इन लक्षणों से पता चलता है की आपकी डिलीवरी सिजेरियन होगी

इन लक्षणों से पता चलता है की आपकी डिलीवरी सिजेरियन होगी


गर्भावस्था की आखिरी तिमाही में अधिकतर गर्भवती महिलाएं इस बात को लेकर परेशान हो जाती है की उनकी डिलीवरी नोर्मल होगी या सिजेरियन? ऐसे में यह जानना तो मुश्किल होता है की क्या होगा। क्योंकि यह पूरी तरह से महिला की शारीरिक स्थिति और गर्भ में बच्चे की पोजीशन पर निर्भर करता है। लेकिन कुछ केस में महिला को शरीर में ऐसे लक्षण महसूस होते हैं जिनसे महिला को यह पता चल जाता है की उनकी डिलीवरी सिजेरियन ही होगी। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको सिजेरियन डिलीवरी के लक्षण क्या होते हैं उस बारे में बताने जा रहे हैं।

ब्लड प्रैशर का बढ़ना

यदि डिलीवरी का समय पास आने पर या वैसे भी पूरी प्रेगनेंसी के दौरान महिला का ब्लड प्रैशर हाई रहता है। तो ऐसे में केस में सिजेरियन डिलीवरी करवानी पड़ती है। क्योंकि नोर्मल डिलीवरी से महिला की लिवर, किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है।

बच्चे के सही पोजीशन में न आने के कारण

यदि डिलीवरी का समय पास आने पर भी बच्चे का सिर नीचे की तरफ नहीं होता है यानी की बच्चा जन्म लेने की सही पोजीशन में नहीं आता है। और बच्चा किसी और पोजीशन में होता है जैसे की बच्चा उल्टा होता है। तो ऐसे में डॉक्टर्स महिला को सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह देते हैं।

बच्चेदानी का मुँह न खुलने पर

नोर्मल डिलीवरी के लिए बच्चेदानी का मुँह खुलना जरुरी होता है। लेकिन यदि किसी केस में महिला की बच्चेदानी का मुँह नहीं खुलता है तो ऐसे में महिला की सिजेरियन डिलीवरी होती है।

गर्भनाल

गर्भ में शिशु कई बार गर्भनाल में लिपट जाता है और फिर खुल भी जाता है ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि गर्भ में बच्चा इधर से उधर मूव करता रहता है। लेकिन डिलीवरी का समय पास आने पर यदि बच्चे ने गर्भनाल को गर्दन में लपेटा हुआ होता है। तो ऐसे केस में डॉक्टर्स किसी तरह का रिस्क नहीं लेते हैं और सिजेरियन डिलीवरी करते हैं।

शिशु की धड़कन या हलचल

यदि गर्भ में शिशु की हलचल या धड़कन कम हो जाती है। तो ऐसे में गर्भ में शिशु की जान को खतरा हो सकता है। और यदि ऐसा किसी गर्भवती महिला के साथ होता है तो इस समस्या से बचने के लिए महिला की सिजेरियन डिलीवरी करवानी पड़ती है।

एक से ज्यादा शिशु

गर्भ में जुड़वां या ट्रिप्लेट्स या उससे ज्यादा बच्चे होने पर भी नोर्मल डिलीवरी होने चांस बहुत कम होते हैं। और डॉक्टर्स भी ऐसे केस में बच्चों के लिए कोई रिस्क न लेते हुए सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह देते हैं।

जिन महिलाओं की हाइट कम होती है

जिन महिलाओं की हाइट कम होती है उनकी कूल्हे ही हड्डी भी छोटी होती है। जिसकी वजह से नोर्मल डिलीवरी से बच्चे के जन्म होने के चांस कम होते हैं। और सिजेरियन डिलीवरी होने के चांस अधिक होते हैं।

एमनियोटिक फ्लूड की कमी

यदि महिला का एमनियोटिक फ्लूड पूरा खत्म हो जाता है तो ऐसे केस में गर्भ में शिशु को दिक्कत होने का खतरा बढ़ जाता है। जिसकी वजह से महिला की सिजेरियन डिलीवरी होने के चांस भी बढ़ जाते हैं।

प्रसव पीड़ा नहीं होना

डिलीवरी डेट निकाल जाने के बाद भी यदि महिला के शरीर में प्रसव का कोई लक्षण महसूस नहीं होता है, आर्टिफिशल पेन का भी यदि महिला पर कोई असर नहीं होता है, तो ऐसे में केस में माँ व् बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टर्स सिजेरियन डिलीवरी की सलाह देते हैं।

पेट में गन्दा पानी निकाल देने के कारण

यदि गर्भ में बच्चा मल मूत्र कर देता है तो इसके कारण भी गर्भ में बच्चे की जान को खतरा हो जाता है। ऐसे केस में भी बच्चे की जाना बचाने के लिए डॉक्टर्स सिजेरियन डिलीवरी की सलाह देते हैं।

तो यह हैं कुछ लक्षण जिनकी वजह से महिला को सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह दी जाती है। ऐसे में यदि आप चाहती है की आपकी डिलीवरी नोर्मल हो तो आपको प्रेगनेंसी के दौरान अपने स्वास्थ्य का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।

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