तीसरे महीने में बच्चा अक्सर ख़राब हो जाता हैं, तो ये समझने की कोशिश करें:-
माँ बनना इस दुनिया की सबसे खास खुशियो में से एक होती हैं| ऐसे में कई बार कई महिलाओ को शुरूआती महीनो में खून का थक्का लग जाता हैं| इसे कहते हैं की बच्चा खराब हो जाता हैं| बच्चे के ख़राब होने के कई कारण हो सकते हैं| क्योंकि प्रेगनेंसी के शुरूआती महीने किसी भी महिला के लिए बहुत खास होते हैं| ऐसे में जरुरी होता हैं की महिलाएं आपन पूरा ध्यान रखें, परंतु कई बार पूरा ध्यान रखने के बाद भी ऐसी समस्या उत्तपन हो जाती हैं|
बच्चा ख़राब होने के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे की, महिला का शारीरिक रूप से स्वस्थ न होना, किसी तरह का मानसिक तनाव का होना, ज्यादा वजन उठाने के कारण, ज्यादा भागदौड़ करने के कारण, ज्यादा दवाइयों के सेवन करने के कार, ज्यादा सम्भोग करने के कारण, वजन की समस्या होने के कारण, किसी भी कारण पेट पर दबाव पड़ने के कारण, या फिर किसी ऐसी चीज के सेवन के कारण जो की नहीं खानी चाहिए, आदि| कुछ भी हो सकता हैं|
परंतु ऐसे में किसी भी महिला को ये नहीं सोचना चाहिए की ये सब उसके कारण हुआ हैं| महिला को अपने आप को मजबूत बनाकर रखना चाहिए| कई महिलाये जिनको अनचाहा गर्भधारण हो जाता हैं| वो भी कई प्रकार के घरेलू नुस्खों या फिर कई प्रकार की डॉक्टर की सलाह से गर्भपात कर लेती हैं| तो आइये जानते हैं की गर्भपात के क्या क्या कारण हो सकते हैं| और साथ ही ये भी बताते हैं की महिलाओ को इस बारे में क्या समझना चाहिए|
बच्चा गिरने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं:-
किसी प्रकार का तनाव होने के कारण;-
कई बार महिला के बच्चे गिरने का कारण महिला को किसी प्रकार का मानसिक व् शारीरिक तनाव भी हो सकता हैं| मानसिक व् शारीरिक दबाव पड़ने के कारण भी इसका असर सीधा आपके गर्भ पर पड़ जाता हैं| जिसके कारण कई बार ब्लीडिंग होने लगती हैं, और कई बार तो इस समस्या के कारण गर्भपात हो जाता हैं| इसी कारण डॉक्टर भी राय देते हैं की गर्भावस्था के समय किसी भी प्रकार का तनाव नहीं लेना चाहिए|
ज्यादा भारी सामान व् वजन उठाने के कारण:-
कई महिलाये जो गर्भावस्था के शुरूआती दौर में ज्यादा वजन उठा लेती हैं, या फिर किसी न किसी भरी सामन को उठा लेती हैं| तो ऐसे में इसके सीधा असर महिला के पेट पर पड़ने के साथ गर्भाशय पर पड़ता हैं| जिसके कारण गर्भ गिरने का भय हो जाता हैं| और गर्भावस्था के शुरूआती दौर में ऐसा करने पर जो महिलाये ज्यादा ऐसा करती हैं| उनका गर्भपात हो जाता हैं| इसीलिए कहा जाता हैं की गर्भावस्था के समय ज्यादा भारी सामान नहीं उठाना चाहिए|
ज्यादा सम्भोग करने के कारण:-
गर्भावस्था के पहले तीन महीने में डॉक्टर भी सम्भोग करने के लिए मन कर देते हैं| खास कर जिन महिलाओ ने बहुत परेशानियों के बाद गर्भधारण किया हो| ऐसे में यदि महिलाये ज्यादा सम्भोग करती हैं, और बिना पोजीशन का ध्यान रखे सम्भोग की प्रक्रिया को करती हैं| तो ऐसे में तेजी से सम्भोग करने पर महिला के गर्भाशय पर सीधा असर पड़ता हैं| जिससे कई बार खून का थक्का लग जाता हैं| और ज्यादा खून का थक्का लगने पर आपका गर्भपात हो जाता हैं|
ज्यादा व्यायाम करने के कारण:-
