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भारतीय खान-पान में तिल का बहुत ख़ास महत्व है। जहां एक तरफ सर्दियों के मौसम में बनने वाले तिल के लड्डू और तिल पपड़ी सबको पसंद होती है वहीं दूसरी तरफ इसे खाने में मिलने वाली ऊर्जा शरीर को सक्रीय रखने में मदद करती है। सर्दियों में सभी तिल का सेवन करने की सलाह देते है जबकि गर्मियों में इसे खाने से मना किया जाता है। जिसके पीछे एक विशेष कारण है। दरअसल यह काफी हैवी और गर्म होता है जो सरिदयों में स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
इसके अतिरिक्त इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, बी-काम्प्लेक्स और कार्बोहाइड्रेट्स भी पाए जाते है जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होते है। तिल का सेवन करने से तनाव दूर होता है और मानसिक दुर्बलता भी नहीं होती। इसके अतिरिक्त इसमें कई सौंदर्य गुण भी पाए जाते है जो स्किन को खूबसूरत बनाए का काम करते है।
तिल तीन प्रकार के होते है – काले, सफ़ेद और लाल। लाल तिलों का प्रयोग बहुत कम किया जाता लेकिन सफ़ेद और काले तिल हर घर में मौजूद होते है। लेकिन बहुत से लोगों को इसके पूर्ण गुणों के बारे में पता नहीं होता। इसीलिए आज हम आपको तिल के फायदों के बारे में बताने जा रहे है। जिन्हे जानकर आप भी अपनी समस्यायों से छुटकारा पा सकते है। तो आइये जानते है तिल के फायदे।
तिल के बीज के फायदे
1. बवासीर :
तिल का नियमित रूप से सेवन करने से पुराने से पुराना बवासीर ठीक हो जाता है। बवासीर की समस्या होने पर रोजाना 2 चम्मच काले तिल को चबा-चबा कर खाएं। और उसके बाद ठंडा पानी पियें।
2. एंटी बैक्टीरियल गुण :
तिल में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते है, जो किसी भी प्रकार के घाव और चोट को जल्द से जल्द ठीक करने की क्षमता रखता है। इसके अतिरिक्त यह सूजन को कम करके सोराइसिस और एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी बिमारियों को भी दूर करने में मदद करता है। आप तिल का इस्तेमाल जलने पर भी कर सकते है। प्रयोग के लिए जले हुए स्थान पर देसी घी और कपूर के साथ तिल को मिलाकर लगाएं।
3. बच्चों के लिए :
बहुत से बच्चे रात को सोते समय बिस्तर पर पेशाब कर देते है, अगर आपका बच्चा भी इस समस्या से परेशान है तो निश्चिन्त हो जाए। क्योंकि तिल की मदद से भी आप इस समस्या से छुटकारा पा सकती है। इसके लिए भुने हुए काले तिलों को गुड़ के साथ मिलाकर उनका लडडू बना लें। अब रोज रात सोने से पहले इस लडडू को अपने बच्चे को खिलाएं। बिस्तर में पेशाब करने की समस्या दूर हो जाएगी।
4. मानसिक दुर्बलता :
तिल को बुद्धिवर्धक भी कहा जाता है। दरअसल तिल में प्रोटीन, कैल्शियम और बी काम्प्लेक्स बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। जो दिमाग के लिए बहुत लाभकारी होते है। इसके लिए प्रतिदिन 50 ग्राम तिल का सेवन करें। इससे शरीर में कैल्शियम की आवश्यकता पूरी होती है।
5. हृदय :
हृदय की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए भी आप तिल का प्रयोग कर सकते है। तिल में सभी जरुरी मिनरल पाए जाते है जैसे कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, ज़िंक और सेलेनियम पाए जाते है जो हृदय को सुचारु रूप से कार्य करने में मदद करते है। इसमें मौजूद नियासिन नामक विटामिन तनाव और अवसाद को दूर करने में मदद करता है।
6. बच्चो की हड्डियां :
तिल का सेवन नवजात की हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है। इसमें डायट्री प्रोटीन और एमिनो एसिड पाया जाता है जो बच्चो की हड्डियों के विकास और मजबूत देने में मदद करता है। 100 ग्राम तिल में 18 ग्राम प्रोटीम पाया जाता है जो बच्चो के विकास के लिए जरुरी होता है।
7. दांतों के लिए :
तिल दांतों को मजबूत करने और चमकदार बनाने में भी मदद करता है। इसके लिए सुबह ब्रश करने के बाद काले तिलों को चबा-चबा कर खाना चाहिए। यह दांतों को सुन्दर बनाने के साथ साथ उन्हें मजबूत करने का भी काम करता है।
तिल के बीज के अन्य फायदे :-
1. कब्ज की समस्या में तिल बहुत लाभकारी होता है। इसके लिए 50 ग्राम तिल भूनकर उसे कूट लें और चीनी मिलाकर इसका सेवन करें। यह आपकी कब्ज दूर करने में मदद करेगा।
2. खांसी आने पर तिल का सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती है। इसके लिए तिल और मिश्री को पानी में उबालकर पीएं। यह सुखी खांसी के लिए बेस्ट घरेलू उपचार है।
3. पेट में दर्द होने पर एक चम्मच काले तिल चबाएं और गुनगुना पानी पि लें। पेट दर्द ठीक हो जाएगा।
4. तिल को पीसकर उसे मक्खन के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाने से फेस पर ग्लो आता है।
5. मुहांसे की समस्या में चेहरे पर तिल को पीसकर मक्खन के साथ मिलायें और मुहांसों पर लगाएं। इसके साथ साथ कील आदि की समस्या भी दूर हो जाएगी।