शिशु का गोरा रंग इन बातों पर निर्भर करता है, गर्भ में शिशु की रंगत निखारने के टिप्स, गोरा शिशु पैदा करने के टिप्स, शिशु की त्वचा को गोरा करने के टिप्स
माँ बनना किसी भी महिला के जीवन का सबसे अनमोल और सुखद अहसास होता है। और हर महिला चाहती है की उसके गर्भ में पल रहे शिशु की स्किन गोरी हो, शिशु बुद्धिमान हो और शिशु स्वस्थ हो। और शिशु के बेहतर विकास और प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली परेशानियों से बचने के लिए आपको हर कोई राय भी देता है। लेकिन शिशु का गोरा रंग किसी एक बात पर निर्भर नहीं करता है यह महिला के खान पान से लेकर महिला की रंगत पर निर्भर करता है। तो आइए अब विस्तार से जानते हैं की शिशु का गोरा रंग इन बातों पर निर्भर करता है।
अनुवांशिक गुण
शिशु की रंगत सबसे पहले अनवांशिक गुणों पर निर्भर करती है। यानी की अगर शिशु के माँ बाप का रंग गोरा है तो शिशु की रंगत भी गोरी होने के चांस ज्यादा होते हैं। ज्यादातर शिशु में यही देखा जाता है की शिशु या तो अपनी माँ के जैसा होता है या फिर अपने पिता के जैसा होता है।
कमरे में लगाईं फोटो
कई लोग ऐसा भी मानते हैं की यदि आप गर्भवती महिला के कमरे में गोरे और तंदरुस्त शिशु की फोटो लगाते हैं तो गर्भ में पल रहा शिशु भी वैसा होता है।
केसर वाला दूध
प्रेगनेंसी के दौरान दूध पीना महिला और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन ऐसा माना जाता है की यदि दूध में चार से पांच केसर के रेशे डालकर अच्छे से उबालने के बाद आप इसका सेवन करती हैं तो ऐसा करने से गर्भ में पल रहे शिशु की रंगत निखारने में मदद मिलती है। लेकिन इसका ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए दिन में एक बार केसर दूध पीना ही ठीक होता है।
नारियल
नारियल खाने से नारियल पानी का भरपूर सेवन करने से प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में पानी की मात्रा को पर्याप्त रखने के साथ आपको एक सूंदर व् गोरे शिशु को जन्म देने में मदद मिलती है, और यदि आप नारियल और मिश्री को मिलाकर पीसकर इसका सेवन करते हैं तो और भी फायदा मिलता है।
आंवले का मुरब्बा
आंवले का मुरब्बा खाने से गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के साथ शिशु को भी पोषण मिलता है। साथ ही यदि गर्भवती महिला दिन में एक या दो आंवले के मुरब्बे का सेवन करती है तो ऐसा करने से भी गर्भ में पल रहे शिशु की त्वचा में निखार आता है।
हरी सब्जियां
हरी सब्जियां आयरन से भरपूर होती है, इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, आदि भी उपरोक्त मात्रा में पाया जाता है। जिससे गर्भ में पल रहे शिशु को भरपूर पोषण मिलता है और उसकी त्वचा को भी पोषण मिलता है। नियमित अपने आहार में इन्हे सम्मिलित करने से गोरा, सूंदर व् तंदरुस्त शिशु को एक गर्भवती महिला जन्म देती है।
अनार
अनार का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में खून की कमी को पूरा करने के साथ शिशु की रंगत को निखारने में भी मदद करता है। इसीलिए नियमित एक गिलास अनार का जूस या एक अनार का सेवन गर्भवती महिला को जरूर करना चाहिए।
तिल और सौंफ
थोड़े से तिल और सौंफ को बराबर मात्रा में लेकर भून लें, उसके बाद इसे पीस कर एक मिश्रण तैयार करें। उसके बाद दिन में दो से तीन बार खाएं ऐसा करने से महिला को फ्रेश महसूस होगा और इससे इससे शिशु की रंगत में भी निखार आएगा।
तो यह हैं कुछ खास टिप्स जिनकी मदद से गर्भ में शिशु की रंगत गोरी होती है, साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के लिए और शिशु के बेहतर विकास के लिए अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए, और शिशु की रंगत को गोरा करने के लिए आप ऊपर दिए गए टिप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।