7 लक्षण जो यह बताते हैं की गर्भ में शिशु स्वस्थ नहीं है

जब महिला गर्भाधारण करती है तो बॉडी में कुछ लक्षण महसूस होते हैं। जिनसे यह अंदाजा लगाया जा सकता है की महिला प्रेग्नेंट हैं या नहीं। ऐसे ही कुछ लक्षण गर्भावस्था के दौरान महिला की बॉडी में महसूस हो सकते हैं। जिनसे यह पता लगाने में मदद मिलती है की गर्भ में पल रहा शिशु स्वस्थ है या नहीं। क्योंकि हर प्रेग्नेंट महिला प्रेगनेंसी के दौरान सबसे ज्यादा इसी बात को लेकर परेशान रहती है की गर्भ में शिशु का विकास अच्छे से हो रहा है या नहीं। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे यह अंदाजा लगाने में मदद मिलती है की गर्भ में पल रहा शिशु स्वस्थ है या नहीं।

शिशु के दिल की धड़कन

  • प्रेगनेंसी के लगभग पांचवें हफ्ते के आस पास गर्भ में शिशु का दिल धड़कना शुरू हो जाता है जिसे डॉप्लर टेस्ट के करवाकर आसानी से पता लगाया जा सकता है।
  • लेकिन कभी कभी यह टेस्ट के बाद भी यह पता नहीं चल पाता है कि भ्रूण का हृदय धड़क रहा है या नहीं।
  • तो ऐसे में दूसरी बार टेस्ट करवाने के लिए डॉक्टर बोल सकते हैं क्योंकि गर्भ में शिशु की पोजिशन या प्लेसेंटा की जगह में परिवर्तन के कारण यह समस्या हो सकती है।
  • लेकिन यदि अगले टेस्ट में भी भ्रूण की धड़कन का पता न चल पा रहा है तो यह इस बात की और संकेत कर सकता है कि या तो भ्रूण तनाव और कठिनाई में है या फिर भ्रूण नष्ट होने का खतरा है।

अल्ट्रासॉउन्ड

  • गर्भावस्था के दौरान प्रेग्नेंट महिला को अल्ट्रासॉउन्ड करवाने की सलाह दी जाती है।
  • जिसमे भ्रूण के आकार, वजन, हलचल, खून के प्रवाह, दिल की धड़कन, एमनियोटिक तरल पदार्थ की जांच की जाती है।
  • यदि इनमे से किसी में भी टेस्ट के दौरान कमी आती है तो यह गर्भ में शिशु के अस्वस्थ होने की तरफ इशारा करता है।

महिला के पेट का आकार

  • गर्भावस्था के दौरान जैसे जैसे भ्रूण का विकास होता है वैसे वैसे गर्भाशय का आकार बढ़ता है।
  • जिसके कारण महिला का पेट आगे की और निकलने लगता है।
  • लेकिन यदि गर्भवती महिला को ऐसा महसूस हो की महिला के पेट का आकार नहीं बढ़ रहा है या कम बढ़ रहा है।
  • तो यह गर्भ में शिशु का विकास अच्छे से न होने के कारण हो सकता है।

शिशु के गर्भ में अस्वस्थ होने का लक्षण है ब्लीडिंग

  • गर्भावस्था की शुरुआत में प्रेग्नेंट महिला को हल्का खून का दाग लगना गर्भ में भ्रूण के प्रत्यारोपण के कारण हो सकता है और ऐसा बहुत सी गर्भवती महिलाओं को महसूस हो सकता है।
  • लेकिन यदि गर्भवती महिला को ब्लीडिंग ज्यादा हो रही हो या प्रेगनेंसी के दूसरे तीसरे या किसी अन्य महीने में खून का दाग भी लगे तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
  • क्योंकि यह गर्भपात का लक्षण होने के साथ शिशु के विकास में कमी का कारण भी हो सकता है।
  • ब्लीडिंग के साथ यदि महिला को सफ़ेद पानी की समस्या अधिक हो साथ ही सफ़ेद पानी के रंग में बदलाव या बदबू महसूस हो तो इसे भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।

शिशु की गर्भ में हलचल

  • प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ में शिशु की हलचल गर्भवती महिला के लिए प्रेगनेंसी का सबसे ख़ुशी भरा पल होता है।
  • जैसे जैसे शिशु का विकास बढ़ता है वैसे वैसे गर्भ में शिशु की हलचल भी बढ़ने लगती है।
  • लेकिन यदि प्रेग्नेंट महिला को कभी ऐसा महसूस हो की गर्भ में शिशु की हलचल कम हो रही है या शिशु हलचल नहीं कर रहा है।
  • तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि शिशु की हलचल अच्छे से होना जहां शिशु के स्वस्थ होने की तरफ इशारा करती है।
  • वहीँ शिशु की हलचल में कमी शिशु के अस्वस्थ होने की तरफ इशारा करती है।

शिशु के गर्भ में अस्वस्थ होने का लक्षण है पेट व पीठ में दर्द

  • गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है जिसके कारण प्रेग्नेंट महिला को पेट व पीठ में दर्द की समस्या प्रेगनेंसी के दौरान हो सकती है।
  • साथ ही जैसे जैसे शिशु का वजन बढ़ता है वैसे वैसे यह समस्या और ज्यादा हो सकती है।
  • लेकिन पेट या पीठ में अधिक दर्द की समस्या होने पर इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
  • क्योंकि यह लक्षण प्रेग्नेंट महिला को इन्फेक्शन की समस्या होने, गर्भपात होने, समय पूर्व प्रसव होने का लक्षण हो सकता है।
  • जिसके कारण गर्भवती महिला के साथ भ्रूण को भी दिक्कत हो सकती है।

बुखार

  • गर्भवती महिला को यदि प्रेगनेंसी के दौरान बुखार महसूस हो तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
  • क्योंकि यह बुखार बॉडी में कभी कभी बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन पैदा कर सकता है।
  • जिसके कारण भ्रूण के विकास में बाधा उत्पन्न होने लगती है।
  • बुखार आने पर डॉक्टर के पास जाना चाहिए और बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित किए बिना बुखार ठीक करने का उपाय करना चाहिए।
  • प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में बुखार को गर्भपात का संकेत माना जाता है इसलिए बुखार आने पर जितना जल्दी हो सके डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
  • ताकि प्रेगनेंसी में आने वाली हर दिक्कत से बचे रहने में मदद मिल सके।

तो यह हैं कुछ लक्षण जिनसे प्रेगनेंसी के दौरान पता लगाया जा सकता है। की गर्भ में पल रहा शिशु स्वस्थ है या नहीं। यदि आप प्रेग्नेंट हैं, और आपको भी बॉडी में कुछ ऐसे लक्षण महसूस हो रहे हैं तो इन्हे अनदेखा न करते हुए डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।

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