गर्भावस्था महिला के लिए उसकी जिंदगी का सबसे बेहतरीन तोहफा होता है। और जब महिला पहली बार माँ बनने जा रही होती है तो महिला बहुत ज्यादा उत्साहित होती है। साथ ही पहली प्रेगनेंसी के दौरान महिला के मन में बहुत से सवाल भी चल रहे होते हैं। क्योंकि पहली प्रेगनेंसी में महिला को पता नहीं होता है की शरीर में कैसे बदलाव आते हैं, महिला को कैसा महसूस हो सकता है, किस तरह अपना ध्यान रखना होता है, क्या सही होता है क्या गलत होता है, आदि।
साथ ही महिला के गर्भवती होने के बाद सभी उसे राय देते हैं लेकिन उनमे से महिला को क्या फॉलो करना होता है और क्या नहीं इसके बारे में महिला को सही जानकारी नहीं होती है। तो आज इस आर्टिकल में हम आपको यदि आप पहली बार माँ बनने जा रही हैं तो पहले तीन महीने में आपको किन किन टिप्स को फॉलो करना चाहिए उनके बारे में बताने जा रहे हैं।
डॉक्टर से मिलें
पीरियड्स मिस होने के बाद घर में प्रेगनेंसी टेस्ट करें उसके बाद यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो महिला कोमसबसे पहले एक अच्छे से डॉक्टर का चुनाव करना चाहिए। साथ ही ही उसके बाद आपको डॉक्टर जैसा जैसा कहता है वैसा वैसा करना चाहिए ताकि आपको प्रेगनेंसी में किसी भी तरह की कॉम्प्लीकेशन्स नहीं आएं।
पहले तीन महीने किसी से प्रेगनेंसी न्यूज़ शेयर नहीं करें
गर्भावस्था के पहले तीन महीने बहुत ही नाजुक होते हैं ऐसे में अपने घर वालों को छोड़कर बाकी किसी से भी आपको अपनी प्रेगनेंसी की न्यूज़ शेयर नहीं करनी चाहिए। उसके बाद आप चाहे तो शेयर कर सकते हैं।
प्रेगनेंसी के बारे में जानकारी इक्कठी करें
पहली प्रेगनेंसी के दौरान महिला को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती है ऐसे में यदि लोगो की राय ली जाए तो हर महिला का अलग अलग एक्सपीरियंस होता है जिसकी वजह से प्रेग्नेंट महिला को समझ नहीं आता है की उसके लिए क्या सही है क्या नहीं। इसीलिए पहले महिला को इंटरनेट, डॉक्टर, आदि से जानकारी इक्कठी करनी चाहिए और फिर लोग जो उनसे शेयर करते हैं उसे समझना चाहिए। ऐसा करने से महिला के पास प्रेगनेंसी की जानकारी इक्कठी होती है जिससे महिला को प्रेगनेंसी को आसान बनाने में मदद मिलती है।
घबराएं नहीं बल्कि प्रेगनेंसी को समझें
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं जिसकी वजह से महिला को शरीर में अलग अलग लक्षण जैसे की मूड स्विंग्स, जी मिचलाना, आदि महसूस हो सकते हैं या फिर महिला को शारीरिक परेशानियां अधिक हो सकती है। ऐसे में महिला को घबराना नहीं चाहिए बल्कि महिला को प्रेगनेंसी के दौरान महसूस होने वाले लक्षणों को समझना चाहिए। क्योंकि महिला जितना प्रेगनेंसी को समझती है उतना ही महिला को प्रेगनेंसी को आसान बनाने में मदद मिलती है।
अपनी दिनचर्या में बदलाव लाएं
प्रेगनेंसी एक ऐसा समय होता है जब महिला को अपने लाइफस्टाइल, दिनचर्या में पूरी तरह बदलाव करने की जरुरत होती है। क्योंकि अब महिला अकेली नहीं होती है बल्कि गर्भ में पल रही नन्ही जान भी अपनी माँ पर ही निर्भर करती है। ऐसे में महिला को अपने खाने पीने, सोने, व्यायाम करने आदि का एक समय बनाना चाहिए ताकि प्रेगनेंसी के दौरान माँ व् बच्चे दोनों को स्वस्थ व् फिट रहने में मदद मिल सकें।
डाइट का ध्यान रखें
खान पान का ध्यान रखना प्रेगनेंसी के दौरान सबसे अहम होता है इसीलिए प्रेगनेंसी की पहली तिमाही से ही महिला को अपनी डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। जैसे की फल, सब्जियां, दालें, दूध, दही, साबुत अनाज, आदि। इससे प्रेगनेंसी की शुरुआत से ही शिशु का विकास अच्छे से होने में मदद मिलती है साथ ही महिला भी हेल्दी व् तंदरुस्त रहती है। साथ ही महिला को अपनी डाइट को समय से भी लेना चाहिए।
