गर्भावस्था के दौरान महिला को एक्टिव रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि महिला जितना एक्टिव रहती है उतना ही महिला को होने वाली परेशानियां कम होती है, महिला स्वस्थ रहती है, बच्चे का विकास अच्छे से होता है आदि। ऐसे में एक्टिव रहने के लिए महिला को दिनभर में थोड़ा व्यायाम जरूर करना चाहिए। लेकिन यदि महिला व्यायाम नहीं करना चाहती है तो थोड़ी देर वाक यानि टहल सकती है। और ऐसा महिला प्रेगनेंसी के पहले दिन से ही शुरू कर सकती है।
क्योंकि पैदल चलने से गर्भवती महिला को बहुत से फायदे मिलते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की महिला जरुरत से ज्यादा वाक करे क्योंकि जरुरत से ज्यादा वाक करने की वजह से महिला को नुकसान भी हो सकता है। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी के दौरान पैदल चलने के बेहतरीन फायदे और जरुरत से ज्यादा पैदल चलने के नुकसान के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
प्रेगनेंसी में पैदल चलने के फायदे
गर्भवती महिला यदि दिन भर में आधा घंटा वाक कर लेती है या जितनी देर महिला आराम से वाक कर सकती है उतनी वाक करती है यानी की पैदल चलती है। तो इसे गर्भवती महिला को बहुत से फायदे मिलते हैं जैसे की:
व्यायाम हो जाता है
गर्भावस्था के दौरान महिला को थोड़ा बहुत व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि व्यायाम करने से महिला को एक्टिव रहने में मदद मिलती है साथ ही महिला स्वस्थ भी रहती है। ऐसे में पैदल चलना भी महिला के लिए व्यायाम ही होता है जिससे महिला को फिट व् स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
वजन रहता है नियंत्रित
पैदल चलने से गर्भवती महिला का वजन भी कण्ट्रोल रहता है जिससे महिला का वजन प्रेगनेंसी के दौरान जरुरत से ज्यादा नहीं बढ़ता है।
ब्लड फ्लो होता है बेहतर
पैदल चलने से महिला की मांसपेशियां टोन होती है साथ ही सिर से पैरों तक ब्लड फ्लो भी अच्छे से होता है। और प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में ब्लड फ्लो अच्छे से होना गर्भवती महिला को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
जेस्टेशनल शुगर से बचाव
ऐसा माना जाता है की रोजाना वाक करने से ब्लड में शुगर के लेवल को सामान्य रखने में मदद मिलती है। जिससे गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली शुगर की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।
ब्लड प्रैशर रहता है कण्ट्रोल
नियमित रूप से वाक करने से गर्भवती महिला के ब्लड प्रैशर को कंट्रोल रहने में मदद मिलती है। जिससे महिला को कोलेस्ट्रॉल व् हदय सम्बन्धी समस्या से प्रेगनेंसी के दौरान बचे रहने में मदद मिलती है।
मानसिक रूप से भी महिला रहती है रिलैक्स
जब भी महिला वाक करने जाती है तो महिला अलग अलग लोगो से मिलती है, बातें करती है, जिससे महिला को तनाव जैसी समस्या से बचे रहने और खुश रहने में मदद मिलती है।
शारीरिक परेशानियों से मिलता है आराम
वाक करने से प्रेग्नेंट महिला को कब्ज़, खाना हज़म न होने, मॉर्निंग सिकनेस, आलस अधिक आना, अनिंद्रा, ऐंठन, पैरों में दर्द, बेचैनी जैसी परेशानियों से बचे रहने में मदद मिलती है।
बच्चा भी रहता है स्वस्थ
पैदल चलने से प्रेगनेंसी के दौरान केवल गर्भवती महिला को ही नहीं बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु को भी फायदा मिलता है। जिससे गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर विकास में मदद मिलती है।
प्रसव में होती है आसानी
वाक करने से गर्भवती महिला के पेल्विक एरिया की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, बच्चे को जन्म लेने की सही पोजीशन में आने में मदद मिलती है। जिससे महिला के सामान्य प्रसव के चांस बढ़ाने में मदद मिलती है।
गर्भावस्था में पैदल चलने के नुकसान
प्रेग्नेंट महिला यदि ज्यादा तेजी से चलती है, जरुरत से ज्यादा चलती है तो इसकी वजह से प्रेग्नेंट महिला को बहुत सी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। जैसे की:
घुटनों में दर्द
प्रेगनेंसी के दौरान महिला का वजन बढ़ जाता है ऐसे में महिला यदि जरुरत से ज्यादा चलती है तो इसके कारण महिला के पेट के निचे के हिस्से जैसे की पैरों और घुटनों पर दबाव ज्यादा पड़ता है। जिसकी वजह से गर्भवती महिला को ज्यादा पैदल चलने की वजह से घुटनों में दर्द की समस्या हो सकती है।
सूजन बढ़ सकती है
जरुरत से ज्यादा पैदल चलने या ज्यादा पैदल चलने के कारण गर्भवती महिला के पैरों में सूजन और पैरों में दर्द की समस्या बढ़ सकती है। क्योंकि ज्यादा चलने के कारण पैरों पर दबाव अधिक पड़ता है।
ब्लीडिंग
यदि महिला जरुरत से ज्यादा पैदल चलती है तो इस कारण प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में महिला को ब्लीडिंग का खतरा भी रहता है। साथ ही तीसरी तिमाही में समय से पहले डिलीवरी होने के खतरा भी हो सकता है। ऐसे में महिला को ज्यादा तेजी या जरुरत से ज्यादा नहीं चलना चाहिए।
थकान
गर्भवती महिला यदि जरुरत से ज्यादा चलती है तो इस वजह से महिला को थकान अधिक महसूस होती है। और प्रेगनेंसी के दौरान जरुरत से ज्यादा थकान का होना माँ और बच्चे दोनों की सेहत के लिए हानिकारक होता है।
सांस फूलने की समस्या
कुछ गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान सांस फूलने व् सांस लेने में दिक्कत की परेशानी होती है। ऐसे में महिला यदि जरुरत से ज्यादा पैदल चलती है या जरुरत से ज्यादा वाक करती है। तो इस कारण महिला को सांस लेने में दिक्कत होना व् सांस फूलने की समस्या अधिक हो सकती है।
प्रेग्नेंट महिला को पैदल चलते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- गर्भवती महिला को ज्यादा तेजी से नहीं चलना चाहिए।
- ऐसी जगह पर पैदल चलने से बचना चाहिए जहां रोड टूटा हुआ हो, पत्थर या ढलान आदि हो क्योंकि ऐसी जगह पर महिला के गिरने का खतरा होता है।
- गर्भवती महिला को यदि चलते समय थकान महसूस हो रही हो या सांस फूल रही है तो महिला को बैठकर आराम करना चाहिए।
- पैदल चलते समय महिला को आरामदायक चप्पल व् जूते पहनने चाहिए।
- यदि प्रेग्नेंट महिला को डॉक्टर ने बैड रेस्ट की सलाह दी हो तो महिला को बैड रेस्ट ही करना चाहिए और वाक भी नहीं करनी चाहिए।
तो यह हैं प्रेगनेंसी में पैदल चलने के कुछ फायदे और कुछ नुकसान, ऐसे में गर्भवती महिला को पैदल चलने के भरपूर फायदे मिलें इसके लिए महिला को उतना ही पैदल चलना चाहिए जितना महिला से चला जाये। साथ ही महिला को जरुरत से ज्यादा नहीं चलना चाहिए जिससे महिला की शारीरिक परेशानियां बढ़ जाये।
Advantages and disadvantages of walking in pregnancy