नवरात्रि के पावन दिनों की शुरुआत अब होने वाली है देश के अधिकतर हिस्सों में नवरात्रि को एक पर्व त्यौहार की तरह मनाया जाता है। जहां माता के भक्त उनके लिए अपनी आस्था, विश्वास और प्यार को व्यक्त करते हैं। अधिकतर लोग घट स्थापना करते हैं, खेत्री बीजते हैं, अखंड ज्योत जलाते हैं, पूरे नौ दिन तक माता के नाम के उपवास भी करते हैं। फिर अष्टमी या नवमी के दिन घर में कन्या भोज रखकर अपने व्रत को खोलते हैं। कुछ गर्भवती महिलाएं भी नवरात्रि के दिनों में व्रत रखने की इच्छा जताती है ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को व्रत रखना चाहिए या नहीं और महिला को इन दिनों में किन किन चीजों से बचना चाहिए आइये उसके बारे में जानते हैं।
क्या गर्भवती महिला को नवरात्रि का व्रत रखना चाहिए?
वैसे प्रेगनेंसी कोई बिमारी नहीं है की आप उसमे व्रत न कर सकें लेकिन नवरात्रि के व्रत नौ दिन के होते हैं ऐसे में महिला को अन्न नहीं खाना होता है, एक समय खाना खाना होता है और वो भी कुट्टू, आलू, साबूदाना आदि का, कुछ महिलाएं इन दिनों में दवाइयों का सेवन भी नहीं करती है, आदि। ऐसे में यदि महिला व्रत करती है तो इसके लिए डॉक्टर से पहले राय लेनी चाहिए की आप व्रत रख सकती हैं या नहीं।
पहले तो डॉक्टर्स ही आपको नौ दिन की लगातार फास्टिंग नहीं करने की सलाह देते हैं चाहे आप स्वस्थ हैं या नहीं हैं, उसके बाद व्रत रखने पर खाने में अन्न की जगह कुट्टू का सेवन किया जाता है जिसकी तासीर गर्म होती है। फिर प्रेगनेंसी में यदि जरुरी विटामिन्स का सेवन नहीं किया गया तो उससे भी माँ व् बच्चे की सेहत को नुकसान पहुँच सकता है। साथ ही व्रत के दिन में ज्यादा मीठा, तला भुना आहार ज्यादा खाया जाता है।
ऐसे में महिला व् शिशु को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए महिला को नवरात्रि के उपवास करने से बचना चाहिए। लेकिन यदि फिर भी महिला का मन है तो डॉक्टर्स से राय लेने के बाद महिला एक या दो दिन का उपवास कर सकती है। और उन दिनों के उपवास में भी महिला को नवरात्रि के दिनों में सावधानी बरतनी चाहिए ताकि माँ या बच्चे की सेहत को नुक्सान नहीं हो।
प्रेग्नेंट महिला को नवरात्रि के दिनों में क्या करने से बचना चाहिए?
गर्भवती महिला के लिए सबसे पहले अपनी और अपने बच्चे की सेहत होनी चाहिए और उसके बाद कुछ और होना चाहिए। ताकि प्रेगनेंसी के दौरान माँ व् बच्चे को स्वस्थ रहने में मदद मिल सकें। तो आइये अब जानते हैं की नवरात्रि के दिनों में क्या नहीं करना चाहिए।
पहली तिमाही में न करें व्रत
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही बहुत ज्यादा अहम होती है ऐसे में यदि नवरात्रि के व्रत पहली तिमाही में आ रहे हैं तो महिला को व्रत गलती से भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस दौरान महिला के शरीर में तेजी से हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं साथ ही शिशु का शुरूआती विकास हो रहा होता है और ऐसे में यदि महिला व्रत रखती है भूखी प्यासी रहती है तो इससे महिला और शिशु को ही नुकसान पहुँचता है।
व्रत के खाने से परहेज करें
