प्रेगनेंसी एक ऐसा समय होता है जहां गर्भवती महिला को तरह तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। तो लीजिये आज हम एक ऐसी परेशानी के बारे में बात करने जा रहे हैं जो गर्भवती महिला को न ही हो तो अच्छा होता है, और वो है समय पूर्व प्रसव। समय पूर्व प्रसव का मतलब होता है यदि शिशु का जन्म तेंतीस या चौंतीस हफ्ते से पहले कभी भी हो जाता है। यानी की शिशु का जन्म सातवें या आठवें महीने में या उससे पहले हो सकता है। और प्रेग्नेंट महिला को यह समस्या होना शिशु को बहुत ज्यादा बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। क्योंकि ऐसा होने के कारण शिशु को किसी बिमारी, वजन में कमी, शिशु को जल्दी संक्रमण में आने का खतरा जैसी और भी समस्याएँ हो सकती है। और जन्म के बाद ऐसे शिशु को बहुत ज्यादा केयर की जरुरत होती है। ऐसे में गर्भवती महिला को ऐसी कोई दिक्कत न हो इसके लिए प्रेग्नेंट महिला को बहुत सी बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है, तो आइये अब जानते हैं की समय पूर्व प्रसव जैसी समस्या से बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है।
स्वस्थ रहें
जितना प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला अपने खान पान, अपनी दिनचर्या, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखती है। उतना ही ज्यादा गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। और गर्भवती महिला जितना स्वस्थ रहती है, उतना ही प्रेगनेंसी में आने वाली कॉम्प्लीकेशन्स जैसे की समय पूर्व प्रसव जैसी परेशानी से महिला को बचे रहने में मदद मिलती है।
जो खाएं उसका अच्छे से ध्यान रखें
गर्भावस्था के दौरान खाने में केवल पोषक तत्वों की मात्रा ही नहीं देखनी चाहिए बल्कि इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए की क्या वह चीज प्रेगनेंसी के दौरान फायदेमंद है या नहीं। जैसे की अनानास, कच्चा पपीता, कटहल, आदि का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनके कारण गर्भाशय में संकुचन हो सकता है जिसके कारण असमय प्रसव की समस्या हो सकती है।
भरपूर आराम
गर्भावस्था के दौरान आपको भरपूर आराम करने की सलाह दी जाती है लेकिन यदि आपको प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स हैं, बच्चे का भार नीचे की तरफ है, डॉक्टर ने आपको रेस्ट करने की सलाह दी है, तो आपको भरपूर आराम करना चाहिए। यहां तक की छोटे छोटे कामों को करने से भी बचना चाहिए। क्योंकि यदि आपको प्रेगनेंसी में रिस्क है और आप आराम करने की जगह किसी भी तरह की लापरवाही करती हैं तो उससे आपको समय पूर्व प्रसव का खतरा हो सकता है। ऐसे में इस परेशानी से बचने के लिए भरपूर आराम करें।
तनाव
मानसिक रूप से परेशानी केवल आपको मानसिक रूप से ही परेशान नहीं करती है बल्कि इसके कारण आपको शारीरिक रूप से भी परेशानी हो सकती है। और समय पूर्व प्रसव का एक कारण गर्भवती महिला का अधिक तनाव में रहना भी हो सकता है। ऐसे में शिशु का जन्म समय से पहले न ही और गर्भ में शिशु का विकास अच्छे तरीके से हो इसके लिए गर्भवती महिला को तनाव नहीं लेना चाहिए और जितना हो सके खुश रहना चाहिए।
पानी
प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में पानी की कमी होने के कारण यानी डिहाइड्रेशन की समस्या के कारण भी समय पूर्व प्रसव का खतरा रहता है। ऐसे में समय पूर्व प्रसव का खतरा न हो इसके लिए गर्भवती महिला को पानी का भरपूर सेवन करना चाहिए।
यूरिन न रोकें
प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव व् वजन बढ़ने के कारण बार बार यूरिन पास करने की इच्छा हो सकती है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को यूरिन रोककर नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इसके कारण यूटेरस पर दबाव पड़ सकता है। और यूटेरस पर दबाव पड़ने के कारण पेट में दर्द होने की सम्भावना बढ़ सकती है।
नशा
अगर आप प्रेग्नेंट हैं और नशे जैसे की अल्कोहल, धूम्रपान या अन्य किसी तरह के नशे का सेवन करती है। तो आपको ऐसा करने से भी बचना चाहिए क्योंकि गर्भवती महिला यदि किसी भी तरह के नशे का सेवन करती है तो इससे शिशु के विकास पर नकारात्मक असर पड़ने के साथ समय पूर्व प्रसव का भी खतरा रहता है ऐसे में समय पूर्व प्रसव की समस्या से बचाव के लिए महिला को नशे के सेवन से भी बचना चाहिए।
दूसरी प्रेगनेंसी
यदि आप माँ बन गई है और उसके बाद आप दूसरी प्रेगनेंसी में बिल्कुल भी गैप नहीं रखती हैं तो इसके कारण आपको दूसरी डिलीवरी में समय पूर्व प्रसव का खतरा हो सकता है। ऐसे में दूसरी प्रेगनेंसी के लिए आपको कम से कम एक से डेढ़ साल का गैप जरूर रखना चाहिए ताकि समय पूर्व प्रसव जैसी परेशानी से बचाव में आपको मदद मिल सके।
कुछ काम करने से बचें
गर्भवती महिला को अधिक सीढ़ियां चढ़ना, व्यायाम अधिक करना, भारी सामान उठाना, यात्रा करना, पैरों के भार बैठकर काम करना, पेट के बल काम करना, ज्यादा देर एक ही जगह पर खड़े रहना, तेजी से सम्बन्ध बनाना, बिना डॉक्टर की राय के दवाइयों का सेवन करना, नींद में कमी, केमिकल युक्त चीजों का इस्तेमाल करना, जैसी लापरवाही करने से भी बचना चाहिए। क्योंकि यह सभी गर्भवती महिला की दिक्कतों को बढ़ा सकते हैं और प्रेगनेंसी में अधिक परेशानियों का बढ़ना भी समय पूर्व प्रसव के खतरे को पैदा कर सकता है। ऐसे में समय पूर्व प्रसव के खतरे से बचने के लिए गर्भवती महिला को इन कामो को करने से बचना चाहिए।
समय पर जांच
यदि आपको शुगर, हाई ब्लड प्रैशर या अन्य कोई भी शारीरिक समस्या है तो आपको प्रेगनेंसी में समय समय पर जांच करवानी चाहिए। क्योंकि यदि कभी इन परेशानियों के कारण आपको दिक्कत होती है तो इसके कारण शिशु का जन्म समय से पहले होने का खतरा रहता है। ऐसे में समय पूर्व प्रसव की समस्या से बचाव के लिए आपको समय पर जांच करवानी चाहिए। और यदि कोई शारीरिक परेशानी नहीं है तो भी अपना रूटीन चेकअप समय से करवाना चाहिए।
तो यह हैं कुछ टिप्स जिनका ध्यान गर्भवती महिला को समय पूर्व प्रसव के खतरे से बचाव के लिए ध्यान रखने चाहिए। ताकि प्रेग्नेंट महिला भी स्वस्थ रहे और शिशु का विकास अच्छे से होने के साथ समय से पहले शिशु के जन्म होने की समस्या से बचे रहने में मदद मिल सके।