सावन का महीना भोलेबाबा को समर्पित होता है और ऐसा माना जाता है की सावन के सोमवार के यदि व्रत कर लिए जाएँ तो यह पूरे साल के सोमवार के व्रतों के बराबर होते हैं। इसीलिए अधिकतर लोग सावन के महीने में भोलेबाबा की कृपा पाने के लिए उपवास करते हैं पूजा अर्चना करते हैं।
इसके अलावा भोलेबाबा का यह व्रत हर कोई कर सकता है बच्चा, बूढ़ा, विवाहित औरतें, आदमी, कुँवारी लडकियां और लड़के, आदि। लेकिन जब बात गर्भवती महिला की हो तो व्रत रखना चाहिए या नहीं, कैसे रखना चाहिए, कहीं कोई नुकसान तो नहीं होगा, आदि ऐसी बहुत सी बातों को जानना जरुरी होता है।
प्रेग्नेंट महिला व्रत रखें या नहीं?
गर्भावस्था के दौरान महिला अकेली नहीं होती है बल्कि गर्भ में शिशु भी अपने जरुरी पोषण के लिए अपनी माँ पर ही निर्भर करता है। ऐसे में महिला यदि निर्जला या निराहार व्रत रखती है तो इसके कारण माँ और बच्चे दोनों की सेहत को नुकसान पहुँचता है। ऐसे में जितना हो सकें महिला को व्रत रखने से बचना चाहिए।
लेकिन यदि आपको स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई समस्या नहीं हैं, आप फिट हैं और आप व्रत रखना चाहिए तो पूरा दिन भूखे प्यासे रहकर नहीं बल्कि फलाहार करके, पानी का सेवन करके, एक समय आहार लेकर आप व्रत कर सकती है।
और सोमवार के व्रत में एक समय आहार लिया जा सकता है बाकी समय भूख लगने पर महिला फलों का सेवन कर सकती है। ऐसे में यदि आप व्रत रखना चाहती है और पूरी तरह स्वस्थ है तो आप व्रत रख सकती है। बाकी यदि आप व्रत छोड़ सकती है तो इससे अच्छी कोई बात नहीं है।
सावन के सोमवार का व्रत रखने पर किन बातों का ध्यान रखें
यदि गर्भवती महिला व्रत रखना चाहती है तो महिला को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि महिला को व्रत रखने पर किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। जैसे की:
प्यासी न रहें
गर्भावस्था के दौरान व्रत रखने पर महिला को पूरा दिन प्यासा नहीं रहना चाहिए। बल्कि थोड़ी थोड़ी देर में कुछ न कुछ तरल लेते रहना चाहिए जिससे व्रत रखने पर भी शरीर में ऊर्जा बनी रहे।
फलाहार करें
यदि आप व्रत में भोजन नहीं करती है तो आप ऐसा नहीं है की पूरा दिन केवल पानी पीकर रहें बल्कि फल, सलाद आदि का सेवन जरूर करें। ताकि शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं हो और माँ और बच्चा दोनों को हेल्दी रहने में मदद मिल सके।
आराम करें
व्रत रखने पर सारा दिन केवल बैठी न रहे बल्कि थोड़ी देर आराम जरूर करें ताकि आपके शरीर को आराम मिल सके जिससे आपको एनर्जी से भरपूर रहने में मदद मिल सके।
कोई दिक्कत होने पर व्रत खोल दें
यदि आपको ऐसा लग रहा है की आप व्रत नहीं रख पा रही हैं तो शरीर पर जोर नहीं डालें बल्कि व्रत खोल दें। यदि शरीर में दिक्कत होगी तो आपके लिए ज्यादा नुकसानदायक होगा और ठीक रहेंगी तो व्रत आप दुबारा भी कर लेंगी।
व्रत रखने के नुकसान
- पूरा दिन व्रत रखने के कारण महिला को थकान व् कमजोरी जैसी समस्या हो सकती है।
- पानी का सेवन नहीं करने के कारण महिला को डीहाइड्रेशन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
- महिला को खाली पेट रहने के कारण गैस की समस्या हो सकती है।
- जो गर्भवती महिला ब्लड प्रैशर की समस्या से परेशान हैं उन्हें दिक्कत हो सकती है।
- महिला और शिशु दोनों को शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण सेहत सम्बन्धी परेशानी होने का खतरा हो सकता है।
- यदि प्रेगनेंसी की आखिरी तिमाही चल रही है तो महिला को व्रत करना भारी पड़ सकता है ऐसे में इस दौरान व्रत करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी बहुत जरुरी होती है।
तो यह है प्रेगनेंसी के दौरान महिला को व्रत रखना चाहिए या नहीं, और व्रत रखने के कारण महिला को कौन से नुकसान हो सकते हैं उससे जुडी जानकारी। इसके अलावा यदि आपका मन है तो डॉक्टर से पूरी तरह राय लेने के बाद ही आप व्रत करें।