पुरुष के शुक्राणु
प्रेगनेंसी के लिए जिस तरह महिला के अंडाणु में रखे अंडे का हेल्दी होना जरुरी होता है, उसी तरह पुरुष के शुक्राणु का हेल्दी होना भी जरुरी होता है। और जैसे एक उम्र के बाद महिला के अंडाशय में अंडे बनने की प्रक्रिया बंद हो जाती हैं, महिला को पीरियड आना बंद हो जाता है, यानी महिला को मेनोपोज़ हो जाता है तो उसके बाद महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है। वैसे ही कभी आपने सोचा है की क्या पुरुषो को भी ऐसा कुछ होता है? जैसे की एक उम्र के होने के बाद पुरुष के शुक्राणु में कमी आती है? या शुक्राणु बनने की प्रक्रिया खत्म हो जाती है? आदि। जैसे की कई बार पुरुषों में यह कमी सामने आती है की पुरुषों के शुक्राणु की गुणवत्ता की कमी के कारण महिला का गर्भधारण नहीं हो रहा है। तो क्या कभी ऐसा भी हो सकता है की पुरुष के शुक्राणु निकलने बंद हो जाये? यदि नहीं, तो आइये आज पुरुष के शुक्राणु से जुड़े कुछ तथ्य विस्तार से जानते हैं।
पुरुष के शुक्राणु निषेचन की प्रक्रिया के लिए कितने समय तक जीवित रहता हैं?
गर्भधारण के लिए जब महिला और पुरुष का मिलन होने के बाद जब पुरुष के शुक्राणु निकलते हैं तो वो एक या दो नहीं बल्कि लाखो करोडो हो सकते हैं, लेकिन उसमे से कुछ ऐसे होते है जो पैदा होते ही खत्म हो जाते हैं। तो कुछ अंडे तक पहुँच नहीं पाते, लेकिन जो शुक्राणु हेल्दी होते हैं वो अंडे तक पहुँच पाते हैं। और महिला के अंडकोष में पुरुष के शुक्राणु एक से चार दिन तक जीवित रह सकते हैं। लेकिन ऐसा कोई जरुरी भी नहीं होता है क्योंकि यदि महिला के शरीर में यदि शुक्राणु को उनके जीवित रहने के अनुकूल माहौल नहीं मिलता है तो वह नष्ट भी हो जाते हैं। लेकिन यदि महिला के शरीर में शुक्राणु के लिए माहौल अनुकूल होता है तो वह तीन से चार दिन तक जीवित भी रह सकता है। और इस बीच यदि महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणु के बीच मिलना हो जाता है तो महिला का गर्भ ठहर भी सकता है।
पुरुष में शुक्राणु की कमी होने के कारण?
कुछ पुरुष शुक्राणु की कमी जैसी समस्या का शिकार भी होते हैं, और इसका पता तब चलता है जब बहुत कोशिश करने के बाद भी पुरुष महिला का गर्भधारण नहीं करवा पाता है। और पुरुष में शुक्राणु की कमी का कोई एक ही कारण हो ऐसा भी कोई जरुरी नहीं होता है। क्योंकि ऐसे बहुत से कारण होते हैं जिनकी वजन से पुरुष को इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की पुरुष में शुक्राणु की कमी होने के कौन से कारण होते हैं।
- यदि पुरुष किसी यौन संचारित समस्या से परेशान है तो पुरुष के शुक्राणु की गुणवत्ता व् संख्या में कमी आ सकती है।
- किसी बड़ी शारीरिक बिमारी जैसे की कैंसर से ग्रसित होने के कारण।
- जो पुरुष किसी बिमारी से जुडी एंटी बायोटिक दवाइयों का सेवन अधिक मात्रा में करता है तो भी पुरुष के शुक्राणु में कमी आ सकती है।
- शुक्राणु वाहिनी यानी जिस रास्ते से शुक्राणु बाहर निकलते हैं उसमे कोई समस्या होने पर।
- जो पुरुष हानिकारक रसायन या धातुओं के संपर्क में आते हैं तो उससे भी शुक्राणु से जुडी समस्या हो सकती है।
- रेडिएशन के सम्पर्क में आने के कारण।
- बहुत ज्यादा साइकिल चलना, लैपटॉप को गोद में रखकर काम करना, हॉट बाथ अधिक लेना, आदि तो इसके कारण हिट की समस्या हो सकती है जिसके कारण शुक्राणु की संख्या में कमी आ सकती है।
- तनाव अधिक लेने के कारण बॉडी में हार्मोनल असंतुलन होने की वजह से भी पुरुष के शुक्राणु बनने की प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ता है।
- नशीली दवाइयों का सेवन करने से भी यह समस्या पुरुषो को हो सकती है।
- अधिक मोटापा होने के कारण भी बॉडी में हार्मोनल असंतुलन की समस्या हो सकती है जिसके कारण शुक्राणु की संख्या में कमी हो सकती है।
- धूम्रपान, शराब, तम्बाकू, गुटखा जैसी नशीली चीजों का सेवन भी पुरुष में होने वाली इस समस्या का कारण हो सकता है।
- सर्जरी करवाने पर।
- यदि पुरुष नसबंदी करवाता है तो भी पुरुष के शुक्राणु पर असर पड़ सकता है।
क्या पुरुष का शुक्राणु पूरी तरह निकलना कभी बंद होता है?
एक शोध के अनुसार वैसे तो पुरुष के अंडकोष में शुक्राणु बनने की प्रक्रिया हमेशा चलती रहती है, लेकिन यदि ऊपर दिए गए किसी कारण की वजह से पुरुष को यह समस्या है तो उसे ठीक भी किया जा सकता है। जैसे की कुछ आहार होते है जिनके सेवन से इस परेशानी को दूर किया जा सकता है। लेकिन यदि पुरुष हमेशा बुरी आदतों का शिकार रहता है, किसी संक्रमण से ग्रसित रहता है, या उसका सम्बन्ध बनाने में कोई रूचि नहीं होती है तो इसके कारण धीरे धीरे शुक्राणु की गुणवत्ता में कमी आ सकती है। लेकिन कभी पुरुष के शुक्राणु पूरी तरह निकलने बंद हो जाये ऐसा अभी तक किसी रिसर्च में सामने नहीं आया है।
तो यह हैं कुछ कारण जिनकी वजह से पुरुष के शुक्राणु बनने की प्रक्रिया में कमी आ सकती है। ऐसे में इस समस्या के इलाज के लिए आप डॉक्टर से भी राय ले सकते हैं, क्योंकि शुक्राणु में कमी या शुक्राणु की गुणवत्ता का बेहतर न होना पुरुष के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।