Remedies For Typhoid (Motijhara)

टाइफाइड बुखार के देसी इलाज, Home remedies for Typhoid, टाइफाइड का इलाज, टाइफाइड के लक्षण परहेज और उपचार, मोतीझारा के घरेलू उपाय, मियादी बुखारी के उपाय 

आजकल होने वाली बिमारियों का कोई विशेष कारण नहीं होता छोटी सी गलती के कारण भी आपको बड़ी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। उन्ही कुछ बिमारियों में से एक है टायफॉइड। यह एक तरह का बुखार होता है जो व्यक्ति के खून और आंतों में हुए इन्फेक्शन के कारण होता है। यह इन्फेक्शन Salmonella Typhi नाम के बैक्टीरिया के शरीर में प्रवेश करता है जो बाद में बुखार का रूप ले लेता है।

टाइफाइड भी मच्छरों और वायरस के कारण फैलने वाली उन बिमारियों में से एक है जिनमे यदि समय पर सही उपचार न किया जाए तो मरीज की मौत भी हो सकती है। बाहर के दूषित खाद्य और पेय पदार्थों के जरिए ये बैक्टीरिया हमारे शरीर में प्रवेश करता है जो बहुत तेजी से बढ़ता और फैलता है। प्रवेश के बाद यह आँतों से होते हुए खून में शामिल हो जाता है और खून के जरिए यह बैक्टीरिया लिवर, गाल ब्लैडर, और अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है। सामान्य भाषा में इसे मोतीझारा या मियादी बुखर भी कहा जाता है।

किन कारणों से फैलता है टाइफाइड और क्या है इसके लक्षण?

इस रोग के होने पर रोगी को सबसे पहले बुखार, सिर में दर्द, कमजोरी और कई बार पेट दर्द होता है। वैसे शुरुवाती बुखार आने पर यदि पेनकिलर या कोई अन्य दवा ले ली जाए तो एक बार बुखार उतर जाता है लेकिन कुछ समय बाद यह वापस आ जाता है। इसे में डॉक्टर को एंटीबायोटिक्स देते है वे ही काम करती है। क्योंकि ये दवा उन बैक्टीरिया को खत्म करके उसके दोबारा पनपने की संभावना को भी कम कर देती है इसीलिए टाइफाइड का पूरा इलाज करना जरुरी होता है। वैसे इसक बीमारी के होने का मुख्य कारण साफ़ सफाई नहीं होना होता है। जिससे ये बैक्टीरिया पनपने है और हमारे शरीर में प्रवेश करते है।

लक्षण :

  • भूख न लग्न
  • तेज बुखार (104 डिग्री)
  • सिर में दर्द रहना
  • उलटी आना और दस्त लग्न
  • पुरे बदन में दर्द
  • कब्ज होना
  • मल में खून आना
  • त्वचा पर निशान पड़ना

यदि आपको उपरोक्त लक्षणों में से एक भी दिखाई दे और बुखार लगातार बना रहे तो तुरंत ब्लड टेस्ट कराएं। इससे आपकी बीमारी की सही जाँच की जा सकेगी और उसका सही उपचार हो पाएगा।

टाइफाइड के घरेलू इलाज :-

1. तुलसी :

बहुत सी बिमारियों के लिए इसका प्रयोग सर्वप्रथम किया जाता है। टाइफाइड बुखार में भी इसका प्रयोग करना लाभकारी होता है। यह खून से बैक्टीरिया को समाप्त करके टाइफाइड दूर करने में मदद करती है। प्रयोग के लिए तुलसी की 25 पत्तियों और एक चम्मच अदरक के पेस्ट को एक कप साफ़ पानी में डालकर उबाल लें। उबल उबाल कर आधा रह जाने के बाद उसमे थोड़ा सा शहद डालकर दिन में 2 से 3 बार इसका सेवन करें।

2. सेब :

इस बीमारी के होने पर मरीज के शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे बचने के लिए सेब का रस सबसे बेहतर उपाय है। यह काफी लाभकारी होता है इसमें प्राकृतिक मिनरल्स और Electrolytes भी पाए जाते है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते है। प्रयोग के लिए एक ग्लास सेब के जूस में थोड़ा सा अदरक का रस मिलाएं और इसका सेवन करें। दिन में कम से कम एक बार इसका सेवन जरूर करें।

3. लौंग :

टाइफाइड होने पर लौंग का इस्तेमाल भी काफी लाभकारी होता है यह उलटी और दस्त की समस्या में आराम देती है। लौंग में पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल गुण मोतीझारा की समस्या में आराम पहुंचाते है। इसके लिए 6-7 लौंग लें और उन्हें 3-4 ग्लास पानी में उबाल लें। पानी के उबालकर आधा हो जाने के बाद उसे ठंडा करें और एक हफ्ते तक दिन में 2 से 3 बार इसका सेवन करें।

4. गाजर :gajar for chashma

गाजर बहुत ही गुणकारी सब्जी है जिसका सेवन करने से शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। मियादी बुखार होने पर यह काफी लाभकारी होती है। इससे इम्यून सिस्टम और मजबूत होता है। टाइफाइड बुखार में दस्त लगने पर गाजर के रस का सेवन करने से लाभ होता है। प्रयोग के लिए एक गाजर को छीलकर उसके टुकड़े कर लें और उसे एक ग्लास पानी में उबाल लें। स्वाद के लिए काला नमक मिला लें। दस्त लगने और शरीर में पानी की कमी होने पर इसका सेवन करें। लाभ होगा।

5. लहसुन :

लहसुन में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते है जो शरीर में मौजूद बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते है साथ ही टाइफाइड में होने वाली कमजोरी को भी दूर करते है। प्रयोग के लिए सुबह खाली पेट एक हफ्ते तक 2 लहसुन का सेवन करें। इससे टाइफाइड के शुरुवाती लक्षणों के साथ साथ बुखार से भी निजात मिल जाएगा।

टाइफाइड के होने पर खाने में परहेज :

  • कुछ दिनों तक नॉन-वेज और मीठे से परहेज करे।
  • संतरे के जूस का सेवन करें।fast-food
  • मिनरल वाटर या सामान्य पानी को उबाल कर पियें।
  • बाजार में खुले बिकने वाले कच्चे फल न खाएं। इस दौरान घर में बने हुए खाने का ही सेवन करें।
  • खाने पकाने और खाने से पहले अच्छी तरह हाथ साफ़ कर लें।
  • टाइफाइड में दस्त लगने पर दूध और उससे बनी चीजों से परहेज करें।
  • अधिक से अधिक पानी पियें।
  • हरी सब्जियां और जूस / सूप आदि का सेवन करें।

टाइफाइड के उपाय :

1. अगर बुखार तेज है तो एक तौलिया को ठंडे पानी में भिगोकर माथे पर रखें। इससे बुखार कम होगा और वह दिमाग में भी नहीं चढ़ेगा।

2. मियादी बुखार के बचाव के लिए पहले से ही बचपन में टाइफाइड का टीका लगवा लें।

3. मोतीझारा होने पर शरीर में कमजोरी आ जाती है ऐसे में मरीज को पूरा आराम देना जरुरी है।

4. टाइफाइड के होमियोपैथी उपचार के लिए डॉक्टरी सलाह के बिना कोई दवा न लें। यह नुकसानदेह हो सकती है।

5. बुखार से निजात पाने के लिए बाजार में मौजूद गिलोय सत्व और प्रवाल पिष्टी दवा का सेवन आयुर्वेदिक उपचार के रूप में किया जा सकता है लेकिन वो भी डॉक्टरी परामर्श के बाद।

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