प्रेगनेंसी के दौरान महिला का अलग अलग चीजें खाने का मन हो सकता है ऐसे में नवरात्रि के दिनों में तो अलग अलग फल, व्रत में खाया जाने वाला खाना, चिप्स, नमकीन, तली भुनी चीजें आदि घर में या तो बाहर से लाई जाती है या घर में बनाई जाती है। और महिला की उन्हें खाने की इच्छा भी हो सकती है लेकिन महिला को अपनी इच्छा पर थोड़ा कण्ट्रोल करना चाहिए हाँ महिला फल खा सकती है, लेकिन व्रत का खाना, चिप्स, नमकीन, मीठी चीजें आदि महिला को नहीं खानी चाहिए। क्योंकि प्रेगनेंसी में पाचन क्रिया थोड़ा धीमे काम करती है जिसकी वजह से महिला को पेट सम्बन्धी समस्या अधिक हो सकती है जैसे की एसिडिटी, सीने में जलन आदि हो सकती है।
भीड़भाड़ में जाने से बचें
नवरात्रि के दिनों में मेले लगना, सत्संग कीर्तन आदि का बुलावा आना आम बात होती है लेकिन प्रेग्नेंट महिला को ज्यादा भीड़भाड़ में, ज्यादा शोर आदि में जाने से बचना चाहिए। क्योंकि ज्यादा भीड़भाड़ में जाने के कारण इन्फेक्शन, गिरने, झटका लगने आदि का खतरा होता है साथ ही कीर्तन में जाने पर लम्बे समय तक एक ही जगह पर बैठना पड़ता है, जिससे महिला को कमर दर्द, पैरों में दर्द आदि की समस्या हो जाती है। साथ ही ऐसी जगह पर शोर भी अधिक होता है जिससे गर्भ में शिशु की सुनने की क्षमता पर भी असर पड़ सकता है। ऐसे में महिला को ऐसी जगह पर जाने से भी बचना चाहिए।
भूखे प्यासे रहने वाला व्रत नहीं करें
कुछ लोग केवल पानी पर, जूस पर, एक समय फलाहार पर व्रत रखते हैं लेकिन गर्भवती महिला को ऐसा करने से बचना चाहिए। क्योंकि यदि गर्भवती महिला ऐसा करती है तो इससे गर्भवती महिला और शिशु दोनों की सेहत को नुकसान पहुँचने का खतरा रहता है। साथ ही यदि महिला व्रत करती भी है तो महिला को थोड़े थोड़े समय बाद फल खाने चाहिए, पानी भरपूर पीना चाहिए, नारियल पानी पीना चाहिए आदि।
टोने टोटके से बचें
इन दिनों में लोग टोना टोटका भी करते हैं ऐसे में महिला जब भी घर से बाहर जाती है तो महिला को सड़क पर सावधानी से चलना चाहिए। साथ ही महिला को अपने पास लोहे की चीज, माचिस, लहसुन की काली आदि रखनी चाहिए, क्योंकि ऐसा माना जाता है की इन चीजों को पास रखने से टोना टोटका असर नहीं करता है।
दिक्कत होने पर भी व्रत नहीं करें
यदि गर्भवती महिला ने व्रत कर लिया है और व्रत रखने के बाद महिला को किसी तरह की दिक्कत हो रही है तो महिला को उस दिक्कत को अनदेखा न करते हुए अपनी सेहत के बारे में सोचना चाहिए। और व्रत खोल लेना चाहिए क्योंकि व्रत तो आप अगली बारे रख सकती है लेकिन यदि शिशु या आपको दिक्कत हो जाएगी तो क्या होगा।
नज़र से बच कर रहें
गर्भावस्था के दौरान महिला को बहुत से लोग मिलते हैं जो महिला के चेहरे पर आये प्रेगनेंसी ग्लो की बात करते हैं, पेट को लेकर बात करते हैं, कई बार कुछ चीजों को लेकर महिला को टोक भी देते हैं जैसे की महिला को कुछ खाते या पीते समय टोक देते हैं। तो इसकी वजह से महिला को नज़र लग जाती है और त्यौहारों के समय नज़र लगने का खतरा ज्यादा होता है और यह तो आप जानते ही हैं की नवरात्रि किसी त्यौहार से कम नहीं होती है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को नज़र से बच कर रहना चाहिए और रोजाना अपनी नज़र उतारते रहना चाहिए।
तो यह हैं कुछ टिप्स जो नवरात्रि के दिनों में गर्भवती महिला को याद रखने चाहिए ताकि गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों की की सेहत को ही किसी भी तरह का नुकसान नहीं हो।
What things should a pregnant woman avoid during Navratri