कई महिलाएं जो गर्भावस्था के शुरूआती समय में भी व्यायाम करती हैं| और वो भी बहुत अधिक मात्रा में, ज्यादा व्यायाम करने से भी पेट पर असर पड़ता हैं जिसके कारण गर्भपात होने का खतरा बना रहता हैं| डॉक्टर्स भी गर्भावस्था के समय में हलके फुल्के व्यायाम की इजाजत देते हैं| वो भी तब जब गर्भावस्था में कोई परेशानी न हो| परंतु शरूआती दिनों में महिलाओ की स्थिति बहुत नाजुक होती हैं| ऐसे में व्यायाम कई बार हानिकारक सिद्ध हो सकता हैं|
गलत पदार्थो का सेवन करने के कारण:-
गर्भावस्था के दौरान महिलाओ के लिए जरुरी होता हैं की वो अपने खान पान पर भी विशेष ध्यान रखें| क्योंकि गर्भावस्था के दौरान भी कई चीजे ऐसी होती हैं, जिनके सेवन करने के कारण कई बार गर्भपात हो जाता हैं| जैसे पपीता, इलायची, अनानास, कटहल, व् जिन पदार्थो में विटामिन सेए अधिक मात्रा में पाया जाता हैं| ऐसी चीजो का सेवन नहीं करना चाहिए| परंतु कई महिलाओ को इन चीजो का पता नहीं होता हैं, या फिर जो पहली बार माँ बन रही होती हैं उन्हें इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती हैं| तो इस वजह से भी गर्भपात हो जाता हैं|
गरम पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए:-
जो महिलाये शुरूआती दिनों में ड्राई फ्रूट्स या जो चीजे प्राकृतिक रूप से गरम होती हैं| उन पदार्थो का सेवन करने से भी गर्भपात हो जाता हैं| ड्राई फ्रूट्स का सेवन आखिरी के महीनो में उपयोगी भी होता हैं| इससे नार्मल डिलीवरी के चांस बढ़ जाते हैं| और महिलाओ को गर्भावस्था के समय बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई का ज्यादा मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए|
गर्भपात के बाद महिलाओ को क्या समझना चाहिए:-
अपना अच्छे से चेक अप भी करवाना चाहिए:-
महिलाओ का जब गर्भपात हो जाता हैं, तो महिलाओंको सबसे पहले अच्छे से उन पदार्थो का सेवन करना चाहिए| जिनसे उनको ब्लीडिंग खुल कर हो| साथ ही महिलाओं को ब्लीडिंग के ख़तम होने पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए| क्योंकि कई बार गर्भपात के बाद महिलाओ के गर्भाशय में टिश्यू रह जाते हैं| जो की बाद में महिलाओ के लिए परेशानी का कारण बनते हैं| इसीलिए महिलाओ को कोशिश करनी चाहिए की वो अच्छे से अपना चेक अप करवाएं|
महिलाओं को खाना चाहिए बेहतर आहार;-
गर्भपात के बाद महिलाओ के शरीर में काफी कमजोरी आ जाती हैं| ऐसे में महिलाओ के लिए जरुरी हैं, की वो अपने आहार को पूर्ण रूप से व् बेहतर तरीके से खाएं जिससे उनके शरीर में आयी कमजोरी को वो दूर कर सकें| और महिलाओ को किसी भी तरह की परेशानी नहीं लेनी चाहिए| और हरी सब्जिया व् सभी तरह के फलो का महिलाओ को सेवन करना चाहिए|
दुबारा गर्भधारण में लेना चाहिए थोड़ा समय:-
महिलाओ के लिए जरुरी हैं, की यदि उनके एक बार गर्भपात हो चूका हैं, तो उसके बाद महिलाओ को गर्भधारण में थोड़ा समय लेना चाहिए जिससे की उनके शरीर में आयी कम जोरि भी पूरी हो सकें| और बेहतर होता हैं की आप किसी लेडी डॉक्टर से पूछे| जिससे आपकी ये समस्या दूर हो सकें| गर्भधारण के लिए जरुरी होता हैं की महिला पूरी तरह से फिट हो, स्वस्थ हो| इसीलिए आपको अपने डॉक्टर की राय जरूर लेनी चाहिए|
किसी भी तरह का तनाव नहीं लेना चाहिए:-
महिलाओ को गर्भपात के बाद भी किसी तरह का तनाव नहीं लेना चाहिए| क्योंकि तनाव के कारण किसी समस्या का हल नहीं होता हैं|इसीलिए हो सकें तो मानसिक रूप से महिलाओ को कोई परेशानी नहीं लेनी चाहिए| और शारीरिक तनाव होने पर आप अच्छे से अपने डॉक्टर से राय ले सकते हैं|
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