प्रेगनेंसी के हर महीने में कुछ लक्षण एक जैसे होते हैं तो कुछ लक्षण अलग होते हैं, महिला को प्रेगनेंसी के हर महीने कोई शारीरिक परेशानी बढ़ सकती है तो कोई कम हो जाती है। ऐसे में महिला के लिए जरुरी होता है की प्रेगनेंसी के दौरान महिला अपनी केयर के तरीके में भी थोड़ा बदलाव करती रहे जिससे माँ और बच्चे दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके। आज इस आर्टिकल में हम आपसे प्रेगनेंसी के पांचवें महीने के बारे में बात करने जा रहे हैं।
गर्भावस्था के पांचवें महीने में क्या होता है?
प्रेगनेंसी के पांचवें महीने में गर्भ में पल रहे शिशु का विकास बढ़ रहा होता है, गर्भ में शिशु मूव करने लगते है और महिला शिशु की हलचल को महसूस कर सकती है। इसके अलावा वजन बढ़ने के कारण महिला को थकान, कमर दर्द, कब्ज़ की समस्या, पैरों में दर्द होना, आदि की समस्या हो सकती है। इसके अलावा पांचवें महीने में महिला का पेट देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है की महिला गर्भवती है। साथ ही इस दौरान बच्चे का विकास बढ़ने के साथ महिला की भूख भी बढ़ सकती है।
गर्भावस्था के पांचवें महीने में महिला को क्या क्या करना चाहिए
प्रेगनेंसी के पांचवें महीने में महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि महिला को फिट रहने और बच्चे के बेहतर विकास में मदद मिल सके। तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी के पांचवें महीने में महिला को कौन से टिप्स फॉलो करने चाहिए।
डाइट का ध्यान रखें
गर्भावस्था के पांचवें महीने में महिला को पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेनी चाहिए। जैसे की हरी सब्जियों, साबुत अनाज, ड्राई फ्रूट, फल, सलाद, डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडा, चिकन आदि का भरपूर सेवन करना चाहिए। ताकि महिला को ऊर्जा से भरपूर रहने के साथ शिशु के विकास के लिए जरुरी पोषक तत्व भी शिशु को मिल सके।
हाइड्रेट रहें
पांचवें महीने में महिला को तरल पदार्थों का भी भरपूर करना चाहिए क्योंकि तरल पदार्थों को भरपूर लेने से महिला को एनर्जी मिलती है। साथ ही शरीर में तरल पदार्थों की मात्रा सही होने से महिला को बहुत सी शारीरिक परेशानियों से बचे रहने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लूड की मात्रा सही रहती है जिससे गर्भ में पल रहे शिशु के विकास को बेहतर होने में मदद मिलती है।
योगासन करें
प्रेगनेंसी के पांचवें महीने में महिला को थोड़ी देर योगासन भी जरूर करना चाहिए। क्योंकि योगासन करने से गर्भवती महिला को फिट रहने में मदद मिलेगी।
मैडिटेशन करें
योगासन करने के साथ गर्भवती महिला को थोड़ी देर मैडिटेशन भी करना चाहिए। क्योंकि मैडिटेशन करने से गर्भवती महिला को खुश रहने, तनाव मुक्त रहने में मदद मिलेगी। जिससे माँ और बच्चा दोनों हेल्दी रहेंगे।
प्रीनेटल विटामिन्स
महिला को डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों का भी समय से सेवन करना चाहिए। ताकि गर्भवती महिला और शिशु दोनों को पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिल सकें। जिससे माँ और बच्चा दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।
आराम करें भरपूर
प्रेगनेंसी के पांचवें महीने में महिला को एक्टिव रहने के साथ आराम भी भरपूर करना चाहिए। क्योंकि भरपूर आराम करने से प्रेग्नेंट महिला स्वस्थ रहती है। और यदि प्रेग्नेंट महिला स्वस्थ रहती है तो शिशु को भी हेल्दी रहने में मदद मिलती है।
अल्ट्रासॉउन्ड व् जांच समय से करवाएं
पांचवें महीने में गर्भवती महिला को डॉक्टर्स अल्ट्रासॉउन्ड करवाने के लिए बोलते हैं ऐसे में महिला को समय से अपना अल्ट्रासॉउन्ड करवाना चाहिए और अन्य जांच करवानी चाहिए। ताकि बाद में किसी तरह की समस्या नहीं हो।
तो यह है प्रेगनेंसी के पांचवें महीने में महिला को क्या क्या करना चाहिए उससे जुड़े टिप्स, पांचवें महीने का अलावा गर्भावस्था के हर एक महीने महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। ताकि प्रेग्नेंट महिला और शिशु को प्रेगनेंसी और प्रसव के दौरान किसी भी तरह की समस्या नहीं हो।
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