प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं और इन्ही हार्मोनल बदलाव के चलते गर्भवती महिला को शरीर में अलग अलग लक्षण या बदलाव भी महसूस होते हैं। और इन्ही हार्मोनल बदलाव के चलते महिला को अलग अलग चीजें खाने की क्रेविंग भी होती है। जैसे की कभी अचानक से महिला का मीठा खाने का मन करता है तो कभी महिला का खट्टा तो कभी चटपटा खाने का मन करता है। और ऐसा होना गर्भावस्था के दौरान काफी आम बात होती है। लेकिन जब तक महिला को हेल्दी चीजें खाने की क्रेविंग होती है तो ऐसा होना बहुत अच्छा होता है।
क्योंकि हेल्दी चीजों का सेवन करने से गर्भवती महिला और शिशु दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। परन्तु कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान कुछ न कुछ अलग खाने की इच्छा होती है। जैसे की कुछ महिलाओं की प्रेगनेंसी के दौरान कोयला, मुल्तानी मिट्टी, चाक, मिट्टी खाने की इच्छा होती है और यह सभी चीजें प्रेगनेंसी के दौरान सेफ नहीं होती है। तो आइये अब इस आर्टिकल में आगे जानते हैं की प्रेगनेंसी के दौरान मिट्टी खाने की इच्छा होने के क्या कारण होते हैं और इसे खाने से माँ व् बच्चे को क्या दिक्कत होती है।
गर्भावस्था में मिट्टी खाने का मन क्यों करता है?
केवल प्रेगनेंसी में नहीं बल्कि प्रेगनेंसी से पहले भी कुछ महिलाएं मिट्टी, कोयला आदि खाती रहती है। और इसे खाने का सबसे अहम कारण शरीर में कैल्शियम की कमी होना माना जाता है। जिन महिलाओं के शरीर में कैल्शियम की कमी होती है उन महिलाओं को मिट्टी खाने की इच्छा अधिक होती है। साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान यदि महिला के शरीर में कैल्शियम की कमी होती है तो इसका असर माँ व् बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। ऐसे में गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान इसे अनदेखा न करते हुए इसका इलाज करवाना चाहिए।
प्रेगनेंसी में मिट्टी खाने से क्या होता है?
गर्भावस्था के दौरान यदि महिला मिट्टी का सेवन करती है तो इसकी वजह से गर्भवती महिला और शिशु दोनों की सेहत को नुकसान पहुँचने का खतरा रहता है। जैसे की:
शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है
गर्भवती महिला यदि मिट्टी खाती है तो इसकी वजह से गर्भवती महिला के शरीर में मौजूद विटामिन्स मिनरल्स मिट्टी द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। जिसके कारण महिला के शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और महिला
व् शिशु को भी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। जिसकी वजह से गर्भवती महिला व् शिशु दोनों की सेहत को नुकसान होने का खतरा होता है।
जहरीले तत्वों के कारण पहुँचता है नुकसान
मिट्टी खाते समय इस बात का ध्यान आप नहीं रख सकती है की मिट्टी में क्या है क्या नहीं ऐसे में आपको पता नहीं चलता है और मिट्टी में मौजूद जहरीले तत्व आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। और इन जहरीले तत्वों के शरीर में पहुँचने के कारण माँ व् शिशु दोनों की सेहत को नुकसान पहुँचने का खतरा होता है।
इन्फेक्शन का खतरा
मिट्टी का सेवन करने के कारण महिला के शरीर में हानिकारक तत्व भी प्रवेश कर सकते हैं जिसकी वजह से गर्भवती महिला को पेट में इन्फेक्शन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। और इन्फेक्शन के कारण माँ व् बच्चे दोनों की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
कीड़े मकोड़ों के कारण नुकसान
मिट्टी में कीड़े मकोड़े भी मौजूद हो सकते हैं और कीड़े मकोड़े यदि गर्भवती महिला के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। तो इनका हानिकारक प्रभाव गर्भवती महिला और शिशु की सेहत पर पड़ सकता है।
दांतों को नुकसान
गर्भावस्था के दौरान मसूड़ें भी नाजुक हो जाते हैं ऐसे में यदि गर्भवती महिला मिट्टी खाती है और उसमे पत्थर होते हैं तो उनकी वजह से दांतों में चोट लगने का खतरा होता है जिसकी वजह से महिला को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पेट सम्बन्धी समस्या
गर्भवती महिला यदि मिट्टी का सेवन करती है तो इसके कारण महिला को पेट सम्बन्धी समस्या जैसे की दस्त, पेट में दर्द आदि होने के साथ उल्टियां आदि होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
प्रेगनेंसी में मिट्टी खाने की क्रेविंग से निजात पाने के लिए क्या करना चाहिए?
गर्भवती महिला को यदि मिट्टी खाने की क्रेविंग अधिक होती है तो महिला को कैल्शियम युक्त डाइट भरपूर लेनी चाहिए जिससे शरीर में कैल्शियम की कमी नहीं हो और महिला की क्रेविंग को कम करने में मदद मिल सकें। इसके अलावा महिला को मिट्टी खाने की जगह कुछ अलग खाने की कोशिश करनी चाहिए जिससे महिला की क्रेविंग भी कम हो जाये और शरीर को नुकसान भी नहीं पहुचें।
तो यह हैं प्रेगनेंसी में मिट्टी खाने के कारण होने वाले नुकसान ऐसे में महिला को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही आपको एक बार इस मामले में डॉक्टर की राय भी लेनी चाहिए। ताकि आपको इस समस्या का समाधान करने में मदद मिल सकें।
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