“जो पिता के पैरों को छूता है
वो कभी गरीब नहीं होता।
जो मां के पैरों को छूता है
वो कभी बदनसीब नही होता।
जो भाई के पैरो को छूता है
वो कभी गमगीन नही होता।
जो बहन के पैरों को छूता है
वो कभी चरित्रहीन नहीं होता।
जो गुरू के पैरों को छूता है
उस जैसा कोई
खुशनसीब नहीं होता…….”
छोटा हो या बड़ा हर किसी के जीवन में गुरु का अपना ही महत्व होता है. जहां एक ओर बचपन में गुरु हमें पढना लिखना सिखाते है वहीं दूसरी ओर बडे होने पर गुरु ही हमारे जीवन की सही रह चुनने में हमारी मदद करते है. शिक्षक केवल वो नहीं होता जो आपको पैसे के बदले ज्ञान दे बल्कि शिक्षक तो वो होता है जो आपको ये बताये की जीवन क्या है, जीवन का क्या अर्थ है और जीवन जीने का सही मार्ग क्या है.
कहते है गुरु ही है जो जिन्होंने पशुओ से इंसान को बनाया. आज कल तो शिक्षा को व्यापार बना दिया है लेकिन सही मायने में तो शिक्षक वे है जो आपको ये बताये की आज हम जो है, उससे बेहतर कैसे बन सकते है. शायद इसीलिए ही गुरु व् शिक्षक का दर्जा भगवन से भी ऊपर रखा गया है. कहते है एक अच्छा शिक्षक बच्चा की जिन्दगी सवार सकता है लेकिन उसके लिए जरुरी है की आपका आपके गुरु से अच्छा ताल मेल हो ताकि आपको उनका स्नेह मिल सके.
लेकिन अक्सर हम जैसे कई बच्चे इसी दुविधा में फंसे रहते है की अखिरकार गुरु जी को खुश कैसे किया जाये. इसीलिए आज हम आपको कुछ ऐसे अनमोल टिप्स देने जा रहे है जिनकी मदद से आप अपने शिक्षक को प्रभावित कर सकते है और उनके पसंदीदा विद्यार्थी बन सकते है.
अपने शिक्षक को प्रभावित करने की टिप्स :-
ड्रेस हो परफेक्ट :
कपडे आपके व्यक्तित्व को दर्शाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. इसीलिए स्कूल या कॉलेज जाते समय इस बात की पुष्टि कर ले की आपने ड्रेस सलीके से और सही तरीके से पहनी है या नहीं. इसके अलावा अगले दिन स्कूल में जिन कपड़ो को पहनना है उन्हें अच्छे से धोकर प्रेस कर लें. ज्यदा स्टाइलिश ड्रेस से बेहतर होगा की सही ड्रेस पहनी जाये. ड्रेस का चयन करते समय इस बात का जरुर ध्यान रखे की आपके शिक्षक को किस प्रकार की ड्रेस अच्छी लगती है. इसके अलावा अपने बाल, चेहरा अच्छे से धोएं और रोज नहायें.
समय के पाबंद बने :
ये बात तो हर कोई कहता है की समय का पाबंद बनना चाहिए. लेकिन अक्सर हम इस बात को भूल जाते है. यदि आप वाकई आपने शिक्षक को प्रभावित करना चाहते है तो स्कूल में कभी भी लेट न हो क्योंकि यदि आप रोज-रोज लेट होते है तो आपको स्कूल के बाहर रोका जायेगा और क्लास से बाहर भी कर दिया जायेगा. इसके अलावा स्कूल में सुस्ती दिखाना दर्शाता है की आप जिम्मेदार नहीं है, इसीलिए हमेशा स्कूल जल्दी पहुंचे. यदि कभी गलती से लेट हो भी गए है तो बहाने न बनाये. क्योंकि आपके शिक्षक को वर्षो से उन्हें ऐसे सुस्त बच्चो के बहाने सुनने का तजुर्बा होता है.
शिक्षक से करें हलकी फुलकी बातचीत :
बातचीत दो व्यक्तिओ के बीच किसी रिश्ते की शुरुआत का पहला चरण होता है. इसीलिए अपने शिक्षक से धीरे-धीरे हलकी फुलकी बात-चित करना प्रारंभ कर दे. आप उनसे कह सकते है,”नमस्ते! आपका वीकेंड कैसा रहा? इसके साथ ही उन्हें अपने बारे में भी बताये. अपने शिक्षक के लिए क्लासरूम के दरवाजे आदि खोले और हॉल या गलियारे में उनके नजदीक से गुजरते वक्त उन्हें हैलो कहे. कहीं पर भी अपने शिक्षक की बुरे न करें, चाहे आप उन्हें नापसंद ही क्यों न करते हो.
क्लास में जाएँ पूरी तैयारी के साथ :
क्लासरूम में जाने से पहले अपनी सभी चीजो को इक्कठा कर लें और हमेशा किसी भी चीज के लिए तैयार रहे. हर सब्जेक्ट से जुड़ा जरुरी समान बैग में अपने साथ लेकर जाएँ. क्लास में शीषक जिन चीजो का जिक्र कर रहे है या उनके बारे में बात कर रहे है उन्हें नोट करते रहे और उनके नोट्स लें क्योंकि नोट्स आपको अध्यन करने में मदद करते और और जब आप अध्यन करते है तो आपके टेस्ट में बेहतर मार्क्स आयेंगे जिससे आपके शिक्षक खुश होंगे.
