डिलीवरी के बाद भी महिला को शारीरिक रूप से फिट होने के बाद ही दूसरी बार प्रेगनेंसी का फैसला लेना चाहिए।
शारीरिक व् मानसिक रूप से तैयार न होने पर:-
कुछ महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर होने के साथ प्रेगनेंसी के लिए मानसिक रूप से भी तैयार नहीं होती है। ऐसे में यदि वो प्रेग्नेंट हो जाती है तो शरीरिक परेशानी के साथ उन्हें तनाव जैसी समस्या का भी सामना करना पड़ता है। इसीलिए महिला को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए। की जब भी महिला प्रेगनेंसी का फैसला लेती है तो उसे शारीरिक के साथ मानसिक रूप से भी फिट होना चाहिए। यदि महिला मानसिक रूप से तैयार नहीं होती है तो ऐसे में प्रेगनेंसी में गर्भपात और ने समस्या का रिस्क ज्यादा होता है।
तो यह हैं प्रेगनेंसी से जुडी कुछ बातें इसीलिए महिलाओं को प्रेगनेंसी को लेकर इन चीजों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने के कारण आपको प्रेगनेंसी से जुडी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है साथ ही इससे गर्भ में पल रहे शिशु को भी परेशानी का अनुभव करना पड़ सकता है। और जब भी आप प्रेगनेंसी के लिए तैयार होती है तो एक बार अच्छे से अपनी जाँच भी जरूर करवानी चाहिए, ताकि महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों को ही स्वस्थ रहने में मदद मिल सकें।