प्रेगनेंसी में हमेशा महिला को सलाह दी जाती है के उन्हें दो के लिए भोजन खाना है। पर क्या हो अगर एक गर्भवती महिला दो की जगह एक का भी भोजन सहीं से ना खा पाए। बहुत सी महिलाओं के साथ ऐसा होता है के उन्हें गर्भावस्था में भूख ही लगना बंद हो जाती है। प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में तो भूख का कम लगना बहुत सामान्य बात है परन्तु भूख बिलकुल भी ना लगना एक गंभीर बात हो सकती है।
गर्भावस्था में हार्मोन्स में बदलाव के कारण भूख नहीं लगती। शुरूआती प्रेगनेंसी में हार्मोन्स में बहुत तेजी से बदलाव होता है जिसके कारण जी घबराना, मचलना, उलटी आदि जैसी समस्याएं लगी रहती है। इसीलिए गर्भावस्था के शुरू के तीन महीनों में भूख नहीं लगती है।
प्रेगनेंसी के आगे के दिनों में जैसे जैसे गर्भवती महिला के पेट का आकर बढ़ने लगता है वैसे ही पाचन क्रिया पर दबाव बढ़ने लगता है। भोजन सहीं से ना पचने के कारण और हैवीनेस होने से भूख का लगना खुद पर खुद ही बंद हो जाता है।
भूख कम लगने से गर्भवती महिलाये बहुत कम ही मात्रा में खा पाती है। ऐसे में उन्हें बहुत सी मानसिक और शारीरिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है। पूर्ण भोजन ना खाने से माँ और शिशु को जरुरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते। जिससे जन्म के समय शिशु शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर होता है।
आज हम आपको बताएंगे की गर्भवती महिला को भूख ना लगने के पर क्या तरिके अपनाने चाहिए।
ज्यादा से ज्यादा पेय प्रदार्थो का प्रयोग करें। रोजाना अपनी रूटीन में एक दिन में कम से कम 8 से 10 ग्लास तरल जरूर पिए। तरल प्रदार्थ में पानी, फलो का रस, सब्जियों का रस, सुप, छाछ और दूध को शामिल करें। हर एक से दो घंटे के अंतराल में एक एक ग्लास करके लेंगे तो भी तरल प्रदार्थ की कमी पूरी हो जाएगी। इन सभी चीजों का सेवन करने से आपको और शिशु को सभी जरुरी पोषक तत्व भी मिलेंगे। पर ध्यान रखिये तरल लेने का मतलब ये नहीं की आप बाजारी रेडीमेड चीजों का इस्तेमाल करें। घर में ही इन चीजों को पूरी साफ़ सफाई से बनाकर प्रयोग करें। बाजार में उपलब्ध प्रदार्थो में कीटाणु और जर्म्स हो सकते है जो आपके और शिशु के लिए हानिकारक हो सकते है। साथ ही बाजार के पैक्ड जूस और सुप केमिकल्स बेस्ड होते है। इनके इस्तेमाल से कोई भी आवश्यक पोषक तत्व मिलना तो दूर रहा पर हाँ आपके स्वास्थ्य को कोई नुकसान अवश्य हो सकता है।
एक समय में ज्यादा मात्रा में भोजन ना करीये। एक ही बार में ज्यादा मात्रा में भोजन खाने से आपको हैवीनेस भी हो सकती है। और साथ ही गर्भवस्था के दौरान हमारी पाचन शक्ति भी कमजोर हो जाती है जिससे एक साथ ज्यादा भोजन पचने में परेशानी हो सकती है। इसीलिए जरुरी है के कुछ कुछ समय के अंतराल पर थोड़ी थोड़ी मात्रा में भोजन खाते रहे।
अपने भोजन में फ़ास्ट फ़ूड को शामिल ना करे। हो सके तो घर पर बना ही भोजन खाये। और हैवी प्रदार्थो के सेवन की बजाय हल्के हल्के प्रदार्थो का सेवन करें। इससे भोजन को पचने में आसानी भी रहेगी। भोजन में सलाद और ताजे फल को जरूर शामिल करें।
जिन प्रदार्थो में तेज महक हो और मिर्च मसालों का प्रयोग किया जाए उनका सेवन ना करें। हो सके तो बॉयल फ़ूड का ही सेवन करें।
हल्के फुल्की एक्सरसाइज और योगा करें। योग करने से आपको भूख भी लगेगी और आप एक्टिव भी रहेंगे। पर ध्यान रखे ज्यादा भरी एक्सरसाइज ना करे।
कभी कभी अपनी पसंद का भोजन भी खाये। गर्भावस्था में बहुत सारी चीजों की क्रेविंग होती है। हर बार तो नहीं पर अपनी सेहत को ध्यान रखते हुए कभी कभी अपनी पसंद के हिसाब से भी खा सकते है।
इन सभी चीजों के बावजूद भी अगर आपको भूख नहीं लगती तो अपने डॉक्टरों से जरूर सलाह ले। गर्भावस्था में लम्बे समय के लिए कुछ ना खाना आपके और शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है।