क्लास की कतार में बैठे आगे (संभव हो तो) :
क्लास में आगे की कतारों में बैठना पिछली कतारों में बैठने की तुलना में ज्यादा लाभकारी होता है. क्योंकि पीछे बैठने से मन एकाग्रचित नहीं हो पाता और आपका ध्यान पढाई में नहीं लगता. अध्ययनों ने दिखाया है की आमतौर पर शिक्षको का आगे की ओर बैठने वाले बच्चो के प्रति अधिक रुझान होता है क्योंकि वे बच्चे अपना वक्त बर्बाद नहीं करते. सीधा बैठे और झुके नहीं. यदि आप बोर्ड को ठीक तरह से नहीं देख पाते तो चश्मे या कांटेक्ट लेंस लगाने के बारे में सोचे.
अटेंडेंस को रखें बेहतर :
बहुत ही जरुरी हो तभी स्कूल से छुट्टी लें. अन्यथा रोजाना स्कूल जाये. इसके साथ ही आप क्यों नहीं आ सकते है, इस बात के बारे में अपने शिक्षक को सच बता दें इसमें किसी प्रकार का संकोच और झिझक न करें. छुट्टी से आने के बाद अपने क्लास के दोस्तों से नोट्स, असाइनमेंट और होमवर्क प्राप्त करें. और सारा काम पूरा कर लें. बाद में इस काम को अपने शिक्षक को दिखाना न भूलें.
कक्षा में अपना ध्यान कंसन्ट्रेट करें :
क्लास में यदि शिक्षक आपसे बात कर रहे है तो उनकी आँखों में देखकर बात करे, बोर्ड पर देखे और नोट्स बनाये. भले ही आपके शिक्षक इसके लिए मना करें. इसके अलावा जिन चीजो पर उन्होंने जोर दिया था उसे नोट्स में हाईलाइट कर लें या उनके चारो ओर घेरा बना दे. आपको भटकने वाली सभी चीजो से दूर रहे. अपना मोबाइल फ़ोन बंद रखे. जब शिक्षक बोल रहे हो तो ओना ipad न सुने या आस-पास किसी से बात न करें. यदि ऐसा मुश्किल हो तो क्लास में अपने दोस्तो से दूर बैठे.
क्लास की गतिविधियों में भाग लें :
जब teacher किसी टॉपिक पर बात कर रहे हो तो उनसे उससे जुड़े सवाल पूछे और टिपण्णी करे. रोज की क्लास में कम से कम तीन चार बार भाग लेने का उद्देश्य रखे. लेकिन उन चर्चो में हावी न bane क्योंकि उन्हें ध्यान खीचने वाला बच्चा नहीं अपितु हर कार्य में भाग लेने वाले विद्यार्थियो की जरुरत है. यदि शिक्षक किसी अन्य विषय पर बात करने लगे है तो उन्हें टोककर उनसे टॉपिक पर वापस लौटने का अनुरोध करने से न डरे. आपको सब कुछ समझ नहीं आया इस बात को स्वीकार करने से आपके शिक्षक आपका सम्मान करेगे.
सहायता लेने के लिए कक्षा के बाद भी रुके :
स्पेशल तसत या exams के दौरान आपके पढाई के प्रति रुझान्ता को दर्शाता है. इसके साथ ही ये आपके टेस्ट के लिए भी बेहद उपयोगी होता है. अगर आपको क्लास में किसी question में कोई समस्या हो रही है तो स्कूल के बाद कम से कम आधा घंटे रुके. लेकिन आपके शिक्षक को भी किसी कार्य की वजह से अचानक जाना पड़ सकता है इसीलिए उनसे इस बारे में पहले ही बात कर लें.
होमवर्क पूरा रखे :
होमवर्क क्लास में आपकी छवि बनाने में बेहद महत्वपूर्ण योगदान निभाता है. और एक बड़ा assignment आपके फाइनल ग्रेड को बाधा और घटा भी सकता है. इसीलिए थोडा समय निकालें असुर जितनी जल्दी हो सके अपना होमवर्क पूरा कर लें. इससे आपको अच्छे अंक को मिलेंगे ही साथ-साथ शिक्षक से भी विशेष सम्मान प्राप्त होगा.
क्लास को मेन्टेन रखने में मदद करे :
क्लास को मेन्टेन रखने में क्लास के बच्चे का सबसे बड़ा सहयोग होता है. लेकिन कुछ बच्चे ऐसे होते है जो साफ़-सफाई तो नहीं करते लेकिन क्लासरूम को गन्दा करते रहते है. आप उनमे से न बने. अपनी क्लास को साफ़ रखे. डेस्क आदि को ठीक करना और किताबो को सहेज कर रखने में अपनी शिक्षक की मदद करें.
अन्य छात्रो की भी पसंद बने :
अगर क्लास के दौरान उन्हें कोई विषय समझ नहीं आ रहा है और आप इसे जानते है तो क्लास खत्म होने के बाद उन्हें इसे समझा दें. मतलबी और स्वार्थी न बनें. नए बच्चो को उनकी कक्षा ढूढने में सहयोग करें. इससे सिर्फ शिक्षक के बीच ही नहीं, हर किसी के बीच में एक अच्छे इन्सान के रूप में आपकी प्रतिष्ठा बनेगी.
अन्य गतिविधियों में ले भाग :
क्लास के अलावा स्कूल की अन्य गतिविधिओ जैसे खेल, कूद, संगीत और नाटक आदि में भी भाग लें. इससे आप शिक्षक की नजरो में एक बेहतर बच्चे के रूप में उभरेंगे.
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