समय से पहले डिलीवरी से बचने के तरीके

समय से पहले डिलीवरी

कई बार प्रेगनेंसी में अधिक परेशानियों के कारण, शिशु के विकास में कमी होने पर, गर्भवती महिला द्वारा की गई लापरवाही के कारण प्रीटर्म लेबर जैसी परेशानी का सामना महिला को करना पड़ सकता है। समय से पहले शिशु का जन्म होने के कारण शिशु भी कमजोर होता है, साथ ही उसे स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। और आज कल यह समस्या बहुत अधिक देखने को मिलती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान हर तरह की सावधानी बरतनी चाहिए जिससे शिशु का विकास बेहतर होने के साथ समय से पहले शिशु के जन्म जैसी परेशानी से निजात पाने में भी मदद मिल सके।

प्रीटर्म लेबर की समस्या से बचने के टिप्स

अड़तीस से चालीस हफ्ते के बाद शिशु का जन्म होना ही डिलीवरी का सही समय होता है। लेकिन कई बार कुछ परेशानियों के कारण समय से पहले ही शिशु का जन्म हो जाता है, ऐसे में प्रीटर्म लेबर की समस्या से बचने के लिए प्रेगनेंसी में किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए आइये जानते हैं।

आहार में सावधानी

आपने यह तो हमेशा सुना होगा की प्रेगनेंसी में ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जिससे गर्भ में शिशु का बेहतर विकास होने के साथ गर्भवती महिला को भी स्वस्थ रहने में मदद मिल सके। लेकिन ऐसे आहार का सेवन करने के साथ सही समय पर आहार लेना भी बहुत जरुरी होता है ताकि बॉडी में एनर्जी की कमी न हो और स्वास्थ्य को फिट रहने में मदद मिल सके। हर दो घंटे के गैप पर गर्भवती महिला को कुछ न कुछ जरूर खाना चाहिए, और केवल दाल रोटी ही नहीं बल्कि फल, सलाद, नट्स, जूस आदि का सेवन भी करना चाहिए।

खाने की चीजों पर दे ध्यान

कुछ ऐसे आहार भी होते हैं जो प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में गर्भपात और बाद में ब्लीडिंग व् गर्भाशय में संकुचन को पैदा कर सकते हैं। क्योंकि इनमे मौजूद रसायन गर्भाशय पर प्रैशर डालकर ब्लीडिंग जैसी परेशानी उत्पन्न कर सकता है, जिसके कारण संकुचन बढ़ सकता है। ऐसे में गर्भवती महिला को इन आहार के सेवन से परहेज करना चाहिए जैसे की कच्चा पपीता, अनानास, अल्कोहल आदि।

मिनरल्स

गर्भ में शिशु के विकास में कमी भी समय पूर्व प्रसव होने का कारण बन सकती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के समय कैल्शियम, आयरन, फोलिक एसिड, प्रोटीन व् अन्य मिनरल्स का भरपूर सेवन करना चाहिए। ताकि गर्भवती महिला को फिट रहने के साथ गर्भ में शिशु का विकास भी बेहतर तरीके से हो सके।

पानी पीएं

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को पानी का भरपूर सेवन करना चाहिए, ताकि डिहाइड्रेशन की समस्या से बचे रहने में मदद मिल सके। क्योंकि डिहाइड्रेशन की समस्या गर्भवती महिला को होती है तो यह भी समय पूर्व प्रसव का कारण बन सकती है।

यूरिन पास करें

गर्भवती महिला को यूरिन को रोककर नहीं रखना चाहिए जब भी यूरिन आये उसे पास करना चाहिए। क्योंकि यूरिन को रोककर रखने से गर्भाशय पर दबाव पड़ता है जिसके कारण संकुचन हो सकता है और समय पूर्व प्रसव का खतरा उत्पन्न हो सकता है।

नियंत्रित वजन

प्रेगनेंसी में महिला का वजन बढ़ना आम बात होती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की वजन बहुत ज्यादा बढ़ने लग जाए। ऐसे में महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यदि महिला का वजन बहुत तेजी से बढ़ता है तो इसके कारण भी डिलीवरी समय से पहले हो सकती है। साथ ही यदि महिला का वजन बहुत कम होता है तो इसके कारण भी समय से पहले डिलीवरी होने के चांस बढ़ जाते हैं।

भारी सामान

गर्भावस्था के दौरान महिला को भारी सामान न उठाने की सलाह दी जाती है साथ ही सामान को सरकाना आदि भी नहीं चाहिए। क्योंकि इसके कारण प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने जहां मिसकैरिज के चांस बढ़ जाते हैं वहीँ बाद में ब्लीडिंग, या पेट पर अधिक जोर पड़ने के कारण दर्द की समस्या बढ़ सकती है।

दांतों से सम्बंधित समस्या

हो सकता है की आपको यह बात जानकार हैरानी हो लेकिन डॉक्टर्स के अनुसार गर्भवती महिला को यदि मसूड़े या दांतों से सम्बंधित समस्या होती है। तो ऐसे में भी असमय प्रसव होने का खतरा रहता है।

शिशु का विकास

गर्भ में भ्रूण के बेहतर शारीरिक व् मानसिक विकास के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन गर्भवती महिला को जरूर करना चाहिए। क्योंकि यदि गर्भ में शिशु का बेहतर विकास नहीं होता है तो इसके कारण भी समय पूर्व प्रसव का खतरा उत्पन्न हो सकता है।

तनाव

तनाव भी समय से पहले डिलीवरी होने का कारण हो सकता है क्योंकि यदि गर्भवती महिला अधिक तनाव में रहती है तो इसके कारण गर्भाशय के मुँह के खुलने का खतरा रहता है। ऐसे में स्वस्थ प्रेगनेंसी के लिए, शिशु के बेहतर विकास के लिए और समय से पहले डिलीवरी की परेशानी से बचने के लिए गर्भवती महिला को तनाव नहीं लेना चाहिए।

नियमित जांच

बॉडी में हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण प्रेग्नेंट महिला को बहुत सी शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में गर्भवती महिला को समय पर डॉक्टर से जांच करवाते रहना चाहिए ताकि कोई समस्या हो तो उसका अच्छे से इलाज हो सके जिससे समय से पहले डिलीवरी होने की समस्या से बचने में मदद मिल सके।

खून की कमी

खून की कमी को बॉडी में पूरा रखने के लिए आयरन युक्त आहार का जरूर सेवन करना चाहिए। क्योंकि यदि गर्भवती महिला की बॉडी में यदि खून की की कमी होती है तो इसके कारण डिलीवरी के दौरान परेशानी आने के साथ शिशु के विकास में भी कमी आ सकती है। साथ ही खून की कमी होने के कारण प्रीटर्म लेबर होने के चांस भी बढ़ जाते हैं।

तो यह हैं कुछ खास टिप्स जिनका ध्यान गर्भवती महिला को रखना चाहिए क्योंकि इन टिप्स का ध्यान रखने से गर्भवती महिला को समय पूर्व प्रसव होने जैसी परेशानी से बचाव करने में मदद मिलती है।

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