गर्भावस्था के दौरान माँ और शिशु दोनों की अच्छी सेहत के लिए जरुरी है के गर्भवती महिला एक बैलेंस्ड डाइट लें। इस बैलेंस्ड डाइट में हरी सब्जियाँ, ताजे फल, दाल, बीन्स, दूध, दही और सूखे मेवों का सेवन शामिल होता है। पर इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर कुछ महिलायें अपनी और शिशु के सेहत को लेकर लापरवाही कर देती है। भूख लगने पर पहले से बना हुआ बासी भोजन रात का बचा हुआ भोजन खा लेती है।
प्रेगनेंसी के दौरान बासी भोजन का सेवन माँ और शिशु दोनों के लिए ही बहुत खतरनाक होता है। पहले के जमाने में जब फ्रीज़ नहीं होते है थे तब सभी लोग ताजा खाना बनाते और ताजा ही खाते थे। बचा हुआ भोजन वह जानवरों को खिला देते थे पर दूसरे समय में खुद कभी भी बासी भोजन का सेवन नहीं करते थे। जैसे ही हमारी जीवन में फ्रीज़ आया वैसे ही हमने अपने खाने को स्टोर करके रखना शुरू कर दिया। व्यस्त जीवन के कारण धीरे धीरे ज्यादातर लोगो को बासी भोजन की आदत सी पड़ गयी है।
भले ही समय की कमी के कारण लोगों ने बासी भोजन का सेवन शुरू कर दिया है परन्तु बासी भोजन सभी के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। गर्भावस्था के दौरान बासी भोजन और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। आइये जानते है गर्भावस्था में बासी भोजन से क्या नुकसान होते है।
जहरीला भोजन
बासी भोजन को जितनी बार हम गर्म करते है उतनी बार उसमे रसायनिक बदलाव होते है जिस कारण उसमे जहरीला बैक्टीरिया पैदा हो जाता है। अगर ताजे भोजन को भी दो घंटो में अंदर अंदर फ्रीज में ना रखा जाए या उसका उपभोग ना किया जाए तो उसमे बैक्टीरिया पैदा होने लगते है। यह जहरीला भोजन सभी लोगो के लिए हानिकारक होता है। एक गर्भवती महिला जिसकी इम्युनिटी पावर पहले से ही कमजोर हो रखी है उसकी सेहत पर कितना गहरा असर प्रभाव होगा।
पेट में दर्द
बासी खाने में बैक्टीरिया बहुत तेजी से पनपता है इस कारण कई बार भोजन में खमीर भी उठ जाता है। डॉक्टरों के अनुसार भी दो घंटो से अधिक समय का बना हुआ भोजन नहीं खाना चाहिए। बासी भोजन के हानिकारक बैक्टीरिया सीधा हमारी पाचन शक्ति पर प्रहार करते है। जिस वजह से बहुत सी पेट संबंधित परेशानियां होने लगती है पेट दर्द भी उन्ही में से एक है।
गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय पर प्रेशर बढ़ने से पाचन क्रिया सामान्य लोगो की अपेक्षा धीमी हो जाती है। ऐसे में अगर बासी भोजन का सेवन करे तो धीमी पाचन क्रिया पर हानिकारक बैक्टीरिया और भी ज्यादा प्रभाव डालता है। इसीलिए गर्भवती महिला को कई बार बहुत ज्यादा पेट दर्द भी होता है।
उल्टियाँ
बासी भोजन खाने में भले ही स्वादिष्ट हो परन्तु लम्बे समय से बने हुए भोजन में बहुत से बैक्टीरिया होते है। बासी भोजन के सेवन से यह बैक्टीरिया पेट में जाकर जहरीले तत्वों का निर्माण करते है जिससे पेट में गैस बनने लगती और खाना पचना संभव नहीं हो पाता।
प्रेगनेंसी के दौरान पहले से बने हुए भोजन खाने का मतलब है बहुत सी बिमारियों और परेशानियों को न्योता देना। गर्भवस्था में पहले से ही हार्मोनल बदलावों के कारण पेट में जलन और गैस बनती रहती है जिस कारण उल्टियाँ भी लगती है। ऐसे में अगर बासी भोजन पेट में जाए तो सोचियें गर्भवती महिला की कितनी परेशानियां बढ़ सकती है। बासी भोजन से और भी ज्यादा गैस की समस्या होगी और उल्टियां बंद होने का नाम भी नहीं लेंगी।
दस्त
जैसे की हम पहले भी बता चुके है के बासी भोजन खमीरा हो जाता है और पेट में जाकर यह जहरीले तत्वों का निर्माण करता है। गर्भावस्था के दौरान बासी भोजन के नियमित सेवन से दस्त की समस्या भी हो सकती है। और यदि और दस्त और उल्टी दोनों हो जाएँ तो गर्भवती महिला के शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है। पानी की कमी सिर्फ माँ को ही नहीं बल्कि शिशु के विकास को भी प्रभावित करती है।
बुखार
अगर गर्भावस्था के दौरान रोजाना ही आप सुबह का बना भोजन शाम और शाम का बना भोजन सुबह खाते है तो इस आदत को आपको बहुत जल्द बदल देना चाहिए। बासी भोजन के सेवन की आदत आपको बुखार, वायरल या फ्लू की स्थिति में भी पहुंचा सकती है। गर्भवती महिला को बुखार होने का मतलब है माँ और शिशु दोनों की ही सेहत को खतरा और तेज बुखार होने पर शिशु को मानसिक और शारीरक परेशानियां भी हो सकती है।
महीने में किसी कारणवश अगर आपको बासी भोजन का सेवन करना पड़े तो चल सकता है पर अगर आपकी यह रूटीन रोजाना की है तो इसे तुरंत बदल लें। गर्भावस्था के दौरान अगर आपको इसमें से कोई भी समस्या का सामना करना पड़ता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिले।