प्रेगनेंसी में पीरियड आते है या नहीं?

ज्यादातर महिलाएं यही जानती हैं की जब महिला गर्भवती होती है तो महिला को पीरियड्स नहीं होते हैं, ऐसे में यदि प्रेगनेंसी के दौरान महिला को कभी खून के धब्बे दिखाई देते हैं। तो इसे देखकर महिला घबरा सकती है। लेकिन प्रेगनेंसी में हल्के फुल्के रक्त के धब्बे लगना बहुत ही आम बात होती है। और ऐसा किसी एक महिला के साथ नहीं बल्कि बहुत सी गर्भवती महिलाओं के साथ हो सकता है। क्योंकि यदि आप गर्भवती हैं तो आपको मासिक धर्म की तरह ब्लीडिंग नहीं हो सकती है, और यदि ऐसा होता है तो इसका मतलब है की आप गर्भवती नहीं है। लेकिन यह भी सच हैं, की प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को खून के धब्बे लग सकते हैं। और प्रेगनेंसी के दौरान यदि महिला को खून के धब्बे लगते हैं तो इसका कोई एक नहीं बल्कि कई कारण हो सकते हैं। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के दौरान महिला को खून के धब्बे लगने के कौन से कारण हो सकते हैं।

प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होने के कारण

यदि आप गर्भवती हैं और आपको प्राइवेट पार्ट से निकलते हुए खून के धब्बे नज़र आ रहे हैं, तो ऐसे में इन खून के धब्बों के लगने के कारण के बारे में जानना गर्भवती महिला के लिए बहुत जरुरी होता है ताकि महिला इसे देखकर घबरा न जाएँ।

इम्प्लांटेशन

महिला के अंडाशय में रखे अंडे और पुरुष के शुक्राणु जब आपस में मिलते हैं, तो निषेचन की क्रिया होने के बाद भ्रूण को गर्भाशय में प्रत्यारोपित करने की प्रक्रिया शुरू होती है। और जब भ्रूण को गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है तो इसे इम्प्लांटेशन कहा जाता है, ऐसे में इस दौरान महिला को हल्के फुल्के खून के धब्बे नज़र आ सकते है।

गर्भाशय की परत

गर्भाशय में शिशु के प्रत्यारोपण के बाद गर्भाशय की परत में फैलाव होना भी शुरू हो जाता है। और जब गर्भाशय की परत का फैलाव होता है तो भी गर्भवती महिला को प्राइवेट पार्ट से थोड़ी ब्लीडिंग हो सकती है, लेकिन यह मासिक धर्म के दौरान होने वाली ब्लीडिंग नहीं होती है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी

जिन महिलाओं को एक्टोपिक प्रेगनेंसी यानि की भ्रूण गर्भाशय में प्रत्यारोपित होने के बजाय फैलोपियन ट्यूब में ही बढ़ने लगता है, उन महिलाओं को भी प्रेगनेंसी के दौरान ब्लीडिंग के साथ पेट के निचले हिस्से में बहुत अधिक दर्द की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में महिला को इसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

संक्रमण

यदि गर्भवती महिला के प्राइवेट पार्ट या गर्भाशय में किसी तरह का संक्रमण हो जाता है तो भी गर्भवती महिला को ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।

गर्भपात

कई बार पहली तिमाही के दौरान महिला को बहुत अधिक ब्लीडिंग की समस्या हो जाती है, साथज ही मासिक धर्म की तरह पेट में तेजी से दर्द होने की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में गर्भवती महिला को इसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह गर्भपात का लक्षण हो सकता है।

तो यदि आप भी गर्भवती है और आपको भी ब्लीडिंग का हल्का फुल्का दाग लग रहा है तो इसे देखकर बिल्कुल भी घबराएं नहीं। साथ ही ब्लीडिंग की समस्या होने पर पूरा आराम करें, भारी चीजों को न उठायें, पेट के बल किसी काम को न करें आदि। यदि आप इन टिप्स का ध्यान रखते हैं तो प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली ब्लीडिंग की समस्या से निजात पाने में आपको मदद मिलती है। लेकिन यदि ब्लीडिंग बहुत अधिक होती है तो आपको डॉक्टर से मिलने में बिल्कुल भी देरी नहीं करनी चाहिए।

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