Pregnant mahila doctor se kab milen

Pregnant mahila doctor se kab milen


गर्भावस्था के दौरान महिला का शरीर बहुत से बदलाव से गुजरता है साथ ही इस दौरान महिला को बहुत सी शारीरिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। किसी महिला की पहली प्रेगनेंसी हो या दूसरी प्रेगनेंसी हो महिला को दिक्कत तो होती ही है। ऐसे में महिला को सलाह दी जाती है की महिला अपना अच्छे से ध्यान रखें ताकि माँ व् बच्चे को कोई दिक्कत नहीं हो। और छोटी मोटी परेशानी यदि होती भी है तो ऐसा होना बहुत आम बात होती है।

लेकिन यदि महिला को कोई ऐसी दिक्कत हो रही है जिसके होने पर महिला को असहज महसूस होता है या फिर महिला को उसकी वजह से ज्यादा परेशानी होती है तो महिला को इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। और तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे ही लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके महसूस होने पर गर्भवती महिला को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

ब्लीडिंग

यदि प्रेग्नेंट महिला को ब्लीडिंग शुरू हो जाये तो महिला को इसे अनदेखा नहीं करते हुए तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि यह गर्भपात का लक्षण होता है। साथ ही महिला को यदि एक दो बार से ज्यादा हल्का हल्का खून का धब्बा भी नज़र आये तो भी महिला को डॉक्टर से मिलना चाहिए।

जरुरत से ज्यादा उल्टियां आना

उल्टियां आना प्रेगनेंसी का सबसे अहम लक्षण माना जाता है और अधिकतर गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन यदि गर्भवती महिला को यह परेशानी ज्यादा होती है तो महिला को इसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसकी वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती है और माँ व् बच्चे दोनों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

शिशु की मूवमेंट

गर्भ में शिशु की मूवमेंट होना प्रेगनेंसी के सबसे प्यारा लम्हा होता है और जैसे जैसे प्रेगनेंसी आगे बढ़ती है वैसे वैसे शिशु की मूवमेंट भी बढ़ने लगती है। लेकिन यदि कभी महिला को ऐसा महसूस हो को शिशु ने लम्बे समय से मूवमेंट नहीं की है। और बहुत कोशिश करने के बाद भी शिशु मूव नहीं कर रहा है। तो ऐसे में महिला को बिना देरी किये तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। क्योंकि यह शिशु के लिए खतरा हो सकता है।

पेट या पीठ में दर्द

यदि डिलीवरी का समय पास आने से पहले ही महिला को पेट या पीठ में बहुत तेज दर्द महसूस हो रहा हो तो भी महिला को इसे अनदेखा नहीं करते हुए डॉक्टर से मिलना चाहिए। क्योंकि यह समय से पहले डिलीवरी होने का संकेत हो सकता है।

सूजन

प्रेगनेंसी के दौरान पैरों में सूजन होना बहुत ही आम बात होती है इसके अलावा कई बार महिला को हाथों में भी थोड़ी सूजन महसूस हो सकती है। लेकिन यदि महिला को जरुरत से ज्यादा हाथों, पैरों, मुँह या शरीर के किसी अन्य भाग पर सूजन हो साथ ही दर्द भी महसूस हो तो महिला को इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह शरीर में होने वाली किसी गंभीर बिमारी का संकेत हो सकता है ऐसे में महिला को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

सिर दर्द

गर्भवती महिला को सिर दर्द ज्यादा महसूस होने के साथ चक्कर आना, दिखने में परेशानी होना, धुंधला दिखाई देना आदि समस्या होती है। तो भी गर्भवती महिला को इसे अनदेखा न करते हुए तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

वाटर ब्रेक

प्रेग्नेंट महिला को यदि ऐसा महसूस हो रहा हो की महिला की प्राइवेट पार्ट से यूरिन की तरह कोई सफ़ेद पदार्थ बाहर निकल रहा है तो ऐसा होने पर महिला को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। क्योंकि यह एमनियोटिक बैग फटने का संकेत होता है। और इसका मतलब होता है की अब डिलीवरी होने वाली है साथ ही पानी पूरा निकल जाने के बाद गर्भ में शिशु की जान को भी खतरा हो सकता है।

फ्लू के लक्षण

प्रेगनेंसी के दौरान यदि महिला को फ्लू के लक्षण जैसे की सर्दी, खांसी, बुखार आदि महसूस होता है तो भी महिला को इसका घर में इलाज नहीं करना चाहिए। और न ही अपनी मर्ज़ी से किसी भी दवाई का सेवन करना चाहिए। बल्कि महिला को इस समस्या से बचने के लिए तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

कुछ भी हज़म नहीं होना

प्रेगनेंसी के समय शरीर के होने वाले हार्मोनल बदलाव का असर महिला के पाचन तंत्र पर भी पड़ता है। ऐसे में यदि गर्भवती महिला को ऐसा महसूस हो की महिला को कुछ भी हज़म नहीं हो रहा है। कुछ भी खाते या पीते ही महिला को उल्टी हो रही है, महिला को भूख नहीं लग रही है। तो ऐसे में महिला को डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है जिसका असर माँ बच्चे दोनों की सेहत पर देखने को मिल सकता है।

तो यह हैं कुछ लक्षण जो यदि प्रेग्नेंट महिला को महसूस हो तो महिला को इन्हे अनदेखा किये बिना तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। क्योंकि यह सभी लक्षण इस और इशारा करते हैं की माँ या बच्चे को कोई दिक्कत होने वाली है ऐसे में माँ व् बच्चे दोनों स्वस्थ रहे इसके लिए इन लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए।

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