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बच्चों की मानसिक शक्ति बढ़ाने के तरीके
एग्जामिनेशन हॉल में प्रवेश करते ही अधिकतर बच्चे याद करी हुई चीजें भूल जाते हैं। प्रश्न पत्र हाथ में आते ही पढ़ी हुई चीजें भूल जाते हैं, उत्तर आते हुए भी वे गलत लिख देते हैं। और नतीजा रिपोर्ट कार्ड में दिखाई देता है। ऐसा अधिकतर बच्चों के साथ होता है। जिसका कारण होता है कमजोर मानसिक शक्ति। पढ़ते समय उनका दिमाग सभी चीजों को याद कर लेता है। लेकिन कुछ समय बाद वो चीजें याद नहीं रहतीं।
ऐसे में करें तो क्या? आज हम आपको ऐसे ही टिप्स बता रहे हैं जिनकी मदद से बच्चों की मानसिक शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। इन टिप्स को अपनाकर आप अपने बच्चे का दिमाग शार्प कर सकते हैं। आइये जानते हैं बच्चों की मानसिक शक्ति बढ़ाने के तरीके।
बच्चों का दिमाग तेज करने के तरीके
अधिकतर बच्चों की 3 साल की आयु से पहले मानसिक क्षमता बहुत सीमित होती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ यादाश्त बढ़ने बढ़ती हैं और अगर सही समय पर ध्यान दिया जाए तो बच्चों की स्मरण शक्ति को हमेशा के लिए मजबूत किया जा सकता है।
कुछ विशेष खेल
बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए आपको विशेष खेलों की आवश्यकता होती। क्या आप जानते हैं, बचपन में खेले जाने वाले जासूसी के खेल बच्चों की दिमागी क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। चीजों को छुपाकर उन्हें ढूंढना, आसपास मौजूद संख्याओं में से जोड़ने, घटाने, गुणा करने जैसे प्रश्न पूछना, शतरंज, पहेलियाँ, गिनती के खेल आदि बच्ची की स्मरण शक्ति को बढ़ाने में बहुत मदद करते हैं।
बाहर खेलना
घर में रहने वाले बच्चों की तुलना में बाहर जाकर शरीरिक गतिविधियों वाले खेल खेलने वाले बच्चों की स्मरण शक्ति तेज होती है। बैडमिंटन, क्रिकेट, बास्केटबॉल आदि खेल, शारीरिक गतिविधियां और अच्छी खुराक बच्चों की याददाश्त बढ़ाने में मदद करती है।
सवाल पूछें
स्कूल से आने के बाद बच्चों से उनकी दिनभर की गतिविधियों के बारे में पूछते रहें। स्कूल में क्या हुआ? क्या खाया? क्या पढ़ा? कौन सी मैडम ने क्या कहा? कौन सा गेम खेला? वगैरह-वगैरह जैसे प्रश्न पूछें। ऐसे सवाल उन्हें चीज याद रखने में मदद करेंगे और पढ़ते समय उनकी ये शक्ति बहुत काम आएगी।
पढ़ें और सुनाएं
आपने कभी सोचा है, की नर्सरी के बच्चों को सभी राइम्स इतनी जल्दी याद कैसे हो जाती हैं। जबकि उन्हें बाकी चीजें याद नहीं रहती। कारण है संगीत, संगीत किसी भी चीज को मन में रखने और याद करने की क्षमता को बढ़ाता है जिससे यादाश्त बढ़ाने में मदद मिलती है। आप बच्चों को सिलेबस से जुडी चीजें पढ़कर सुनाएँ। अगली बार उन्हें पढ़ने को कहें। कुछ समय बाद उसे पढ़ते हुए बीच में रुक जाएं और बच्चे को उसे बताने को कहें। आप देखेंगी बच्चे को चीजें याद होने लगी हैं।
सोने का समय
बच्चों को हमेशा सही वक्त पर सुलाएं। यह सुनिश्चित करें की बच्चे रोजाना 11 से 13 घंटे की नींद लें। क्यूंकि शरीर को सही तरीके से काम करने, दिमाग को याद रखने और टिश्यू को रिपेयर करने के लिए बच्चों को 11 से 13 घंटे की नींद लेना जरुरी होता है। तभी उनका दिमाग और शरीर बेहतर तरीके से काम करेंगे।
पौष्टिक आहार
मस्तिष्क के बेहतर विकास के लिए बच्चों को पोषक तत्वों से भरपूर भोजन देना बहुत जरुरी है। दिमाग तेज करने के लिए बच्चों को ओमेगा 3, विटामिन बी, विटामिन बी 12 और फोलेट से भरपूर आहार देना चाहिए। ओमेगा 3 के लिए समुद्री मछलियां, नट्स, बीन्स आदि फायदेमंद रहेंगी। फोलेट के लिए संतरे का जूस, ब्रोकली, पालक आदि खाएं। विटामिन बी डेरी प्रोडक्ट्स जैसे घी, दूध, मक्खन, बटर, छाछ दही, अनाज और सब्जियों में पाया जाता है। बच्चे को रोजाना 8 से 10 ग्लास पानी पीने कहें। खाने में ये चीजें दें –
- अनार, सेब और बाकी के फल।
- अखरोट दें।
- चेरी दें।
- भीगे हुए बादाम दें। या उन्हें पीसकर दूध में मिलाकर दें।
- पालक दें।
- डार्क चॉकलेट।
- गुड़ के साथ तिल।
- अलसी का तेल दें।
- संभव हो तो ब्राह्मी खिलाएं।
- एग्जाम के टाइम रोजाना मुलेठी खिलाएं।
- दिन में दो बार गुलुकंद खिलाएं।
- दालचीनी पाउडर को शहद में मिलाकर बच्चे को चटाएं।
- दूध में शहद मिला दें।
- बच्चे को रोजाना दही खिलाएं दही खाने से दिमाग तेजी से काम करता है।
ये कुछ टिप्स हैं जिन्हे अपनाकर बच्चों की मानसिक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। बच्चों के सामने किसी भी तरह का लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए। इससे बच्चे तनाव में आ जाते है और तनाव बच्चों की स्मरण शक्ति के लिए ठीक नहीं। तनाव मस्तिष्क के सोचने की क्षमता को कम करता है जिससे पढ़ने के बाद भी कुछ याद नहीं रहता।