प्रेगनेंसी एक ऐसा समय होता है जब महिला को अधिक सावधान रहने की जरुरत होती है। जैसे की कुछ भी खाने पीने या कुछ भी करने से पहले उसके फायदे और नुकसान के बारे में अच्छे से जानना जरुरी होता है। क्योंकि जितना ज्यादा महिला सावधानी बरतती है उतना ही प्रेगनेंसी में आने वाली कॉम्प्लीकेशन्स यानी परेशानियों को कम करने में मदद मिलती है।
गर्भावस्था के दौरान सबसे अधिक महत्व खान पान का होता है ऐसे में महिला को कब और क्या खाना पीना चाहिए, और क्या नहीं खाना चाहिए इस बात की जितनी सही जानकारी होती है उतना ही महिला को अपने द्वारा लिए गए आहार का फायदा मिलता है। और महिला को जब फायदा मिलता है तो शिशु को भी उतना ही फायदा मिलता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको केसर वाले दूध का सेवन कब करना शुरू करना चाहिए उसके बारे में बताने जा रहे हैं।
गर्भावस्था में केसर वाला दूध क्यों पीना चाहिए?
प्रेगनेंसी के दौरान दूध का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। साथ ही यदि दूध में केसर को मिला दिया जाये तो इसके फायदे और भी बढ़ जाते हैं। क्योंकि दूध और केसर दोनों ही उन सभी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो गर्भवती महिला और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं। इसीलिए प्रेगनेंसी के दौरान दूध और केसर का सेवन करना चाहिए ताकि माँ और बच्चे दोनों को फायदा मिल सकें।
प्रेगनेंसी में केसर दूध कब से पीना चाहिए?
केसर की तासीर गर्म होती है ऐसे में प्रेगनेंसी के पहले तीन महीनों तक केसर का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। उसके बाद भी एक से डेढ़ महीने तक रुकना चाहिए ताकि प्रेगनेंसी स्टेबल हो जाये और गर्भपात जैसी समस्या का खतरा कम हो। ऐसे में प्रेगनेंसी के पांचवें महीने से महिला केसर वाले दूध का सेवन कर सकती है। लेकिन यदि प्रेगनेंसी में किसी भी तरह की दिक्कत हो तो केसर मिल्क का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर बात कर लें।
कितनी मात्रा में केसर का सेवन सही होता है?
प्रेग्नेंट महिला के लिए एक दिन में केसर के दो से तीन रेशे बहुत होते हैं इससे ज्यादा मात्रा में केसर का सेवन करना महिला के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। जैसे की गर्भपात, समय से पहले लेबर पेन, आदि की समस्या हो सकती है।
प्रेग्नेंट महिला को कब केसर का सेवन नहीं करना चाहिए?
यदि केसर का सेवन करने के बाद महिला को किसी भी तरह की शारीरिक परेशानी होती है तो महिला को केसर मिल्क का सेवन नहीं करना चाहिए, इसके अलावा यदि ब्लीडिंग की समस्या है, पहले गर्भपात हो चूका है तो ऐसे कुछ केस में महिला को केसर मिल्क का सेवन नहीं करना चाहिए।
प्रेगनेंसी में केसर वाला दूध पीने के फायदे
यदि प्रेग्नेंट महिला केसर वाले दूध का सेवन करती है तो इससे महिला को एक नहीं बल्कि कई सेहत सम्बन्धी फायदे मिलते हैं। जैसे की:
- मूड बेहतर रहता है यानी की तनाव जैसी परेशानी से महिला को बचे रहने में मदद मिलती है।
- ब्लड प्रैशर को कण्ट्रोल करने में मदद मिलती है।
- एनर्जी मिलती है जिससे महिला को एक्टिव रहने में मदद मिलती है।
- गर्भावस्था के दौरान महिला को पाचन क्रिया से जुडी समस्या होना आम बात होती है लेकिन केसर मिल्क पीने से महिला की इस परेशानी को कम करने में मदद मिलती है। क्योंकि केसर मिल्क पीने से मेटाबोलिज्म बेहतर होता है जिससे महिला को पाचन क्रिया से सम्बंधित समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।
- ऐसा माना जाता है की प्रेग्नेंट महिला यदि केसर वाला दूध पीती है तो इससे गर्भ में पल रहे शिशु की रंगत में निखार आता है जिससे आपका होने वाला शिशु गोरा होता है।
- केसर का सेवन करने से महिला की इम्युनिटी को बूस्ट करने में भी मदद मिलती है।
तो यह हैं प्रेगनेंसी के दौरान केसर वाला दूध कब पीना चाहिए, कब नहीं पीना चाहिए, आदि की जानकारी, यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आपको भी इन बातों का पता होना चाहिए। क्योंकि जितनी ज्यादा गर्भावस्था की जानकारी होती है उतना ही ज्यादा प्रेगनेंसी को आसान बनाने में मदद मिलती है।