Sardiyon me Chyawanprash
सर्दियों में च्यवनप्राश खाने से ये फायदे होते है, Benefits of Chyawanprashin hindi, च्यवनप्राश के स्वास्थ्य के लिए फायदे, इम्युनिटी के लिए च्वयनप्राश
वर्तमान की तुलना में पहले के समय का खाना और पर्यावरण दोनों ही बहुत शुद्ध हुआ करता था लेकिन आजकल न तो शुद्ध खाना बचा है और न ही शुद्ध हवा। जिसकी वजह से लोग दिनों दिन भीतर से कमजोर होते जा रहे है। और इस कमजोरी को दूर करने के लिए वे हेल्थ सप्लीमेंट्स का सहारा लेते है। कोई विटामिन और कैल्शियम की गोलियां खाकर अपनी जरूरत पूरी करता है तो कोई हेल्थ ड्रिंक्स पीकर अपनी सेहत बनाता है।
इन्ही कुछ हेल्थ सप्लीमेंट्स में से एक है च्यवनप्राश। जो वास्तव में कोई हेल्थ सप्लीमेंट नहीं है बल्कि एक आयुर्वेदिक औषधि है जो इंस्टेंट एनर्जी देने के साथ-साथ आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है।
वास्तव में च्यवनप्राश एक जानी-मानी आयुर्वेदिक औषधि है जिसे बनाने के लिए बहुत सी जड़ी बूटियों और आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इस औषधि का नाम महर्षि चवन के नाम से मिला है। यह न केवल छोटे बच्चों बल्कि बड़ों के लिए भी एक फायदेमंद औषधि है। इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा जीरो पाई जाती है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत बुरा होता है।
आयुर्वेद की माने, तो च्यवनप्राश एक बेहतर एंटी-ऑक्सीडेंट जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है। च्यवनप्राश एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रयोग आज से नहीं बल्कि पिछले कई सालों से लाभकारी दवा के रूप में किया जाता आ रहा है। जानकारी के लिए बता दें, केवल गर्मियों में ही नहीं अपितु सर्दियों में भी इसका सेवन करने के बहुत से लाभ होते है। यहां हम आपको सर्दियों में च्यवनप्राश खाने के फायदे बताने जा रहे है। जिन्हे जानकर हो न हो आप भी इस आयुर्वेदिक औषधि का सेवन करना शुरू कर देंगे।
च्यवनप्राश क्या है?
च्यवनप्राश आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बना एक हेल्थ सप्लीमेंट है जिसका सेवन लोग अपने स्टैमिना को बढ़ाने के लिए करते है। छोटी से बड़ी उम्र तक के सभी लोग च्यवनप्राश का सेवन करते है। च्यवनप्राश के नियमित सेवन से महिलाओ और पुरुष दोनों को फ़ायदा मिलता है। इसका स्वाद मीठा, खट्टा और हल्का मसालेदार होता है। इसका रंग हल्का भूरा-काला होता है जो कुछ हद तक फलो के जैम की तरह होता है।
सर्दियों में च्यवनप्राश खाने के फायदे :-
1. यह बढ़ती उम्र की निशानियों और स्वास्थ्य को बेहतर करने वाला एंटी-एजिंग, रेजुवेनेटिंग टॉनिक है। जिसका सेवन करने से बढ़ती उम्र की निशानियों को कम किया जा सकता है।
2. यह शरीर के इम्यून सिस्टम को सुधारने में भी मदद करता है।
3. यह ताकत देने के साथ-साथ स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
4. यह वात, कफ आदि की समस्या को ठीक करके पित्त को बढ़ावा देता है।
5. साँस से संबंधित बीमारियां, खांसी, दुर्बलता, गठिया, आदि से संबंधित रोगों और बहुत सी अन्य बिमारियों में लाभ पहुंचाता है।
6. च्यवनप्राश खाने से व्यक्ति की बुद्धि, याददाश्त, त्वचा का रंग और सामान्य स्वास्थ्य में सुधार होता है।
7. छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्फूर्ति देने वाला बेहतर और लाभकारी टॉनिक है।
8. ये streamline bowel movements और खाने को पचाने में मदद करता है।
9. खून साफ़ करने के लिए च्यवनप्राश एक बेहतर प्राकृतिक औषधि है।
10. च्यवनप्राश हमारे प्रकृतिक blood purification process को भी बढ़ावा देता है।
11. chyawanprash में विटामिन C और आँवला जैसी कई फायदेमंद जड़ी बूटियां पायी जाती है जो आपकी त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
12. मौसम में परिवर्तन के कारण होने वाले सामान्य इन्फेक्शन्स को ठीक करने में मदद करे।
13. च्यवनप्राश के नियमित सेवन से body की फंगल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन्स से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है।
14. च्यवनप्राश का सेवन करने से शरीर में मेटाबोलिज्म नियंत्रित रहता है जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
15. Chyawanprash के सेवन से बालो और नाखुनो को भी स्वस्थ रखा जा सकता है।
महत्वपूर्ण चिकित्सीय उपयोग :-
च्यवनप्राश एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-स्ट्रेस, रक्त-शोधक, यकृत और पाचन के लिए अच्छा होता है। इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने के साथ-साथ मस्तिष्क के लिए भी अच्छा होता है। इसके अलावा निम्नलिखित रोगों में भी इसका सेवन करना लाभकारी होता है-
- खांसी
- दमा या अस्थमा
- आवाज बैठना या गले में तकलीफ
- हृदय रोग
- अग्निमांद्य
- छाती के रोग
- गाउट
- प्यास
- मूत्र रोग
- एजिंग की समस्या
- पुराना बुखार
- बिमारी के बाद कमजोरी
सेवन विधि और मात्रा :-
यह आयुर्वेदिक औषधि सभी के लिए फायदेमंद होती है। एक दिन में 12-24 ग्राम च्यवनप्राश को एक ग्लास गुनगुने दूध में मिलाकर पीना चाहिए। इससे अधिक ये नुकसानदेह भी हो सकता है।
क्योकि इसकी तासीर बेहद गर्म होती है इसीलिए ये पित्त में भी वृद्धि करता है। इसीलिए जिन लोगो को पित्त विकार है उन्हें इसकी कम मात्रा लेनी चाहिए। इसके अलावा इसे पचाने में भी अधिक क्षमता लगती है। इसीलिए डायरिया और पेप्टिक अल्सर में इसका प्रयोग थोड़ा सावधानी से करना चाहिए।
च्यवनप्राश को या तो खाने से आधा घंटे पहले या खाना खाने से एक घंटे बाद खाना चाहिए। बड़े लोग इसे दूध और पानी के साथ ले सकते है। 5 वर्ष से कम आयु के बच्चो को च्यवनप्राश नहीं देना चाहिए। बेहतर होगा 10 वर्ष की आयु के बाद ही बच्चो को च्यवनप्राश दें।