महिला के प्रेग्नेंट होते ही महिला के शरीर में बदलावों का होना शुरू हो जाता है साथ ही शरीर में हार्मोनल बदलाव भी तेजी से हो रहे होते हैं। इसके अलावा जैसे जैसे प्रेगनेंसी का समय आगे बढ़ता है वैसे वैसे गर्भ में शिशु का विकास बढ़ता है और गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण महिला को पेट बाहर निकलने के कारण परेशानी, पेट सम्बन्धी समस्या, पेल्विक एरिया से जुडी परेशानियां होनी शुरू हो जाती है। क्योंकि गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण पेल्विक एरिया पर दबाव बढ़ने लगता है। जिसकी वजह से कई बार महिला को प्राइवेट पार्ट में दर्द, सूजन जैसी समस्या भी महसूस हो सकती है। आज इस आर्टिकल में हम प्रेगनेंसी के दौरान प्राइवेट पार्ट में होने वाली सूजन के बारे में बात करने जा रहे हैं।
गर्भावस्था में प्राइवेट पार्ट में सूजन होने के कारण
संक्रमण: प्रेगनेंसी के दौरान प्राइवेट पार्ट की साफ़ सफाई का ध्यान रखना चाहिए ऐसे में यदि महिला साफ़ सफाई का ध्यान नहीं रखती है तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। जिसकी वजह से प्राइवेट पार्ट में सूजन की समस्या दर्द की समस्या हो सकती है।
हार्मोनल असंतुलन: गर्भावस्था में हार्मोनल असंतुलन के कारण प्राइवेट पार्ट में सूखापन आ जाता है जिसके कारा दर्द व् सूजन की समस्या महिला को हो सकती है।
गर्भस्थ शिशु का विकास: बच्चे का विकास बढ़ने के साथ पेट के निचले हिस्से पर दबाव अधिक बढ़ जाता है जिसकी वजह से पेल्विक एरिया में खिंचाव महसूस हो सकता है और महिला को प्राइवेट पार्ट से जुडी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने के कारण: प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर के साथ प्राइवेट पार्ट के हिस्सों में भी ब्लड फ्लो तेजी से होने लगता है। जिसकी वजह से कई बार महिला को प्राइवेट पार्ट में दर्द व् सूजन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी: जिन महिलाओं को एक्टोपिक प्रेगनेंसी होती है उन महिलाओं को भी प्राइवेट पार्ट में दर्द, सूजन, ब्लीडिंग जैसी परेशानियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
प्रेग्नेंट महिला प्राइवेट पार्ट में सूजन होने पर इन बातों का ध्यान रखें?
गर्भवती महिला को यदि प्राइवेट पार्ट में सूजन महसूस होती है तो महिला को इसे अनदेखा न करते हुए इससे बचने का इलाज सोचना चाहिए। जैसे की महिला को:
गर्म पानी से सिकाई करनी चाहिए
इस समस्या से बचने के लिए महिला को हल्के गर्म पानी से प्राइवेट पार्ट की सिकाई करनी चाहिए। सिकाई करने से सूजन को कम करने में मदद मिलती है साथ ही यदि संक्रमण के कारण ऐसा होता है तो उससे भी निजात मिलता है।
मसाज करें
थोड़े सा गुनगुना तेल लेकर प्राइवेट पार्ट के आस पास मसाज करें ऐसा करने से पेल्विक एरिया के आस पास की मांसपेशियों और स्किन को ढीला होने में मदद मिलेगी। जिससे गर्भवती महिला को कम कर सकती है।
बाईं और करवट लेकर सोएं
गर्भावस्था के दौरान महिला के सोने के लिए सबसे सही पोजीशन बाईं और करवट लेकर सोना होती है क्योंकि इस पोजीशन में महिला आराम से सो जाती है। साथ ही इस पोजीशन में सोने से पूरी बॉडी में ब्लड फ्लो सही तरीके से होने में मदद मिलती है। ऐसे में जब प्राइवेट पार्ट में ब्लड फ्लो सही तरीके से होता है तो भी महिला को इस परेशानी से बचे रहने में मदद मिलती है।
साफ़ सफाई का ध्यान रखें
प्रेग्नेंट महिला को आस पास साफ़ सफाई रखने के साथ अपने शरीर की साफ़ सफाई का भी अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। साफ़ सुथरे कपडे और अंडरगार्मेंट पहनने चाहिए ताकि प्राइवेट पार्ट में संक्रमण की समस्या नहीं हो और महिला को प्राइवेट पार्ट में सूजन की समस्या से बचे रहने में मदद मिल सके।
तो यह हैं कुछ आसान टिप्स जिन्हे फॉलो करने से प्रेग्नेंट महिला को प्राइवेट पार्ट में सूजन की समस्या से बचे रहने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा प्राइवेट पार्ट में सूजन ज्यादा हो, दर्द ज्यादा हो या अन्य कोई और समस्या हो रही हो तो प्रेग्नेंट महिला को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
Swelling problem in private part in pregnancy