शिशु की मालिश
शिशु के जन्म के बाद हर माँ शिशु के बेहतर शारीरिक विकास और शिशु के स्वस्थ रहने के लिए उसे बेहतर से बेहतर केयर देना चाहती है, और शिशु की केयर के बेहतर तरीको में से एक शिशु की मालिश करना भी है। पुराने समय से ही शिशु के जन्म के बाद नियमित रूप से शिशु को नहलाने से आधा या एक घंटा पहले मालिश की जाती है। कई लोग जैसे की जिन्हे मालिश करनी नहीं आती है वो तो मालिश करने वाली को अपने घर में बुलवाते भी हैं। साथ ही शिशु की मालिश करने से नवजात के शरीर को पोषण मिलता है, शिशु आराम महसूस करता है, आदि। ऐसे ही और बहुत से फायदे हैं जो जन्म के बाद शिशु को मालिश करने से मिलते हैं।
शिशु को मालिश करने के फायदे
जन्म के बाद शिशु को माँ का मालिश करना बहुत जरुरी होता है क्योंकि न केवल यह शिशु के विकास को बढ़ाते हैं बल्कि ऐसा करने से शिशु को और भी बहुत से फायदे मिलते हैं। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की शिशु को मालिश करने से कौन कौन से फायदे मिलते हैं।
शिशु का शारीरिक विकास बेहतर होता है
जन्म के बाद यदि शिशु की मालिश की जाती है तो इससे शिशु के शारीरिक विकास को बेहतर तरीके से होने में मदद मिलती है। जैसे की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, शिशु की ग्रोथ बढ़ती है, साथ ही इससे शिशु का शरीर मजबूत बनता है।। ऐसे में शिशु के शरीर को मजबूत बनाने के लिए जन्म के बाद नहाने से पहले नियमित रूप से शिशु की मालिश करनी चाहिए।
हड्डियां मजबूत होती है
हड्डियों का विकास बेहतर होने का मतलब होता है की शिशु के अंग अच्छे से विकसित हो रहें हैं, और शिशु के अंगो का मजबूती से विकास हो रहा है। और शिशु की हड्डियों के बेहतर विकास के लिए शिशु की तेल मालिश करना बहुत जरुरी होता है।
शिशु एक्टिव बनता है
शिशु के हाथ पैरों की मालिश होने से शिशु के अंगो की मजबूती को बढ़ाने में मदद मिलती है, जिससे शिशु एक्टिव होता है। साथ ही जितनी अच्छी आप शिशु की मालिश करते हैं, उतना जल्दी शिशु बैठना, खड़े होना, चलना सीखता है।
नींद अच्छी आती है
यदि शिशु की नींद पूरी होती है और शिशु अच्छे से सोता है, तो इससे शिशु की ग्रोथ को बढ़ाने में मदद मिलती है। और मालिश करने से शिशु को आराम महसूस होता है, जिससे शिशु को बेहतर नींद लेने में मदद मिलती है।
ब्लड फ्लो बेहतर होता है
मालिश करने से शिशु के शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर तरीके से होने में मदद मिलती है, और यदि बॉडी में ब्लड फ्लो बेहतर तरीके से होता है तो इससे शिशु के विकास को भी बढ़ावा मिलने में मदद मिलती है।
आराम महसूस होता है
शिशु की मालिश करने से शिशु के अंग, थकी हुई मांसपेशियों, आदि को आराम पहुंचाने में मदद मिलती है, जिससे शिशु रिलैक्स महसूस करता है।
स्किन को पोषण मिलता है
शिशु की तेल मालिश करने से शिशु की स्किन को पोषण मिलता है जिससे स्किन की नमी को बरकरार रखने में मदद मिलती है। साथ ही स्किन की कोमलता को बरकरार रखने में भी मदद मिलती है।
शिशु की मालिश के लिए कौन से तेल का इस्तेमाल करें
- एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर नारियल का तेल हल्का होने के साथ स्किन को भरपूर मात्रा में पोषण युक्त रखने में भी मदद करता है। साथ ही इससे मालिश करने पर शिशु की स्किन को ठंडक का अहसास पहुंचाने में भी मदद मिलती है।
- जैतून का तेल भी शिशु की मालिश करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है केवल भारत ही नहीं बल्कि बाहर विदेशो में भी इसका इस्तेमाल शिशु की मालिश के लिए किया जाता है।
- विटामिन इ से भरपूर बादाम का तेल भी शिशु की स्किन को कोमल बनाएं रखने में मदद करता है, साथ ही बादाम के तेल से मालिश करने के बाद शिशु को अच्छी नींद लेने मद मदद मिलती है।
- सरसों का तेल भी शिशु की मालिश के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह तासीर में गर्म होता है ऐसे में इसे किसी अन्य तेल के साथ मिलाकर शिशु की मालिश के लिए उपयोग में लाना चाहिए, और हो सकें तो गर्मियों में शिशु को सरसों की तेल मालिश करने से बचना चाहिए।
- बहुत से लोग कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल भी शिशु की मालिश के लिए करते हैं, कैस्टर ऑयल से मालिश करने पर शिशु की स्किन की कोमलता को बरकरार रहने में मदद मिलती है।
तो यह हैं शिशु की मालिश से जुड़े कुछ टिप्स और फायदे, ऐसे में जन्म के बाद हर माँ को शिशु की मालिश जरूर करनी चाहिए। ताकि जन्म के बाद शिशु के शारीरिक विकास को बेहतर तरीके से होने में मदद मिल सके। इसके अलावा शिशु की मालिश कैसे करनी चाहिए और कौन से तेल का इस्तेमाल करना चाहिए इसके लिए आप एक बार डॉक्टर से भी राय ले सकती है।