बेटा हो या बेटी इसके बारे में नहीं सोचें
पहली बार माँ बनना महिला के लिए नए जन्म से कम नहीं होता है ऐसे में महिला को इस बारे में बिल्कुल नहीं सोचना चाहिए की बेटा होगा या बेटी होगी। बल्कि इस दौरान महिला को केवल यही सोचना चाहिए की आने वाला शिशु बिल्कुल स्वस्थ व् हष्ट पुष्ट हो।
पॉजिटिव रहें
महिला को पूरी प्रेगनेंसी के दौरान बिल्कुल पोस्टिव रहने चाहिए और केवल अच्छी बातों को सोचना चाहिए इससे महिला को प्रेगनेंसी के दौरान मानसिक रूप से फिट रहने में मदद मिलती है।
सम्बन्ध बनाने से बचें
गर्भावस्था की पहली तिमाही में महिला को सम्बन्ध बनाने से भी बचना चाहिए क्योंकि पहली तिमाही में सम्बन्ध बनाने से स्पॉटिंग, इन्फेक्शन आदि का खतरा हो सकता है। जिसकी वजह से महिला को दिक्कत होने का खतरा होता है।
किसी भी बात को लेकर समझ नहीं आएं तो डॉक्टर से पूछें
गर्भावस्था के शुरूआती समय में महिला के मन में बहुत से सवाल होते हैं, बहुत सी चीजें होती है जिन्हे महिला समझ नहीं पाती है ऐसे में महिला को इन बातों को लेकर तनाव में नहीं आना चाहिए। बल्कि आपके मन में जितने भी सवाल चल रहे हो उनके बारे में आपको डॉक्टर से पूछना चाहिए।
रूटीन चेकअप और टीकाकरण समय से करवाएं
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में अपना रूटीन चेकअप, टीकाकरण आदि समय से करवाएं। ताकि प्रेगनेंसी की शुरुआत से ही आपको कोई दिक्कत नहीं हो साथ ही गर्भ में शिशु का शुरूआती विकास अच्छे से हो सकें। साथ ही हो सकें तो अपने आस पास के एरिया में किसी अच्छे से डॉक्टर का चुनाव करें ताकि यदि कोई घर में नहीं हो तो आप आसानी से अकेले जा सकें।
छोटी छोटी बातों का ध्यान रखें
गर्भावस्था की पहली तिमाही में छोटी छोटी बातों का ध्यान रखें क्योंकि इनका ध्यान रखने से आपको हर परेशानी से बचे रहने में मदद मिल सकती है। जैसे की:
- भारी सामान न तो उठाएं न ही सरकायें।
- पेट पर अधिक जोर नहीं पड़ने दें।
- उन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करें जिससे गर्भवती का खतरा हो जैसे की कच्चा पपीता, अनानास, एलोवेरा, तुलसी, अदरक, जरुरत से ज्यादा कैफीन, कच्चा अंडा व् नॉन वेज, आदि।
- नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करें।
- जिन खाद्य पदार्थों की तासीर गर्म होती है उनका सेवन नहीं करें।
- ज्यादा सीढ़ियां नहीं चढ़ें।
- ज्यादा व्यायाम, भागदौड़ आदि नहीं करें।
- भरपूर आराम करें।
- किसी भी काम को करने से में तेजी नहीं करें।
- ज्यादा थकन व् कमजोरी महसूस होने पर शरीर पर ज्यादा जोर नहीं डालें बल्कि थोड़ा आराम करें।
कोई भी दिक्कत होने पर डॉक्टर से मिलें
यदि महिला को कोई भी शारीरिक परेशानी अधिक हो रही है, ब्लीडिंग की समस्या हो रही है, कोई भी लक्षण जरुरत से ज्यादा महसूस हो रहा है, आदि। तो ऐसे में महिला को बिना देरी किये तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। क्योंकि प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में थोड़ी सी चूक आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।
तो यह हैं कुछ टिप्स जिनका ध्यान गर्भवती महिला को पहली प्रेगनेंसी के दौरान पहले तीन महीने में रखना चाहिए। क्योंकि गर्भवती महिला यदि इन बातों का ध्यान रखती है तो इससे प्रेगनेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में होने वाली दिक्कतों से बचे रहने में मदद मिलती है।
Pregnancy tips for first trimester during your first pregnancy