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कई बार हमारे चेहरे या शरीर के कुछ हिस्सों में ऐसी समस्याएं हो जाती है जिनके कारण बहुत सी समस्यायों का सामना करना पड़ता है। जैसे की चेहरे पर पिंपल होना या शरीर में घमौरियां हो जाना। इन्ही कुछ समस्यायों में से एक है आँखों की गुहेरी। जी हां, दिखने में बहुत छोटी लेकिन इसके कारण होने वाले परेशानी किसी के लिए भी असहनीय होती है। दरअसल यह आंख की ऊपरी या निचली परत पर एक हलके लाल रंग के दाने के रूप में उभरती है।
कहने को यह कोई रोग नहीं है लेकिन इसके कारण बहुत परेशानी होती है। परन्तु घबराने की बात नहीं है। क्योंकि यह एक आम समस्या है जो किसी को भी हो सकती है।
ऐसे तो इस समस्या से निजात पाने के लिए नानी दादी कई टोटके बताती है जो काफी कारगर भी होते है लेकिन उनके अलावा भी कुछ घरेलू उपाय है जिनकी मदद से इस समस्या का इलाज घर बैठे किया जा सकता है। और आज हम आपको उन्ही कुछ घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे है।
आंख की गुहेरी हटाने के घरेलू उपाय :-
1. गुहेरी के कारण :
आंखों की दोनों पलकों के किनारों पर बालों की जड़ों में जो फुंसियां निकलती है उन्हें ही गुहेरी कहा जाता है। यह कोई रोग नहीं बल्कि एक आम समस्या है जो संक्रमण से फैलती है। गुहेरी को अंजनहारी भी कहा जाता है। इस समस्या के होने पर आँखों में तेज़ खुजली और जलन होती है जो बाद में मवाद से भरे दाने का रूप ले लेती है। लेकिन जरुरी नहीं की हर बहार इसमें मवाद भरे। डॉक्टरों की माने तो गुहेरी विटामिन A और D की कमी से होती है। लेकिन कभी कभार कब्ज से पीड़ित व्यक्ति को भी इसकी शिकायत हो सकती है।
2. लौंग :
कहने को यह एक मसाला है लेकिन इसकी मदद से कई समस्यायों को दूर किया जा सकता है। यह गुहेरी के कारण हो रहे दर्द और त्वचा की जलन को कम करती है। इस समस्या के लिए इसे बेहतर औषधि माना जाता है। अपने एंटी बैक्टीरियल गुणों के कारण यह आँखों के संक्रमण को रोकने में भी मदद करती है। गुहेरी होने पर लौंग को पानी के साथ घिसकर लेप बना लें और इसे अंजनहारी पर लगाएं। थोड़ी देर में जलन में आराम आयेगा। उपाय में दिन में 2-3 बार प्रयोग करें।
3. अमरुद के पत्ते :
प्राकृतिक चिकित्सा के रूप में अमरुद के पत्ते बेहद लाभकारी होते है। इसलिए इन्हे गुहेरी के घरेलू इलाज के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पालक की सूजन और लाली को कम करने में मदद करते है। प्रयोग के लिए गर्म पानी में दो से तीन अमरुद के पत्तों को धो लें। अब इस पानी में साफ़ कपडे को डुबोकर निचोड़ लें। अब अमरुद के पत्तों को गर्म कपड़ें में रखकर अच्छी तरह लपेट लें। और हल्का ठंडा होने दें। उसके बाद उसमे से एक पत्ता निकाल कर उसे प्रभावित हिस्से पर लगाएं। पांच मिनट लगायें रखने के बाद हटा दें और अन्य पत्तियों के साथ भी ऐसा ही करें। तीन से चार दिनों तक दिन में दो बार प्रयोग करने से समस्या दूर हो जाएगी।
4. कैस्टर आयल :
कैस्टर आयल में रिसिनोलेइक नामक एसिड पाया जाता है जो त्वचा के लिए एंटी इंफ्लेमेटरी एजेंट के रूप में कार्य करता है। जिसके फलस्वरूप यह तेल दर्द और सूजन को प्रभावी ढंग से कम करने में मदद करता है। प्रयोग के लिए आंख के प्रभावित हिसे को बेबी शैंपू और गुनगुने पानी से धो लें। उसके बाद पांच मिनट तक प्रभावित पलक पर गर्म सेक करें। अब रुई की मदद से पलक पर कैस्टर आयल लगाएं। कुछ ही दिनों के लगातार प्रयोग से समस्या पूर्णतः दूर हो जाएगी।
5. टैनिक वाली ग्रीन टी :
ग्रीन टी में बहुत से एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पार जाते है जो अंजनहारी में होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते है। इसमें मौजूद तनिक एसिड इन्फेक्शन को दूर रखने में भी मदद करता है। इसके अतिरिक्त इसमें मौजूद पोषक तत्व और एंटी ऑक्सीडेंट्स चिकित्सा और राहत में योगदान देते है। प्रयोग के लिए गर्म पानी में कुछ देर के लिए ग्रीन टी को दिप करें। अब उस टी बैग को पानी से निकालकर अतिरिक्त पाने निचोड़ लें। और अपनी आंखे बंद करके पालक के ऊपर भीगी हुई टी बैग को रखें। पांच मिनट रखने के बाद हटा दें। कुछ दिनों तक इस उपाय का प्रयोग करें फायदा मिलेगा।