फुंसी एक ऐसी परेशानी होती है जो बॉडी के किसी भी हिस्से पर हो सकती है। जैसे की चेहरे, कमर, पीठ, चेस्ट, प्राइवेट पार्ट, आदि। तो आज इस आर्टिकल में हम आपसे प्राइवेट पार्ट पर होने वाली फुंसी की समस्या को लेकर बात करने जा रहे हैं। यदि किसी महिला या पुरुष को प्राइवेट पार्ट पर फुंसी की समस्या हो जाती है। तो इसका सबसे अहम कारण होता है की स्किन में तेल ग्रथियाँ मौजूद होती हैं जिनके कारण आपको फुंसी की समस्या हो सकती है। इसके अलावा ऐसे और भी कई कारण होते हैं जिनकी वजह से प्राइवेट पार्ट पर फुंसी हो सकती है। तो आइये अब जानते हैं की प्राइवेट पार्ट पर फुंसी होने के क्या कारण होते हैं। और आप किस प्रकार इस समस्या से निजात पा सकते है।
प्राइवेट पार्ट पर फुंसी होने के कारण
यदि किसी महिला या पुरुष को प्राइवेट पार्ट पर फुंसी हो जाती है। तो समस्या के क्या कारण हो सकते हैं आइये जानते हैं।
हार्मोनल बदलाव
- पीरियड्स या प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में बहुत से हार्मोनल बदलाव होते हैं।
- और बॉडी में होने वाले हार्मोनल अंसतुलन के कारण प्राइवेट पार्ट की स्किन के आस पास बेड बैक्टेरिया का उत्पादन होने लगता है साथ ही डेड स्किन का जमाव होने लगता है।
- जिसके कारण प्राइवेट पार्ट पर दाने या फुंसी निकलने की समस्या हो सकती है।
साफ़ सफाई न रखना
- यदि कोई महिला या पुरुष अपने प्राइवेट पार्ट की साफ़ सफाई का ध्यान नहीं रखता है।
- जैसे की यूरिन पास करने या मल पास करने के बाद अच्छे से प्राइवेट पार्ट को साफ़ नहीं करता है।
- अंडरवीअर साफ़ नहीं पहनता है, तो ऐसे में प्राइवेट पार्ट के आस पास बेड बैक्टेरिया का उत्पादन होने लगता है।
- जिस कारण प्राइवेट पार्ट पर फुंसी की समस्या हो सकती है।
पसीना
- गर्मियों के मौसम में बॉडी से खूब पसीना निकलता है ऐसे में पसीने के कारण त्वचा पर डेड स्किन की एक परत बन जाती है।
- जिसमे बेड बैक्टेरिया पनप सकता है और यदि ऐसा होता है तो भी आपको फुंसी की समस्या हो सकती है।
बहुत ज्यादा टाइट कपडे पहनना
- यदि आप बहुत ज्यादा टाइट अंडरवीअर, जीन्स, आदि पहनते हैं।
- तो इसके कारण उस एरिया को नमी नहीं मिल पाती है।
- जिसके कारण स्किन सूखी पड़ने लगती है और फुंसी की समस्या हो सकती है।
प्राइवेट पार्ट में फुंसी होने के कारण है वैक्सिंग
- गर्म वैक्स करवाने के कारण भी स्किन पर बेड बैक्टेरिया पनपने लगता है।
- जिसके कारण महिला को प्राइवेट एरिया पर फुंसी की समस्या हो सकती है।
केमिकल का इस्तेमाल
- यदि आप प्राइवेट एरिया के लिए खुशबूदार प्रोडक्ट्स, क्रीम, साबुन, आदि का इस्तेमाल करते हैं।
- तो उस एरिया पर एलर्जी होने का खतरा बढ़ जाता है।
- जिस कारण प्राइवेट एरिया पर फुंसी, दाने निकलना, खुजली होना जैसी समस्या हो सकती है।
प्राइवेट पार्ट में फुंसी होने के कारण है रेज़र का इस्तेमाल
- अधिकतर महिलाएं प्राइवेट पार्ट के अनचाहे बालों को हटाने के लिए रेज़र का इस्तेमाल करती हैं।
- लेकिन बार बार एक ही रेज़र का इस्तेमाल करने से, रेज़र को बिना धोये इस्तेमाल करने से, किसी और का रेज़र इस्तेमाल करने से प्राइवेट पार्ट में इन्फेक्शन का खतरा रहता है।
- साथ ही इस कारण प्राइवेट पार्ट में फुंसी आदि होने की परेशानी भी हो सकती है।
सम्बन्ध बनाते समय की गई गलती
- यदि सम्बन्ध बनाते समय महिला या पुरुष साफ़ सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं।
- तो इस कारण भी फुंसी आदि होने का खतरा रहता है।
- साथ ही कई बारे महिला या पुरुष को सम्बन्ध बनाते समय इस्तेमाल की गई सुरक्षा से भी एलर्जी हो सकती है जिस कारण फुंसी की समस्या हो सकती है।
खान पान
- जो महिला या पुरुष बहुत अधिक मात्रा में मीठे, मिर्च मसाले से भरपूर आहार का सेवन करता है।
- उन्हें भी प्राइवेट एरिया में फुंसी की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
प्राइवेट पार्ट में फुंसी का इलाज
प्राइवेट पार्ट में फुंसी की समस्या से बचे रहने के लिए आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। यदि आप इन बातों का ध्यान रखते हैं तो आपको प्राइवेट पार्ट में फुंसी की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।
- केमिकल वाले उत्पादों के इस्तेमाल से बचें।
- प्राइवेट एरिया की साफ़ सफाई का ध्यान रखें।
- सम्बन्ध बनाते समय सफाई का पूरा ध्यान रखें।
- बाथरूम जाने के बाद प्राइवेट पार्ट को पानी से अच्छे से साफ़ करें।
- पीरियड्स के दौरान ज्यादा ध्यान रखने पैड आदि समय से बदलें।
- एक रेज़र का दो या तीन बार ही इस्तेमाल करें और हर बार इस्तेमाल करने से पहले रेज़र को गर्म पानी में धोएं।
- ज्यादा मिर्च मसालें, मीठा का सेवन करने से बचें।
- सूती अंडरवीअर पहने, ज्यादा टाइट कपडे न पहने।
- नारियल का तेल, टी ट्री आयल, सेब के सिरके आदि से प्राइवेट एरिया को साफ़ करें आपको फुंसी को खत्म करने में मदद मिलेगी।
तो यह हैं कुछ कारण व् इलाज जिनकी वजह से प्राइवेट पार्ट पर फुंसी की समस्या हो सकती है। साथ ही इस समस्या से बचने के लिए कुछ इलाज व् सावधानियां भी बताई गई है। ऐसे में आपको ऐसी कोई परेशानी न हो इसके लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।